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Updated: 12 जुलाई, 2022 10:29 PM
देवेश त्रिपाठी
देवेश त्रिपाठी
  @devesh.r.tripathi
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भाजपा नेता इंद्रा चौधरी गठाला का ये वीडियो सितंबर 2021 का है. जब इंद्रा ने सीकर के वीर तेज मंदिर में लापरवाही से गाड़ी चलाने वालों को खरी-खरी सुना दी थी. वायरल वीडियो में इंद्रा चौधरी गठाला कहती नजर आती हैं कि 'एक लाख युवा हर साल लापरवाह ड्राइविंग के कारण जान गंवाते हैं. आप सोचिये 25 साल लगते हैं, बच्चे को पालकर बड़ा करने में और 25 सेकेंड में लापरवाह ड्राइविंग के कारण वो लाश में बदल जाता है. क्या बीतती होगी उस मां के ऊपर, जो अपने जाते हुए बेटे की पीठ देखती है. और, आते हुए बेटे का मुंह नहीं देख पाती. अगर आप सोचते हैं कि आप डैशिंग या हैंडसम दिखते हैं, तेज गाड़ी भगाते हुए हैं. तो, ऐसा नहीं है. आप लापरवाह, बेपरवाह और बेवकूफ दिखते हैं. कम से कम सड़क पर गाड़ी चलाएं, तो याद रखिए कि आपकी जिंदगी आपके माता-पिता की भी है.' 

सड़क दुर्घटना के आंकड़ों पर डालिए एक नजर

संसद में रखे गए आंकड़ों के अनुसार, 2019 में सड़क दुर्घटनाओं की कुल संख्या 4,49,002 थी. जिनमें से 3,19,028 यानी 71.1 फीसदी सड़क दुर्घटना के मामले ओवर स्पीड की वजह से हुए थे. 2020 में जिस साल कोरोना की वजह से तमाम पाबंदियां लागू थीं. उस साल भी देशभर में सड़क दुर्घटनाओं के 3,54,796 मामले दर्ज किए गए थे. इन हादसों में 1,33,201 लोगों ने जान गंवाई थी. सड़क दुर्घटना के कुल मामलों में 60 फीसदी से ज्यादा हादसे तेज रफ्तार की वजह से हुए थे. जिनमें 75,333 लोगों की मौत हुई थी.

BJP Leader Indra Choudhary Gathala speech on Rash Driving and Road Accident shows pain of Parent in Viral Video on Social Mediaभाजपा नेता ने बात पते की कही है. लेकिन, कोई माने तब ही कही बात सफल होगी.

माता-पिता पर क्या गुजरती है?

सैकड़ों ऐसी खबरें सुर्खियों में आती रहती है कि किसी माता-पिता ने अपना बेटा सड़क दुर्घटना में खोने के बाद लोगों को जागरूक करने का काम शुरू किया. लेकिन, वो ऐसा क्यों करते हैं? क्योंकि, अपनी औलाद को खोने का दर्द केवल वही महसूस कर पाते हैं. और, वो नहीं चाहते कि कोई और भी उसी दर्द से गुजरे. हालांकि, ये एक आम सी खबर बनकर रह जाती है. क्या लोगों को मोटरसाईकिल का एक्सीलेटर उमेठने और कार के एक्सीलेटर पर पूरा पांव रखने से पहले एक बार भी इन खबरों का ध्यान आता है? भले ही सरकारें लंबे समय से लापरवाही से गाड़ी चलाने वालों पर चिंता जताती रही हों. लेकिन, इससे सड़क दुर्घटनाओं में कोई कमी नहीं आई है.

लेखक

देवेश त्रिपाठी देवेश त्रिपाठी @devesh.r.tripathi

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं. राजनीतिक और समसामयिक मुद्दों पर लिखने का शौक है.

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