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Updated: 08 दिसम्बर, 2015 12:56 PM
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अमेरिकी राष्ट्रपति पद के चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अमेरिका को आतंकवाद के खतरे से बचाने के लिए इस देश में मुस्लिमों के प्रवेश पर रोक लगा दी जानी चाहिए. ट्रंप चाहते हैं कि न सिर्फ प्रवासी मुस्लिमों बल्कि मुस्लिम पर्यटकों के भी अमेरिका में प्रवेश पर रोक लगनी चाहिए.

हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति के कार्यालय वाइट हाउस की ओर से बयान जारी कर ट्रंप के बयान को गैर अमेरिकी कहा गया और इसे अमेरिकी मूल्यों और उसकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया गया. लेकिन ट्रंप की मुस्लिम विरोधी सोच को काफी समर्थन भी मिल रहा है. जो आने वाले दिनों में उनके समर्थकों की संख्या में काफी बढ़ोतरी कर सकता है और शायद ट्रंप को चुनाव भी जिता सकता है. इस समर्थन का ही नतीजा है कि पार्टी रिपब्लिकन के उम्मीदवारों में ट्रंप सबसे आगे हैं. अब बड़ा सवाल यही है कि इतनी ज्यादा मुस्लिम विरोधी सोच रखने वाले ट्रंप अगर अमेरिकी राष्ट्रपति बन गए तो क्या होगा.

ट्रंप जीते तो अमेरिका बनेगा सबसे ज्यादा असहिष्णु!
ये पहली बार नहीं है कि डोनाल्ड ट्रंप ने मुस्लिमों के खिलाफ बयानबाजी की है. इससे पहले भी वे सभी अमेरिकी मुस्लिमों के लिए धर्म के आधार पर अलग से उनका पहचान पत्र बनवाने और अमेरिका में स्थित सभी मस्जिदों की निगरानी किए जाने की बात कह चुके हैं. ट्रंप का कहना है कि अमेरिकी लोगों के प्रति मुस्लिमों की नफरत देश की सुरक्षा को खतरे में डाल देगी.

उन्होंने कहा कि अमेरिकी लोगों के प्रति मुस्लिमों की नफरत की कोई तुलना नहीं की जा सकती. उन्होंने पहले भी इस मुद्दे पर कहा था कि जब 2001 में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हमला हुआ तो न्यू जर्सी सिटी में हजारों मुस्लिम जश्न मना रहे थे. ट्रंप जिस रिपब्लिकन पार्टी से आते हैं उसे वैसे भी दक्षिणपंथी सोच वाली पार्टी माना जाता है, जो अमेरिकी राष्ट्रवाद को लेकर मुखर है. हालांकि ज्यादातर लोग ट्रंप के बयानों को तवज्जो नहीं देते हैं. लेकिन पेरिस और कैलिफोर्निया हमले में आतंकी संगठन ISIS की भूमिका ने अमेरिकी लोगों के मन में इस्लाम के प्रति नफरत बढ़ानी शुरू कर दी है. शायद यही वजह है कि ट्रंप ने मौके की नजाकत को देखते हुए मुस्लिमों के खिलाफ जुबानी हमले तेज कर दिए हैं और अब उन्हें काफी समर्थन भी मिल रहा है.

इस्लाम का कट्टर विरोधी देश बन जाएगा अमेरिका!
ट्रंप के बयान भले ही चुनाव जीतने के लिए राजनीति से प्रेरित हों लेकिन ये किसी छोटे देश के नेता का बयान नहीं है जिसे हल्के में लेकर टाल दिया जाए. ये दुनिया के नेतृ्त्वकर्ता माने जाने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार का बयान है, जो शायद चुनाव जीत भी सकता है. जरा सोचिए ऐसा व्यक्ति अमेरिका और दुनिया के लिए कितना खतरनाक हो सकता है. ये बयान उस अमेरिका के नेता की तरफ से आया है जिसने कुछ वर्षों पहले गुजरात में दंगों में मुस्लिमों के खिलाफ हिंसा रोक पाने में नाकाम रहने के कारण राज्य के तत्‍कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को वीजा देने से मना कर दिया था.

गुजरात दंगों में तो मोदी की भूमिका कभी साबित भी नहीं हुई तब भी उनका अमेरिका ने इतना विरोध किया. यहां तो ट्रंप अमेरिका में पूरे मुस्लिम समुदाय पर ही बैन लगा देने की बात कर रहे हैं. जो शायद दुनिया में अपने तरह का पहला मामला होगा. ऐसे में तो दूसरों को सहिष्णुता का पाठ पढ़ाता आया अमेरिका दुनिया का सबसे ज्यादा असहिष्णु देश बन जाएगा. ट्रंप की जीत से अमेरिका मुस्लिमों का खुले तौर पर विरोधी बन जाएगा. जिससे जाहिर तौर पर अमेरिका और इस्लाम धर्म के बीच दूरियां बढ़ेंगी और मुस्लिमों के मन में अमेरिका के प्रति नफरत कई गुना बढ़ जाएगी. क्या अमेरिका की ऐसी कट्टर सोच से दुनिया में आशांति और युद्ध का खतरा नहीं बढ़ेगा?

जिन्हें लगता है कि भारत में पिछले कुछ महीनों के दौरान असहिष्णुता काफी बढ़ गई है उन्हें दुनिया के सबसे ताकतवर और सभ्य देश माने जाने वाले अमेरिका के एक नेता की सोच शायद सदमे में डाल देगी!

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