New

होम -> सोशल मीडिया

 |  7-मिनट में पढ़ें  |  
Updated: 18 दिसम्बर, 2018 11:11 AM
श्रुति दीक्षित
श्रुति दीक्षित
  @shruti.dixit.31
  • Total Shares

क्या आपने असम रेप फेस्टिवल के बारे में सुना? जी हां, पढ़कर चौंकिए मत सोशल मीडिया पर आने वाली हर चीज़ पर यकीन करने वाले लोग इन दिनों असम रेप फेस्टिवल पर यकीन कर रहे हैं. सोशल मीडिया पर पिछले कुछ सालों से (यकीनन कई सालों से) एक तस्वीर वायरल हो रही है. थोड़े-थोड़े दिनों के अंतराल में ये तस्वीर सामने आ जाती है. तस्वीर में लिखा होता है कि असम का रेप फेस्टिवल शुरू होने वाला है. ये किसी न्यूज साइट का स्क्रीन शॉट है और लोग इसे बिना सोचे समझे शेयर भी करते हैं.

650: ये तस्वीर 15 दिसंबर 2018 को फेसबुक पर शेयर की गई थी.)ये तस्वीर 15 दिसंबर 2018 को फेसबुक पर शेयर की गई थी

तस्वीर को देखकर एक झलक में लगेगा कि ये क्या पढ़ रहे हैं, लेकिन अगर गौर करेंगे तो साफ समझ आ जाएगा कि ये पूरी तरह से फेक है और इसका सच्चाई से कोई लेना देना नहीं है.

1. सबसे पहले तो इस स्क्रीनशॉट में जो तस्वीर दी गई है वो कुंभ मेले में नागा साधुओं की तस्वीर है. जो कहीं से भी असम की नहीं है.

2. एक गूगल सर्च आपको ये बता देगी कि असम में ऐसा कोई फेस्टिवल नहीं होता (वैसे तो ये सर्च करने की भी जरूरत नहीं है, ये सोचिए कि क्या वाकई ऐसा कुछ होगा और हंगामा नहीं होगा?)

3. तीसरी बात ये किसी इंडियन साइट का स्क्रीनशॉट नहीं है.

क्या है इस खबर की असलियत?

किसी भी खबर की सत्यता कैसे जानी जाती है? आज के जमाने में इसके लिए गूगल सबसे बेहतरीन तीरका है. जैसे ही गूगल किया तो सामने आ गया कि ये खबर असल में 2013 की है. एकदम किसी निष्कर्श पर पहुंचने से पहले मैं आपको बता दूं कि ये 2013 में पब्लिश हुई स्टोरी जरूर है पर ये असली नहीं है. ये फेक न्यूज है. इसे किसी ने व्यंग्य के तौर पर लिखा था. और ये व्यंग्य लिखने वाला भी हिंदुस्तानी नहीं है. ये एक अमेरिकी वेबसाइट की करतूत है.

अमेरिकी वेबसाइट NationalReport.net पर एक फ्रीलैंस रिपोर्टर डेविड एमिरी (David emery) ने ये आर्टिकल लिखा था. मज़े की बात तो ये है कि इस आर्टिकल को लिखने वाले व्यक्ति ने कहीं भी ये नहीं लिखा था कि ये एक व्यंग्य है या फिर ये एक फेक न्यूज है.

आर्टिकल में लिखी गई बातें-

भारत में पुरुष असम रेप फेस्टिवल की तैयारी शुरू कर चुके हैं, ये कुछ ही दिन में शुरू हो जाएगा. हर कुंवारी लड़की जो 7 से 16 साल के बीच है उसके पास मौका होगा कि वो भाग जाए या फिर रेप का सामना करे. 24 साल के हरिकृष्ण मजुमदार का कहना है कि, 'मैं पूरे साल इस इवेंट के लिए तैयारी कर रहा था. इस साल मैं सबसे ज्यादा रेप करूंगा. मैं अपनी बहन और उसकी सहेलियों का रेप हर दिन करता हूं. मैं रेप सुपरस्टार नंबर वन बन जाऊंगा और मैं इस साल बालकृष्ण अवॉर्ड भी जीतूंगा'

"Men in India are already beginning to celebrate as the annual Assam Rape Festival is just days away. Every non-married girl age 7-16 will have the chance to flee to safety or get raped,"

"24-year-old Harikrishna Majumdar told reporters that he has been training all year for this event. "I'm going to get the most rapes this year. I've been practicing all year. I rape my sister and her friends every day. I will be rape superstar number one! I will get the Baalkrishan prize this year for sure!"

ये बेहद शर्मनाक आर्टिकल कहता है कि सबसे ज्यादा रेप करने वाले व्यक्ति को बालकृष्ण अवॉर्ड दिया जाएगा. यहां तक कि एक लड़की के बारे में भी बताया गया था जो पिछले साल 9 लोगों से रेप का शिकार हुई थी और कहा गया था कि वो इस साल फिर से इस फेस्टिवल में हिस्सा लेगी क्योंकि अगर उसने ऐसा नहीं किया तो उसे पत्थरों से पीट-पीटकर मार डाला जाएगा.

