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Updated: 09 जून, 2018 02:35 PM
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आतंकवाद और अलगाववाद पूरी दुनिया के लिए चुनौती हैं, लेकिन भारत को सबसे ज्यादा जूझना पड़ रहा है. सिर्फ जूझना ही नहीं बल्कि उसे भुगतना भी पड़ा है - और भारी कीमत भी चुकानी पड़ी है. मुंबई हमले से लेकर सेना के कैंप उड़ी अटैक तक इस तरह की घटनाएं इतनी हैं कि गिनना मुश्किल पड़ता है. ये मुल्क एक प्रधानमंत्री और एक पूर्व प्रधानमंत्री गंवा चुका है - और उसी पैटर्न पर एक नयी साजिश का पर्दाफाश हुआ है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'राजीव गांधी की तरह' हत्या की साजिश गंभीर चिंता का विषय है - और उससे भी ज्यादा हैरानी की बात कांग्रेस नेता संजय निरूपम का वो बयान है जिसमें 'हत्या की साजिश' पर शक जताया जा रहा है.

आतंकवाद पर चर्चा तो सबसे जरूरी है

चीन, अमेरिका के बाद दूसरा मुल्क है जहां मोदी सबसे ज्यादा पांचवीं बार पहुंचे हैं. एजेंडा रहित वुहान वार्ता के दो महीने बाद मोदी इस दौरे में सीमा पार आतंक, टेरर फंडिंग जैसे मुद्दे उठाने जा रहे हैं - और यही वजह है कि प्रधानमंत्री दुनिया के तमाम नेताओं से तो मिलेंगे, लेकिन पाकिस्तानी राष्ट्रपति से तो हरगिज नहीं. चीन दौरे से पहले ही मोदी ने अपने फेसबुक पोस्ट में कहा - 'परस्पर सहयोग के लिए SCO का विस्तृत एजेंडा है जिसमें आतंकवाद, अलगाववाद और चरमपंथ के खिलाफ लड़ाई शामिल है.'

एक तरफ प्रधानमंत्री मोदी अंतर्राष्ट्रीय मंच पर आतंकवाद और चरमपंथ के खिलाफ भारत के पक्ष में दूसरे देशों को साथ लाने की कोशिश कर रहे हैं - और दूसरी तरफ देश में ही उनकी हत्या की साजिश रचे जाने की बात सामने आयी है. विडम्बना तो ये है कि हत्या की साजिश पर भी सियासत होने लगी है.

प्रधानमंत्री की हत्या की साजिश

पुलिस तो भीमा-कोरेगांव हिंसा की जांच कर रही थी और उसी सिलसिले में पांच लोगों की गिरफ्तारी हुई. गिरफ्तार लोगों में से एक रोना जैकब विल्सन के मुनिरका फ्लैट से पुलिस ने ऐसा पत्र बरामद किया जो किसी का भी होश उड़ाने वाला है. पुणे पुलिस के मुताबिक इस में 'राजीव गांधी की हत्या' जैसी योजना का जिक्र है - और निशाने पर हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. ये खुलासा उस वक्त हुआ है जब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को जान से मारने की धमकी मिल रही है. इसे नक्सलियों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई से जोड़ कर देखा जा रहा है.

पुलिस को मिले पत्र का मजमून कुछ ऐसा है - "मोदी 15 राज्यों में बीजेपी को स्थापित करने में कामयाब हुए हैं... अगर ऐसा ही रहा तो सभी मोर्चे पर पार्टी के लिए मुश्किलें खड़ी होंगी... कॉमरेड किसन और कुछ अन्य सीनियर कॉमरेड ने मोदी राज को खत्म करने के लिए कुछ मजबूत कदम सुझाए हैं. हम राजीव गांधी जैसे हत्याकांड पर विचार कर रहे हैं... ये आत्मघाती जैसा लगता है और अधिक संभावना है कि हम असफल हो जाएं, लेकिन हमें लगता है कि पार्टी हमारे प्रस्ताव पर विचार करे... उन्हें रोड शो में टारगेट करना एक असरदार रणनीति हो सकती है... बाकी अगले पत्र में.'

