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Updated: 08 मार्च, 2020 06:26 PM
मृगांक शेखर
मृगांक शेखर
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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (International Women's Day) के मौकै पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने वादे के मुताबिक अपना सोशल मीडिया अकाउंट नारी शक्ति को समर्पित कर दिया. 2 मार्च, 2020 को शाम को 8.56 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़े ही अलग अंदाज में इसकी घोषणा की थी - 'अपने सोशल मीडिया अकाउंट छोड़ने की सोच रहा हूं...' अभी लोग अपने अपने हिसाब से समझने की कोशिश ही कर रहे थे कि मोदी ने 24 घंटे के भीतर ही रहस्य से परदा खुद ही हटा भी दिया.

प्रधानमंत्री मोदी के सोशल मीडिया अकाउंट से ऐसी महिलाओं की कहानियां (Inspiring Stories of 7 Women) सामने आ रही हैं जिन्होंने अकेले, अपने बूते कुछ नया करने की ठानी और तमाम दुश्वारियों से जूझते हुए मुकाम हासिल किया. खास बात ये रही कि ये मुकाम सिर्फ खुद के लिए नहीं, बल्कि बहुतों के लिए रहा - और यही बात बाकियों के लिए प्रेरणास्रोत है.

प्रेरणा की प्रतिमूर्ति - 7 देवियां

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि अपना सोशल मीडिया अकाउंट वो ऐसी महिलाओं को देना चाहते हैं जिनकी जिंदगी और काम हमें प्रभावित करते हैं. महिला दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा - जैसा मैंने कुछ दिन पहले कहा था मैं अब साइन ऑफ कर रहा हूं. आज दिन भर सात महिलाएं अपनी कामयाबी की कहानी. अपनी जीवन की कामयाबी यात्रा के बारे में मेरे सोशल मीडिया अकाउंट से बताएंगी - और उसके साथ ही एक निश्चित अंतराल पर देश के अलग अलग हिस्से से नारी शक्ति की प्रेरक कहानियां आने लगीं.

पहली कहानी आयी चेन्नई से. स्नेहा मोहनदास फूड बैंक की संस्थापक हैं और चाहती हैं कि पूरे देश में लोग ऐसे फूड बैंक चलायें ताकि कहीं कोई भूखे पेट न सोये. स्नेहा मोहनदास के बाद राजस्थान की मालविका अय्यर, कश्मीर की आरिफा, हैदराबाद की कल्पना रमेश, महाराष्ट्र की विजया पवार, कानपुर की कलावती देवी, मुंगेर की वीणा देवी सहित सात देवियों ने अपनी कहानियां शेयर की.

sneha mohandossप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ट्विटर अकाउंट से सबसे पहले स्नेहान मोहनदास ने ट्वीट किया - वो चेन्नई में फूड बैंक चलाती है और चाहती हैं पूरा देश ये काम करे ताकि कहीं कोई भूखे पेट न सो सके

2014 में प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठने के बाद मोदी ने समय समय पर महिलाओं का मुद्दा अलग अलग तरीके से उठाया. महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों को लेकर मोदी ने सवाल किया था कि जैसे बेटियों के घर से निकलने पर पूछा जाता है कि वो कहां जा रही है या कब तक आएगी - ऐसे सवाल बेटों से भी तो पूछे जाने चाहिये. सही बात है - लेकिन कोई पूछता क्यों नहीं?

पासवर्ड प्लीज!

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ट्विटर हैंडल से सबसे पहले चेन्नई की स्नेहा मोहनदास ने अपना वीडियो ट्वीट किया - स्नेहा मोहनदास फूड बैंक चलाती हैं. खास बात ये है कि स्नेहा ने लोगों को जोड़ने के लिए सोशल मीडिया का ही सहारा लिया. स्नेहा ने अपने शहर के लिए एक फेसबुक पेज बनाया और लोगों से अपने अपने राज्यों और शहरों के नाम से ऐसा करनी की अपील की. स्नेहा के मुताबिक, 2015 में चेन्नई में बाढ़ आने से पहले उन्होंने फूड बैंक की स्थापना की थी जिसका मकसद भूख से लड़ना - और भारत को एक ऐसा देश बनाना है जहां कोई भूखा न रहे.

