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Updated: 10 अगस्त, 2022 08:30 PM
देवेश त्रिपाठी
देवेश त्रिपाठी
  @devesh.r.tripathi
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खबर है कि 15 अगस्त से पहले नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने दिल्ली के बाटला हाउस इलाके से एक ISIS के संदिग्ध को गिरफ्तार किया है. और, गिरफ्तार किया गया मोहसिन अहमद जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी का छात्र है. एनआईए के अनुसार, मोहसिन अहमद एक कट्टरपंथी होने के साथ आतंकी संगठन आईएसआईएस का एक्टिव सदस्य है. जो आतंकी संगठन के देश और विदेश में बसे समर्थकों से पैसे इकट्ठा कर क्रिप्टोकरेंसी के जरिये सीरिया और अन्य देशों में भेजता था.

वहीं, आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान ने मोहसिन अहमद की गिरफ्तारी का विरोध किया है. अमानतुल्लाह खान ने ट्विटर पर मोहसिन अहमद को बेकसूर बताते हुए उसकी गिरफ्तारी को गलत और असंवैधानिक बताया है. अमानतुल्लाह खान की मानें, तो ISIS के नाम पर भाजपा और RSS ने मुसलमानों को बदनाम और परेशान करने का नया तरीका निकाला है. खान के हिसाब से मोहसिन को जल्द रिहा करना चाहिए. देखा जाए, तो आम आदमी पार्टी के विधायक ने एनआईए की जांच और कोर्ट को किनारे रखते हुए सीधे अपना फैसला सुना दिया है. इस स्थिति में सवाल उठना लाजिमी है कि जामिया से आईएस संदिग्ध मोहसिन पकड़ा जाता है, तो इसमें AAP बचाने क्यों आ रहे हैं? 

सपा के फॉर्मूले का दिल्ली और अन्य राज्यों में AAP कर रही प्रयोग

इसी साल हुए उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के मुंह से मुस्लिमों के मुद्दों पर बहुत ज्यादा बयानबाजी नजर नही आई थी. यहां तक कि अखिलेश यादव ने यूपी विधानसभा चुनाव पूरा होने तक जेल में बंद समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ मुस्लिम नेता आजम खान तक से मुलाकात नही की थी. इसके बावजूद मुस्लिम मतदाताओं के वोटों का एक बड़ा हिस्सा समाजवादी पार्टी के ही खाते में आया था. क्योंकि, उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी ही भाजपा को कड़ी टक्कर दे रही थी. दरअसल, जिस तरह से तमाम विरोधों के बावजूद उत्तर प्रदेश में मुस्लिम समाज ने अखिलेश यादव को एकमुश्त वोट दिया था. उसी तरह अरविंद केजरीवाल भी समाजवादी पार्टी के इस फॉर्मूले को अब गुजरात में लागू करने की ओर बढ़ चले हैं.

दरअसल, आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल सॉफ्ट हिंदुत्व और राष्ट्रवाद के पुरोधा बने हुए हैं. पिछले दिल्ली चुनाव में खुद को हनुमान भक्त बना चुके अरविंद केजरीवाल इसी साल राम जन्मभूमि के दर्शन करने के साथ ही हाल ही में गुजरात के सोमनाथ मंदिर में भी हाजिरी लगा चुके हैं. और, दिल्ली के स्कूलों में राष्ट्रभक्ति पाठ्यक्रम लागू कर नया तरीके का राष्ट्रवाद रचने की कोशिशें भी कर रहे हैं. आसान शब्दों में कहा जाए, तो अरविंद केजरीवाल की ये तमाम कोशिशें गुजरात में कई आंकड़े फिट करने के लिए मुफीद है.

AAP MLA Amanatullah Khan supports NIA arrested ISIS member Mohsin Ahmad Delhi Batla House Arvind Kejriwal Gujarat Election ConnectionAAP विधायक अमानतुल्लाह खान को अरविंद केजरीवाल का वरदहस्त मिला हुआ है.

