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Updated: 24 मई, 2016 05:57 PM
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शरीर पर गोदकर बनाए गए निशान अब सिर्फ निशान नहीं, बल्कि एक फैशन ट्रेंड बन गए है, जो पिछले कुछ समय में बड़ी तेजी से उभरा है. टैटू की दीवानगी लोगों के सर चढ़कर बोल रही है. ऐसे में बच्चे भला कैसे पीछे रह सकते हैं. टैटू के लिए बच्चों में भी खासा क्रेज देखने मिलता है. हां, वो बात और है कि बच्चों के टैटू परमानेंट न होकर टैम्परेरी होते हैं.

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 बड़े ही नहीं, बच्चे भी हैं टैटू के दीवाने

न्यूजीलैंड के आर्टिस्ट बैन्जामिन लॉयड पिछले एक दशक से एयर ब्रशिंग आर्ट पर काम कर रहे थे, लेकिन जैसे ही उन्होंने इस तकनीक का इस्तेमाल बच्चों के लिए टैटू बनाने में किया वो इंटरनेट की दुनिया में सैंसेशन बन गए.

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 बच्चों पर बना रहे हैं टैम्परेरी टैटू, जिसे बच्चे बहुत पसंद कर रहे हैं

बैन्जामिन खासतौर पर उन बच्चों के लिए टैटू बनाते हैं जो बीमार होते हैं. अपने शरीर पर बड़े और शानदार टैटू देखकर बच्चे खुश रहते हैं और उनका मनोबल बढ़ता है. ये टैटू बनवाने में बच्चों को जरा भी दर्द नहीं होता, इन्हें बैन्जामिन एयर ब्रश से बनाते हैं, जो बच्चे आराम से बनवा लेते हैं. एक टैटू करीब 8 से 9 मिनट में बन जाता है. ये टैटू परमानेंट नहीं होते बल्कि धोने से आराम से मिट भी जाते हैं. लेकिन जब तक बच्चों के शरीर पर रहते हैं, बच्चों में ऊर्जा का संचार होता रहता है.  

देखिए कैसे बनाए जाते हैं ये टैटू-

एक बीमार बच्चे पर अपने टैटू की तस्वीरें फेसबुक पर शेयर करते हुए उन्होंने लिखा कि- टैटू बनाकर एक बीमार बच्चे के आत्मविश्वास को बढ़ाने से ज्यादा खुशी और किसी काम से नहीं मिलती. उन्होंने आगे लिखा कि अगर इस पोस्ट पर 50 लाइक्स भी आते हैं तो वो ऑक्लैंड स्टारशिप चिल्ड्रन हॉस्पिटल के बीमार बच्चों के लिए फ्री में टैटू बनाएंगे.

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उन्होंने अपनी पोस्ट पर 50 लाइक्स की उम्मीद लगाई थी, लेकिन लोग उनके काम से इतना प्रभावित हुए कि उनकी इस पोस्ट पर करीब 4 लाख से ज्यादा लाइक्स हैं और इसे 2 लाख से ज्यादा बार शेयर किया जा चुका है. अब बैन्जामिन बच्चों के अस्पताल जाने की तैयारी कर रहे हैं.

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बीमार बच्चों की खुशी के लिए बनाते हैं टैटू
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 आत्मविश्वास से भरे बच्चे, और ये विश्वास बढ़ा रहे हैं बैन्जामिन 

सोशल मीडिया पर एक तरफ लोगों ने बैन्जामिन के इस काम को काफी सराहा तो कई लोगों ने इसकी आलोचनाएं भी कीं. लेकिन बीमारी से जूझ रहे बच्चों के चेहरे पर अगर ये टैटू मुस्कान लाने में कामयाब होते हैं तो इससे बेहतर दवा और क्या हो सकती है... और इस बात का सबूत हैं वो माता-पिता जो खुद बैन्जामिन को अपने बीमार बच्चों पर टैटू करवाने के लिए उनसे प्रार्थनाएं कर रहे हैं.

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