औरों के लिए, प्रधानमंत्री मोदी के सोशल मीडिया अकाउंट से प्रेरणा बनने वाली स्नेहा को खुद ऐसा करने की प्रेरणा अपनी मां से मिली. वो बताती हैं - 'दादाजी के जन्मदिन और खास मौकों पर मां बच्चों को घर बुलाकर खाना खिलाती थीं - मुझे लगा इसे आगे ले जाना चाहिये.'

अपने संदेश में स्नेहा मोहनदास ने प्रधानमंत्री मोदी के ट्विटर अकाउंट के माध्यम से कहा, 'मैं सभी देशवासियों से, खासकर महिलाओं से अपील करती हूं कि वे आगे आएं और मेरे साथ जुड़ें. फिर क्या था, लोग एक एक करके रिएक्ट करने लगे.

तभी एक ट्विटर यूजर ने स्नेहा मोहनदास से प्रधानमंत्री मोदी के अकाउंट का पासवर्ड ही मांग डाला. ध्रुव सिंह नाम के ट्विटर यूजर ने स्नेहा मोहनदास से कहा, "प्लीज पासवर्ड बता दीजिए."

हाजिर जवाब स्नेहा मोहनदास ने भी ऐसा जबाव दिया कि वो भी वायरल हो गया - "New India...लॉग-इन तो करके देखिये."

महिलाओं-बेटियों को समर्पित मोदी की मुहिम

1. बेटियों को लेकर मुहिम: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' और 'सेल्फी विद डॉटर' जैसी मुहिम भी शुरू की और सिर्फ भारतीय भी नहीं, बल्कि देश से बाहर के लोगों ने भी बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया.

2. महिलाओं की आवाज: 2016 में महिला दिवस से पहले संसद में प्रधानमंत्री मोदी ने एक प्रस्ताव रखा - ‘8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस है और ऐसा हो सकता है कि उस दिन सिर्फ महिला सदस्य ही संसद में बोलें!’

प्रधानमंत्री मोदी का कहना था कि ‘महिला दिवस’ के मौके पर संसद की सारी गतिविधियां जैसे चलती हैं वैसी ही चलती रहें लेकिन बोलें सिर्फ महिला सांसद.

3. महिला नेतृत्व: 26 अप्रैल, 2019 को वाराणसी लोक सभा सीट से अपने नामांकन से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक सपने का जिक्र किया था. वो चाहते थे कि वोट देने के मामले में पुरुषों से ज्यादा महिलाओं की भागीदारी हो. प्रधानमंत्री ने बताया कि उनका सपना गुजरात में पूरा नहीं हो पाया था - और वो वाराणसी में पूरा करना चाहते थे. मोदी का ये सपना तो पूरा नहीं हो पाया लेकिन एक उम्मीद जरूर बंधी क्योंकि महिलाओं ने बीते चुनावों के मुकाबले ज्यादा वोट डाले थे. सबसे बड़ी बात 17वीं लोकसभा में अब तक सबसे ज्यादा महिलाएं सांसद बन कर पहुंची हैं - 78 महिला सांसद. भला और क्या चाहिये.

मुस्लिम महिलाओं के लिए तीन तलाक कानून लाने वाली मोदी सरकार एक बात को लेकर हमेशा ही निशाने पर रही है - महिला आरक्षण बिल. जैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक दिन के लिए महिलाओं को अपना सोशल मीडिया अकाउंट समर्पित किया - उम्मीद तो यही बंधती है कि अगली बार एक झटके में महिला आरक्षण कानून भी बन जाये.

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#महिला दिवस, #नरेंद्र मोदी, #महिलाएं, PM Narendra Modi, International Women's Day, Inspiring Stories Of 7 Women

लेखक

मृगांक शेखर मृगांक शेखर @mstalkieshindi

जीने के लिए खुशी - और जीने देने के लिए पत्रकारिता बेमिसाल लगे, सो - अपना लिया - एक रोटी तो दूसरा रोजी बन गया. तभी से शब्दों को महसूस कर सकूं और सही मायने में तरतीबवार रख पाऊं - बस, इतनी सी कोशिश रहती है.

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