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Updated: 07 मार्च, 2022 04:17 PM
देवेश त्रिपाठी
देवेश त्रिपाठी
  @devesh.r.tripathi
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यूपी चुनाव 2022 के सातवें और आखिरी चरण के लिए मतदान जारी है. छठे चरण में जहां समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव का मुकाबला सीएम योगी आदित्यनाथ से था. वहीं, सातवें चरण में अखिलेश की सीधी टक्कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से है. दरअसल, 9 जिलों की जिन 54 सीटों पर मतदान हो रहा है, उनमें पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी की 8 विधानसभा सीटें भी शामिल हैं. जो सीधे तौर पर पीएम मोदी की प्रतिष्ठा से जुड़ा मामला कहा जा सकता है. वहीं, अखिलेश यादव के लोकसभा क्षेत्र आजमगढ़ में भी सातवें चरण में ही मतदान है. तो, कहीं न कहीं इस चरण में समाजवादी पार्टी की भाजपा से सीधी भिड़ंत है. आसान शब्दों में कहा जाए, तो सातवें चरण में दो बड़े चेहरों के बीच सियासी जंग है. और, इन दिग्गजों की साख दांव पर लगी है. पूर्वांचल के आखिरी चरण में समाजवादी पार्टी को छोटे दलों से किए गए गठबंधन और पाला बदलने वाले विधायकों पर भरोसा है. वहीं, भाजपा ने भी जातीय समीकरणों को साधने के लिए गठबंधन समेत कई जुगत लगाई हैं. आइए जानते हैं सातवें चरण की उन हॉट सीट्स के बारे में जिन पर होगी सबकी नजर...

UP Election hot seatsसातवें चरण की 54 सीटों में पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी की 8 विधानसभा सीटें भी शामिल हैं.

जहूराबाद में ओपी राजभर के 'गुस्से' का इम्तिहान

बीते विधानसभा चुनाव में भाजपा के साथ गठबंधन करने वाली सुभासपा नेता ओमप्रकाश राजभर ने इस बार समाजवादी पार्टी की साइकिल पर सवारी की है. ओमप्रकाश राजभर पूरे यूपी चुनाव में भाजपा और सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ आग उगलते नजर आए हैं. राजभर मतदाताओं में अपनी पकड़ रखने का दावा करने वाले ओमप्रकाश राजभर गाजीपुर की जहूराबाद विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी गठबंधन के प्रत्याशी हैं. भाजपा ने इस सीट से पूर्व बसपा प्रत्याशी कालीचरण राजभर को चुनावी मैदान में उतारा है. कालीचरण राजभर 2002 और 2007 में जहूराबाद सीट से विधायक रहे थे. वहीं, बसपा ने इस सीट पर अखिलेश यादव की सरकार में मंत्री रहीं शादाब फातिमा पर दांव लगाया है. देखा जाए, तो प्रत्याशी पिछली बार वाले ही हैं, बस सबके झंडे का रंग बदल गया है. जिससे ओमप्रकाश राजभर की राह उतनी आसान नहीं रही है, जितनी इस सीट पर राजभर मतदाताओं की हनक से नजर आती है.

शिवपुर में दांव पर राजभर के बेटे का सियासी करियर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस की शिवपुर सीट से योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे अनिल राजभर चुनावी मैदान में हैं. अनिल राजभर के सामने सुभासपा नेता ओम प्रकाश राजभर के बेटे अरविंद राजभर समाजवादी पार्टी गठबंधन के प्रत्याशी हैं. इस सीट पर बसपा ने रवि मौर्य और कांग्रेस ने गिरीश पांडेय को टिकट दिया है. शिवपुर सीट पर ओमप्रकाश राजभर के बेटे का सियासी करियर दांव पर लगा हुआ है. इस सीट पर दलित मतदाताओं की संख्या निर्णायक है.

