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बड़ा आर्टिकल  |  
Updated: 01 फरवरी, 2023 09:43 PM
अशोक भाटिया
अशोक भाटिया
 
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बुधवार को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट पेश किया हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नौकरीपेशा वालों से लेकर गरीब-किसान और महिलाओं तक के लिए कई ऐलान किए. एक ओर जहां प्रधानमंत्री आवास योजना के बजट को बढ़ाया गया, वहीं अंत्योदय योजना को एक साल के लिए और एक्सटेंड कर दिया गया है. इतना ही नहीं, इनकम टैक्स के स्लैब में भी अहम बदलाव किए गए. इस बजट से आम आदमी को क्या मिला, किसके लिए क्या घोषणाएं की गईं और गरीब-किसानों को क्या-क्या फायदा होगा, इस बात को विस्तार से समझना व टिपण्णी करना आवश्यक हैं. सबसे पहले गरीबों के लिए मोदी सरकार ने अंत्योदय योजना को लेकर बड़ा ऐलान किया. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत 2 लाख करोड़ रुपये केंद्र सरकार द्वारा वहन किया जा रहा है. अंत्योदय योजना के तहत गरीबों के लिए मुफ्त खाद्यान्न की आपूर्ति को एक वर्ष के ( इसे चुनावी वर्ष कहा जा सकता हैं ) लिए बढ़ा दिया गया है. वित्त मंत्री ने कहा. 'हमारा आर्थिक एजेंडा नागरिकों के लिए अवसरों को सुविधाजनक बनाने, विकास और रोज़गार सृजन को तेज़ गति प्रदान करने और व्यापक आर्थिक स्थिरता को मजबूत करने पर केंद्रित है.'

Budget, Budget 2023, Nirmala Sitharaman, Loksabha Election, Narendra Modi, Prime Minister, Modi Governmentजिस तरह का बजट है माना जा रहा है इसका सीधा असर चुनावों में दिखेगा

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अगले साल होने वाले आम चुनाव से पहले अपने पूर्ण बजट में मध्यम वर्ग और नौकरीपेशा लोगों को कर मोर्चे पर राहत दी. इसके तहत नई कर व्यवस्था के तहत सात लाख रुपये तक की आय पर अब कोई कर नहीं लगेगा. सीतारमण ने बुधवार को संसद में इस सरकार का अंतिम पूर्ण बजट पेश करते हुए इसका प्रस्ताव किया. इसके अलावा पहली बार नई कर व्यवस्था के तहत भी मानक कटौती के लाभ का प्रस्ताव किया गया है. अभी तक पुरानी कर व्यवस्था में 50,000 की मानक कटौती का लाभ दिया जाता था.

गरीबों के लिए अपना घर अब सपना नहीं रहेगा. मोदी सरकार ने गरीबों को अपना आशियाना देने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के बजट में बड़ा इजाफा किया है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2023-24 का बजट पेश करते हुए बुधवार को ऐलान किया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए आवंटन को 66 प्रतिशत बढ़ाकर 79,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि राज्यों और शहरों को शहरी नियोजन के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा.

केंद्र सरकार ने रेलवे के लिए भारी भरकम बजट का ऐलान किया. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि 2023-24 के आम बजट में रेलवे के लिये पूंजीगत परिव्यय को बढ़ा कर 2.40 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है जो अब तक का सर्वाधिक है. मंत्री सीतारमण ने कहा रेलवे को 2013-14 में जो राशि आवंटित की गयी थी, मौजूदा राशि उससे नौगुना अधिक है. वित्त मंत्री ने कहा कि रेल में सफर करने वाले यात्रियों की बढ़ती उम्मीदों के साथ रेलवे राजधानी, शताब्दी, दुरंतो, हमसफर और तेजस जैसी प्रमुख ट्रेनों के 1,000 से अधिक कोच के नवीनीकरण की योजना बना रहा है.