ये आर्टिकल बेहद शर्मनाक था और इसका असलियत से कोई वास्ता नहीं था. बस भारत की सोशल समस्या को लेकर इसे एक व्यंग्य के तौर पर लिख दिया गया था. जब ये आर्टिकल पब्लिश हुआ था तब नैशनल रिपोर्ट वेबसाइट नई थी और उसके बारे में ज्यादा किसी को पता नहीं था. 2013 में आए इस आर्टिकल ने सभी को चौंका दिया था.

एक बात सोचने वाली है कि तब से लेकर आज तक यानी 5 सालों बाद भी इससे जुड़ी तस्वीरें शेयर की जा रही हैं और विदेशियों की क्या कहें हमारे देश के लोग भी इसे शेयर कर रहे हैं. अभी तक देश में लोगों को ये समझाना मुश्किल हो रहा है कि आखिर फेक न्यूज क्या है और असली क्या है.

जिस समय ये आर्टिकल पब्लिश हुआ था उस समय कई भारतीय मीडिया संस्थानों और असम पुलिस ने इसके खिलाफ ऐक्शन लिया था.

भारतीय मीडिया ने इस वेबसाइट के आर्टिकल को सिरे से नकारा था और आखिरकार नैशनल रिपोर्ट ने इसे हटा लिया था.भारतीय मीडिया ने इस वेबसाइट के आर्टिकल को सिरे से नकारा था और आखिरकार नैशनल रिपोर्ट ने इसे हटा लिया था.

नैशनल रिपोर्ट वेबसाइट ने इस आर्टिकल के लिए काफी समय तक कोई कार्यवाही नहीं की थी. लेकिन इस आर्टिकल के आने के बाद इंटरनेट पर असम और हिंदुस्तान की काफी किरकिरी हुई थी. कई अमेरिकी लोगों के कमेंट्स आए थे इस आर्टिकल पर और इसे सच मानकर लोगों ने भारत की छवि भी खराब की थी.

जब इसपर बहस हुई तो नैशनल रिपोर्ट वेबसाइट ने अपना आर्टिकल हटा लिया, लेकिन फिर भी माफी नहीं मांगी.

जब ये आर्टिकल लिखा गया था तब वेबसाइट पर कहीं भी ये नहीं लिखा था कि ये व्यंग्य लिखने वाली वेबसाइट है पर बाद में नैशनल रिपोर्ट ने अपने पेज पर डिस्क्लेमर टेक्स्ट लिख दिया जिसमें बताया गया कि ये फेक न्यूज वेबसाइट है जिसमें अधिकतर फिक्शन यानी काल्पनिक बातों को लिखा जाता है.

पर सोचने वाली बात ये है कि किसी की मानसिकता कितनी गिर सकती है जो वो एक सामाजिक समस्या पर इस तरह का व्यंग्य लिखे जो किसी को बदनाम करने के लिए काफी हो? वजह जो भी रही हो, लेकिन लोग आज भी उस वेबसाइट द्वारा लिखे गए फेक और बकवास आर्टिकल पर यकीन करते हैं और अभी तक उसे शेयर भी कर रहे हैं. ये वेबसाइट न जाने कितने ऐसे आर्टिकल रोज़ लिखती है और सभी व्यंग्य या फिक्शन होते हैं.

जहां एक ओर भारत में फेक न्यूज को इस कदर फैलाया जा रहा है कि एक वॉट्सएप मैसेज के कारण लिंचिंग हो जाती है उस समय भी बिना सोचे समझे लोग कुछ भी शेयर कर रहे हैं. वॉट्सएप पर आई हुई एक गाय की फोटो भी कई लोगों की मौत का कारण बन सकती है.

फेक न्यूज के कारण राहुल गांधी को नाजायज कहा जाता है, फेक न्यूज के कारण मोदी को ढोंगी कहा जाता है, फेक न्यूज के कारण भारत की राजनीतिक समस्याएं भी बढ़ जाती हैं. आलम ये है कि 2019 इलेक्शन से पहले भारत सरकार और फेसबुक मिलकर इस बात का समाधान निकालने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिर फेक न्यूज किस तरह से खत्म की जाए. उस समय भी लोग बिना सोचे समझे फेक न्यूज शेयर कर देते हैं. किसी भी ऑनलाइन पोस्ट को शेयर करने से पहले एक बार ये जरूर सोच लीजिए कि आखिर किस हद तक ये न्यूज बाकियों पर असर कर सकती है और पहली और सबसे अहम बात कि ये सही है भी या नहीं.

ये भी पढ़ें-

लड़कियों के लिए भद्दी भाषा प्रयोग करने की दोषी मशीन कैसे?

सोनाली बेंद्रे की मौत की खबर क्या आपको भी मिली ?

लेखक

श्रुति दीक्षित श्रुति दीक्षित @shruti.dixit.31

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

iChowk का खास कंटेंट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक करें.

आपकी राय