मऊ सदर में तय होगी मुख्तार अंसारी की राजनीतिक विरासत

मऊ सदर विधानसभा सीट पर 25 वर्षों से बाहुबली मुख्तार अंसारी का कब्जा रहा है. लेकिन, यूपी चुनाव 2022 में मुख्तार अंसारी ने चुनाव से दूरी बना ली है. हालांकि, ये दूरी केवल कहने भर की है. क्योंकि, समाजवादी पार्टी गठबंधन ने इस सीट से बाहुबली मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को प्रत्याशी बनाया है. भाजपा ने मऊ सदर सीट से अजय प्रकाश सिंह उर्फ मन्ना सिंह के चचेरे भाई अशोक सिंह को प्रत्याशी बनाया है. 2009 में मन्ना सिंह की हत्या के मामले में गवाह के मुकरने से मुख्तार अंसारी बरी हो गया था. बसपा ने भीम राजभर और कांग्रेस ने माधवेंद्र सिंह को टिकट दिया है.

फूलपुर पवई में स्थापित होगा किसका वर्चस्व?

अखिलेश यादव के संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ की फूलपुर पवई सीट पर 2017 में भाजपा के विधायक अरुणकांत यादव ने जीत हासिल की थी. आजमगढ़ जिले में अरुणकांत यादव भाजपा के इकलौते विधायक थे. जो पूर्व सांसद और बाहुबली नेता रमाकांत यादव के बेटे हैं. लेकिन, लेकिन, इस बार समाजवादी पार्टी ने बड़ा दांव खेलते हुए इस बार रमाकांत यादन को ही चुनावी मैदान में उतार दिया है. भाजपा ने अरुणकांत यादव का टिकट काटकर पुराने नेता रामसूरत राजभर को प्रत्याशी बनाया है. वहीं बसपा ने समाजवादी पार्टी के पूर्व नेता शकील अहमद को टिकट दी है. वहीं, कांग्रेस ने शाहिद शादाब को प्रत्याशी बनाया है. फूलपुर पवई विधानसभा सीट को रमाकांत यादव का गढ़ माना जाता है. लेकिन, हालिया शराब कांड में एक करीबी का नाम आने के बाद से बाहुबली रमाकांत यादव के लिए यहां का चुनाव काफी उलझा हुआ माना जा रहा है.

घोसी में दारा सिंह चौहान का 'टेस्ट'

योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्री रहे दारा सिंह चौहान ने यूपी चुनाव से पहले पाला बदलते हुए समाजवादी पार्टी की साइकिल की सवारी कर ली थी. 2017 में मऊ जिले की मधुबन सीट से चुनाव जीतने वाले दारा सिंह चौहान को समाजवादी पार्टी ने इस बार घोसी विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है. यहां दारा सिंह चौहान का मुकाबला भाजपा के विजय राजभर, बसपा के वसीम अहमद और कांग्रेस की प्रियंका यादव से होगा. विजय राजभर इस सीट पर फागू सिंह चौहान के राज्यपाल बनाए जाने के बाद हुए उपचुनाव में जीतकर आए थे.

मल्हनी को बाहुबली धनंजय सिंह ने बनाया हॉट सीट

पूर्वांचल के बाहुबली नेताओं में शुमार धनंजय सिंह जौनपुर की मल्हनी विधानसभा सीट से उम्मीदवार हैं. धनंजय जेडीयू के टिकट पर चुनावी मैदान में हैं. हालांकि, धनंजय सिंह लंबे समय से कोई चुनाव नहीं जीते हैं. लेकिन, उनकी उम्मीदवारी से ही मल्हनी सीट हॉट सीट में तब्दील हो गई है. भाजपा ने इस सीट से कृष्ण प्रताप सिंह को प्रत्याशी बनाया है. वहीं, समाजवादी पार्टी ने विधायक समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता पारसनाथ यादव के निधन के बाद उपचुनाव में जीते उनके बेटे लकी यादव पर ही भरोसा जताया है. गौर करने वाली बात ये है कि करहल में अखिलेश यादव के लिए चुनावी कैंपेन करने निकले मुलायम सिंह यादव मल्हनी भी आए थे. मुलायम सिंह के करीबी रहे पारसनाथ यादव को मिनी मुलायम कहा जाता था. लकी यादव के खिलाफ बसपा ने शैलेंद्र यादव और कांग्रेस ने पुष्पा शुक्ला को प्रत्याशी बनाया है.

लेखक

देवेश त्रिपाठी देवेश त्रिपाठी @devesh.r.tripathi

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं. राजनीतिक और समसामयिक मुद्दों पर लिखने का शौक है.

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