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Updated: 03 सितम्बर, 2022 05:05 PM
ज्योति गुप्ता
ज्योति गुप्ता
  @jyoti.gupta.01
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पत्नी चाहें एमफिल हो, प्रोफेसर हो या फिर नेता...पति उसे थप्पड़ मार ही सकता है. वह पुरुष जो ठहरा. पत्नी भले ही नेता क्यों ना बन जाए मगर रहेगी तो उसकी गुलाम ही...वह एक महिला होकर अपनी औकात कैसे भूल सकती हैं? उसे याद दिलाना होगा कि अभी भी घर में राज पति का ही चलता है. होगी वह पंजाब सरकार की विधायक मगर रहेगी तो पति के पैरों की जूती ही...

आप विधायक बलजिंदर कौर को थप्पड़ मारने वाले उनके पति सुखराज सिंह की सोच शायद ऐसी ही होगी. मगर इस महिला नेता को मार खाने के बाद रोना नहीं चाहिए था, विधायक को भी अपने पति को बता देना था कि एक पत्नी चाहे तो क्या सक सकती है?

जब एक महिला पर हाथ छोड़ने वाले को शर्म नहीं आ रही है तो पत्नी आखिर कब तक लिहाज में मरेगी? वैसे भी महिलाएं सिर्फ नाम की नेता रहती है क्योंकि उनके विधायक पति सारा काम देखते हैं. जब चुनाव जीतने के बाद भी पति के इशारे पर ही काम करना है तो फिर नेता बनने की क्या जरूरत है?

महिलाएं कमजोर नहीं होती मगर शायद सिर्फ इसलिए वे चुप रहती हैं, क्योंकि उन्हें अपने घर में शांति चाहिए होती है. अगर वे ऐसा नहीं करेंगी तो उनका घर टूट जाएगा. अब घर टूट का सारा दोष भी तो पत्नी के सिर ही आएगा. बलजिंदर कौर तलवंडी साबो से दो बार विधायक हैं. वायरल वीडियो उनके घर है, किसी बात पर उनके पति सुखराज सिंह के साथ बहस हो रही है. इसके बाद सुखराज सिंह अचानक उठता है और पत्नी बलजिंदर कौर को थप्पड़ मारता है. वीडियो से समझ आ रहा है कि घर में परिवारिक झगड़ा चल रहा है, क्योंकि महिला विधायक के घर में परिवार के दूसरे सदस्य भी मौदूज हैं.

सोचिए, जब आम आदमी पार्टी की महिला नेता के घर का थप्पड़ कांड का यह वीडियो वायरल हुआ होगा तो उन्हें कितनी शर्मींदगी हुई होगी. मगर अभी तक उन्होंने शिकायत दर्ज नहीं कराई है ना ही कोई बयान दिया है. क्या उन्हें पति के खिलाफ लीगल एक्शन नहीं लेना चाहिए?

रिपोर्ट्स में यह कहा गया है कि बलजिंदर कौर ने एमफिल किया है और विधायक बनने से पहले वे प्रोफेसर थीं. फिर भी उनके पति की इतनी हिम्मत हो गई कि सरेआम उन्हें मार दिया तो सोचिए आम महिलाओं के साथ उनके घर में किस तरह का व्यवहार हो सकता है? इतनी ताकतवार महिला इतनी कमजोर कैसे हो सकती है? बलजिंदर कौर भी सोच रही होगा कि अब किस मुंह से मैं मां-बहनों के पास वोट मांगने जाउंगी. उनकी रक्षा की जिम्मेदारी अपने सिर कैसे लूंगी, जब मैं अपने ही घर में अपने पति के हाथों पिट सकती हूं बाकी क्या ही कहूं?

सुखराज सिंह को लगा होगा कि विधायक पत्नी को काबू में रखना उसका अधिका है. अगर बात बहस से खत्म ना हो तो वह पत्नी पर सबके सामने हाथ तो उठा सकता है. कोई उसका कुछ कर भी नहीं सकता, क्योंकि यह पति-पत्नी के बीच का मामला है.

अब समझ में आता है कि थप्पड़ फिल्म में तापसू पन्नू कितनी सही बात कहता है कि "हां एक थप्पड़ की बात है मगर नहीं मार सकता"...सच में जो पत्नी पर हाथ उठाए वह मर्द कैसे हो सकता है? इस वीडियो को देखने के बाद आपके मन में सबसे पहला ख्याल क्या आता है, क्या ऐसे पतियों को कानूनी रूप से सबक सिखाने की जरूरत नहीं है?

वीडियो देख गुस्सा आना लाजिमी है-

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लेखक

ज्योति गुप्ता ज्योति गुप्ता @jyoti.gupta.01

लेखक इंडिया टुडे डि़जिटल में पत्रकार हैं. जिन्हें महिला और सामाजिक मुद्दों पर लिखने का शौक है.

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