उन्होंने कहा कि इन कोच के अंतरिक हिस्सों को अत्याधुनिक बनाया जायेगा और यात्रियों के आराम के हिसाब से इसमें सुधार किया जायेगा. वित्त मंत्री के अनुसार साल 2013-14 के मुकाबले रेलवे का ये बजट लगभग 9 गुना ज्यादा है. रेलवे बजट में ये काफी बड़ी बढ़ोतरी है. पिछले कुछ सालों में रेलवे के बजट में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है.रेलवे में ही केवल 100 नई योजनाओं की शुरुआत होगी. निजी क्षेत्र की मदद से 100 योजनाओं की पहचान की गई है. जिस पर आगे काम किया जाएगा.

रेलवे की नई योजनाओं के लिए 75 करोड़ रुपये का अतिरिक्त फंड दिया गया है. आने वाले वित्त वर्ष में जो नई परियोजना शुरू होंगी उन पर इसे खर्च किया जाएगा. बजट में इस बार रेलवे का बजट बढ़ाने के अलावा ज्यादा एलान नहीं किए गए हैं. क्योंकि पहले से ही रेलवे की कई अहम परियोजनाओं पर काम चल रहा है. इनमें बुलेट ट्रेन परियोजना, रैपिड ट्रेन, चिनाब नदी रेलवे ब्रिज, बइरबी-साईरंग नई लाइन रेलवे परियोजना आदि शामिल हैं.

हालांकि रेल का सफर करने वाले सीनियर सिटीजन को इस बजट से राहत नहीं मिली. उम्मीद थी कि इस बार बजट में एलान किया जा सकता है कि सीनियर सिटीजन को रेलवे किराये में एक बार फिर छूट दी जाएगी, हालांकि ऐसा नहीं हुआ.कोरोना महामारी से पहले देशभर के सीनियर सिटीजन को रेलवे किराये में छूट दी जाती थी. साल 2019 में कोरोना महामारी के चलते इसे बंद कर दिया गया. पहले 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को 40 फीसदी और 58 साल की महिलाओं को 50 फीसदी तक छूट का प्रावधान था.

इसके बाद से ही लगातार उम्मीद लगाई जा रही थी कि सरकार बुजुर्गों को राहत देगी. रेलवे ने छूट खत्म करने के बाद करोड़ों की कमाई की थी. केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने इस बार के बजट में आदिवासी समुदाय के लिए महत्वपूर्ण जगह दी है. वित्त मंत्री सीतारमण ने ऐलान किया कि 15 हजार करोड़ रुपये की लागत से आदिवसी समुदाय के लिए नई योजना शुरू होगी. विशेष रूप से कमजोर आदिवासी समूहों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए पीएम-पीवीटीजी विकास मिशन शुरू किया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत पीवीटीजी परिवारों और बस्तियों को स्थायी आजीविका, सुरक्षित आवास, स्वच्छ पेयजल और स्वच्छता, स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण, सड़क और दूरसंचार संपर्क जैसी बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी. इसी दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन पर ध्यान देते हुए कृषि ऋण लक्ष्य को बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये किया जाएगा.

वित्त मंत्री ने कहा कि कृषि के लिए डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना को मुक्त स्रोत, मुक्त मानक और अंतर परिचालन सार्वजनिक संपत्ति के रूप में विकसित किया जाएगा. इतना ही नहीं, सरकार ने इस बार मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए अलग से एक योजना की शुरुआत की है, जिसे श्री अन्न योजना नाम दिया गया है. इसके जरिए देशभर में मोटे अनाज के उत्पादन और उसकी खपत को बढ़ावा दिया जाएगा.

मोदी सरकार ने बजट में महिलाओं के लिए एक बड़ा ऐलान किया है. दरअसल, मोदी सरकार महिलाओं के लिए एक खास योजना लेकर आई है, जिसका नाम महिला सम्मान बचत योजना दिया गया है. ‘महिला सम्मान बचत प्रमाणपत्र’ नामक इस योजना में दो साल के लिए 7.5 प्रतिशत की निश्चित दर से जमा राशि पर ब्याज मिलेगा. इस योजना के तहत किसी महिला या बालिका के नाम पर जमा किया जा सकता है. इसके तहत अधिकतम जमा राशि दो लाख रुपये रखी गई है और योजना में आंशिक निकासी की सुविधा भी होगी.