हत्या की इस साजिश के सामने आने के साथ ही राजनीति भी शुरू हो गयी है. बीजेपी ने विपक्षी दलों से कम से कम इस मुद्दे पर राजनीति से बाज आने की सलाह दी है.

अय्यर जैसा एक्शन लेंगे राहुल गांधी?

प्रधानमंत्री मोदी की हत्या की साजिश पर आरजेडी नेता तेजस्वी यादव का कहना है कि सरकार को ऐसी धमकियों को गंभीरता से लेना चाहिये. तेजस्वी कहते हैं कि सुरक्षा एजेंसियों को पता लगाना चाहिये कि प्रधानमंत्री की हत्या की साजिश के पीछे किसका हाथ है?

प्रधानमंत्री की हत्या की साजिश को लेकर तेजस्वी यादव जितने गंभीर लगते हैं, कांग्रेस नेता संजय निरूपम को ये खबर प्लांट की हुई लगती है. वैसे ऐसी सोच वाले संजय निरूपम अकेले नहीं हैं, तेजस्वी की ही पार्टी आरजेडी के नेता शिवानंद तिवारी भी बिलकुल वैसी ही राय रखते हैं.

sanjay nirupamअय्यर जैसा ही है निरूपम का बयान

संजय निरूपम मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष हैं और हत्या की साजिश की खबर पर उनकी टिप्पणी है, 'मैं नहीं कहता कि ये पूरी तरह से झूठ है, लेकिन ये मोदी की पुरानी टैक्टिस रही है. मुख्यमंत्री रहते भी वो ऐसी ही टैक्टिस अपनाते रहे हैं. जब उनकी लोकप्रियता में गिरावट आती है, तो हत्या की साजिश की खबर प्लांट करा देते हैं. लिहाजा इसकी जांच होनी चाहिए कि यह कहां तक सच है."

तो संजय निरूपम की दिलचस्पी इस बात की जांच में ज्यादा है कि ये खबर प्लांट की हुई है या नहीं, बनिस्बत ये जानने के कि अगर कहीं ऐसी कोई साजिश हो रही है तो उसके पीछे कौन है? जैसा कि तेजस्वी यादव की डिमांड है.

ये उस पार्टी के एक नेता का बयान है जिसका अध्यक्ष ऐसी घटनाओं की बार बार याद दिलाता रहता है. राहुल गांधी के हर दौरे में कोई न कोई ऐसा वाकया या जिक्र आता है जब वो शेयर करना नहीं भूलते कि अपनों को गंवाने की पीड़ा क्या होती है. ये उसी पार्टी के एक नेता का बयान है जिसका एक नेता प्रधानमंत्री रहते और दूसरा उसी प्रधानमंत्री का बेटा और पूर्व प्रधानमंत्री देश के लिए लिये गये फैसलों के कारण सरेआम मार दिया जाता है. इंदिरा गांधी को 'ऑपरेशन ब्लू स्टार' तो राजीव गांधी को तमिलों के खिलाफ श्रीलंका सरकार की मदद करने के लिए जान गंवानी पड़ी.

क्या राहुल गांधी संजय निरूपम के खिलाफ भी कुछ वैसा ही एक्शन लेंगे जैसा उन्होंने मणिशंकर अय्यर के खिलाफ किया था. वैसे संजय निरूपम की बातें तो मणिशंकर अय्यर से भी कहीं ज्यादा घटिया हैं. मणिशंकर अय्यर ने गुजरात चुनाव के वक्त प्रधानमंत्री मोदी के लिए नीच शब्द का इस्तेमाल किया था. बाद में अय्यर ने सफाई दी कि ऐसा उनकी खराब हिंदी के चलते हुए. हालांकि, अय्यर उससे पहले हिंदी के क्लिष्ट शब्दों का भी सही इस्तेमाल कर चुके थे.

मोदी की हत्या की साजिश को लेकर कांग्रेस की ओर से आधिकारिक बयान तो लंबा-चौड़ा आया है - जिसमें महात्मा गांधी से लेकर छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के हमले में मारे गये नेताओं तक के नाम हैं. देखना है शिवानंद तिवारी के बयान पर तेजस्वी यादव क्या कहते हैं - और संजय निरूपम की बातों के बाद राहुल गांधी क्या एक्शन लेते हैं.

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