गुजरात में AAP के लिए जरूरी है मुस्लिमों का वोट

गुजरात में मुस्लिम आबादी करीब 10 फीसदी है. और, सूबे की 25 विधानसभा सीटों पर मुस्लिम मतदाताओं का वोट हार-जीत तय करता है. हालांकि, गुजरात में भाजपा को भी अच्छा-खासी संख्या में मुस्लिम वोट मिलता है. लेकिन, अरविंद केजरीवाल गुजरात में जारी अपने चुनाव प्रचार में खुलकर मुस्लिम समुदाय के वोटों की मांग नही कर सकते हैं. अगर ऐसा होता है, तो भाजपा से नाराज हिंदू मतदाताओं का कांग्रेस के खाते में जाना तय हो जाएगा. और, मुस्लिम वोटों के लिए अरविंद केजरीवाल गुजरात में इतना बड़ा खतरा नही उठाएंगे. क्योंकि, गुजरात विधानसभा चुनाव ही तय करेगा कि 2024 से पहले आम आदमी पार्टी की आगे की रणनीति क्या होगी?

तो, इसी के चलते अमानतुल्लाह खान को खुलकर को AAP की ओर से मुस्लिमों के मामले पर अपनी राय खुलकर रखने के लिए फ्री हैंड मिला हुआ है. वरना हर मामले पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ऐसे मामलों पर चुप क्यों रहते? मुस्लिम समुदाय को साधने के नाम पर एक आतंकी का समर्थन कर देना किसी भी हाल में छोटी बात नही मानी जा सकती है. वैसे, अमानतुल्लाह खान मुस्लिम समुदाय को साधने की हरसंभव कोशिश करते नजर आ जाते हैं. इसके लिए वो किसी भी हद को पार करने से नही चूकते हैं.

दिल्ली में अवैध अतिक्रमण पर बुलडोजर चलाने की कार्रवाई के विरोध से लेकर शाहीन बाग में सीएए विरोधी धरना-प्रदर्शन तक में अमानतुल्लाह खान हर मौके पर मुस्लिम समुदाय के साथ खड़े नजर आते हैं. बाटला हाउस इनकाउंटर को साजिश बताने वाले आप विधायक खान ने उस मामले में गिरफ्तार आरोपियों की तरह ही इस बार संदिग्ध आतंकी मोहसिन अहमद का समर्थन कर खुद को मुस्लिमों का रहनुमा साबित करने की कोशिश की है. आसान शब्दों में कहा जाए, तो अमानतुल्लाह खान को AAP की ओर से मुस्लिम मामलों का अघोषित प्रवक्ता कहा जा सकता है.

केजरीवाल के तरकश में 'फ्री' के तीर

इस बात में कोई दो राय नही है कि गुजरात में भाजपा के खिलाफ सत्ताविरोधी लहर है. और, इसी सत्ताविरोधी लहर को अरविंद केजरीवाल गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 में अपने पक्ष में भुनाना चाहते हैं. सत्ताविरोधी लहर को ध्यान में रखते हुए ही मुफ्त बिजली-पानी-शिक्षा जैसे वादों के साथ बेरोजगारों को भत्ता आदि की ऐलान भी किए जा चुके हैं. संभव है कि जल्द ही अरविंद केजरीवाल पंजाब की तरह ही महिलाओं को लेकर भी कोई बड़ी घोषणा कर दें.

दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार की राजनीति का आधार ही फ्री योजनाएं हैं. हिंदू मतदाताओं को मुफ्त बिजली-पानी जैसी योजनाओं के सहारे आम आदमी पार्टी के पक्ष में लामबंद कर लिया जाता है. और, मुस्लिम मतदाताओं के लिए एक अघोषित प्रवक्ता के तौर पर अमानतुल्लाह खान हैं ही. आसान शब्दों में कहा जाए, तो संदिग्ध आतंकी मोहसिन के पीछे खड़े अमानतुल्ला खान के कंधे पर हाथ तो केजरीवाल का ही है.

लेखक

देवेश त्रिपाठी देवेश त्रिपाठी @devesh.r.tripathi

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं. राजनीतिक और समसामयिक मुद्दों पर लिखने का शौक है.

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