मोबाइल, इलेक्ट्रिक गाड़ियां, साइकिल, खिलौने, एलईडी टीवी, कपड़े, हीरे के आभूषण, मोबाइल कैमरा लेंस को सस्ता किया गया परन्तु सिगरेट, सोना, छाता, शराब, हीरा, एक्सरे मशीन और आयातित चांदी के सामान के सामान को महंगा किया गया है. वैसे देखा जाय तो हर बजट में ये चीजें महंगा होने का रवाज सा हो गया हैं. वैसे वित्त मंत्री ने पुरानी टैक्स व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं किया है. यह पहले की तरह ही जारी रहेगी. वहीं, नई टैक्स व्यवस्था को डिफॉल्ट टैक्स रिजीम बना दिया गया है.

नए टैक्स रिजीम में अब 7 लाख रुपये तक की सालाना आय पर आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा. सरकार ने नए टैक्स रिजीम में इनकम टैक्स छूट को 5 लाख से बढ़ाकर 7 लाख रुपये करने का प्रस्ताव रखा गया है. सरकार ने नए टैक्स रिजीम में हायर सरचार्ज रेट को 37 फीसदी से घटाकर 25 फीसदी करने का भी प्रस्ताव रखा है. निर्मला सीतारमण ने सीनियर सिटीजंस को भी बड़ा तोहफा दिया है. वित्त मंत्री ने सीनियर सिटीजंस के लिए सेविंग स्कीम्स में अधिकतम जमा सीमा को बढ़ा दिया है.

इस सीमा को 15 लाख रुपये से बढ़ाकर 30 लाख रुपये कर दिया गया है. साथ ही जॉइंट अकाउंट्स में मंथली इनकम स्कीम लिमिट को भी दोगुना किया गया है. यह एक अच्छी बात है कि इस बार बजट 2023 में बच्चों और युवाओं पर भी खासा ध्यान रखा गया है. वित्त मंत्री ने नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना करने का प्रस्ताव रखा है. इससे बच्चों और किशोरों को काफी फायदा होगा. इस लाइब्रेरी में भूगोल और साहित्य सहित कई विषयों की किताबें होंगी.

वित्त मंत्री ने 157 नए नर्सिंग कॉलेज बनाने का फैसला लिया है. रोजगार के मोर्चे पर देखें, तो 38,800 टीचर्स की भर्ती की जाएगी. साथ ही 740 एकलव्य मॉडल रेजिडेंशियल स्कूल्स के लिए सपोर्ट स्टाफ की हायरिंग होगी. बजट में प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 4.0 लॉन्च करने की भी घोषणा की गई है. साथ ही 30 स्किल इंडिया इंटरनेशनल सेंटर्स स्थापित होंगे. सरकार गरीब लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना के जरिए घर उपलब्ध कराती है.

इस बजट में वित्त मंत्री ने प्रधानमंत्री आवास पर खर्च को काफी बढ़ा दिया है. वित्त मंत्री ने प्रधानमंत्री आवास पर खर्च को 66 फीसदी बढ़ाकर 79,000 करोड़ रुपये कर दिया है. यह प्रधानमंत्री आवास खर्च में बड़ी बढ़ोतरी है. बजट 2023 में किसानों के लिए घोषणाएं हुई हैं. बजट भाषण में वित्त मंत्री ने कहा कि वैकल्पिक उर्वरकों को बढ़ावा देने के लिए पीएम-प्रमाण योजना पेश की जाएगी. उन्होंने कहा कि वैकल्पिक उर्वरकों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इस योजना के जरिए राज्यों को प्रोत्साहित किया जाएगा.

पीएम-प्रणाम एक कृषि प्रबंधन योजना है. इस कदम से राज्यों को उर्वरकों का उपयोग कम करने के लिए प्रोत्साहित करने में मदद मिलेगी. वैसे तो वित्त मंत्री ने विरोधियों के बोलने लायक कुछ रखा नहीं है फिर भी कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि बजट में कुछ चीजें अच्छी थी मैं इसे पूरी तरह नकारात्मक नहीं कहूंगा, लेकिन अभी भी कई सवाल उठते हैं. बजट में मनरेगा का कोई जिक्र नहीं था. सरकार मजदूरों के लिए क्या करने जा रही है? बेरोजगारी, महंगाई की बात भी नहीं की गई.

वहीं कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने कहा कि बजट का एक बड़ा हिस्सा राष्ट्रपति के अभिभाषण और आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट की पुनरावृत्ति है.टैक्स में किसी भी तरह की कटौती का स्वागत है. लोगों के हाथ में पैसा देना अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने का सबसे अच्छा तरीका है. मिलेट्स को लेकर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने पहले से ही कई तरह के कार्यक्रम शुरू कर दिए थे. अब केंद्रीय वित्त मंत्री ने भी बाजरा उत्पादकों की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए विशेष रूप से कार्यक्रम चलाए जाने का ऐलान किया है.

उन्होंने श्री अन्न के उत्पादन को और बढ़ाने, लोगों के भोजन की थाली का हिस्सा बनाने की दिशा में सरकार की ओर से प्रयास किए जाने का जिक्र किया. इससे श्री अन्न का उत्पादन करने वाले किसानों की स्थिति में सुधार होगा. योगी सरकार की ओर से इस दिशा में कार्य किया जा रहा है. बजट भाषण के दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन पर ध्यान देते हुए कृषि ऋण लक्ष्य को बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये किया जाएगा.

वित्त मंत्री ने कहा कि कृषि के लिए डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना को मुक्त स्रोत, मुक्त मानक और अंतर परिचालन सार्वजनिक संपत्ति के रूप में विकसित किया जाएगा. इतना ही नहीं, सरकार ने इस बार मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए अलग से एक योजना की शुरुआत की है, जिसे श्री अन्न योजना नाम दिया गया है. इसके जरिए देशभर में मोटे अनाज के उत्पादन और उसकी खपत को बढ़ावा दिया जाएगा.

बजट प्रावधानों को देखते हुए स्पष्ट कहा जा सकता है कि ये बजट 9 राज्यों व 2024 के आम चुनाव को देखते हुए बनाया गया है . यह पहले से ही माना जा रहा था कि इस बार के बजट में सरकार कड़वी दवाई पिलाने से परहेज करेगी. जानकार इसकी दो बड़ी वजह बताते हैं. पहली वजह, अभी भी देश का बाजार और औद्योगिक उत्पादन कोरोना काल 2020 से पहले वाली स्थिति में नहीं लौट पाया है. दूसरे खर्चे बढ़े हैं.

जानकार कहते हैं कि मध्यम वर्ग की होने वाली कमाई की तुलना में बोझ भी बढ़ा है. मंहगाई की मार झेल रहा है. इसलिए सरकार द्वारा 2023-24 में कड़वी दवाई पिलाने की उम्मीद कम दिखाई दे रही थी. पर यह भी सोचने वाली बात है कि यदि सरकार के पास पैसा नहीं आएगा तो लोक लुभावन काम या विकास की रफ्तार को कैसे संतुलित कर पाएगी.

जानकर कहते हैं कि लग रहा है कि केन्द्र सरकार आम जनता पर करों का बोझ तो नहीं डाल रही है, लेकिन बजट में चतुराई के साथ आगे की जेब में पैसा डालकर पीछे की जेब से निकालने की तकनीक प्रभावी रहेगी. जानकार कहते हैं कि मोदी सरकार ने 26 मई 2014 से केन्द्र की सत्ता संभाली है. साढ़े आठ साल में सरकार से जनता की नाराजगी अब खड़ी हो रही है और लग रहा है कि इसकी गंभीरता को केन्द्र सरकार भी समझ रही है. 

लेखक

अशोक भाटिया अशोक भाटिया

अशोक भाटिया, वरिष्ठ स्वतंत्र पत्रकार ,लेखक एवं टिप्पणीकार पत्रकारिता में वसई गौरव अवार्ड – 2023 से सम्मानित, वसई पूर्व - 401208 ( मुंबई ) फोन/ wats app 9221232130 E mail – vasairoad.yatrisangh@gmail।com

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