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Updated: 27 सितम्बर, 2018 03:40 PM
अनुज मौर्या
अनुज मौर्या
  @anujkumarmaurya87
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सुप्रीम कोर्ट ने आधार कार्ड पर अपना फैसला सुना दिया है. ये साफ हो चुका है कि कहां आधार जरूरी है और कहां नहीं. लेकिन ऐसा लगता है जैसे लोगों को आधार को लेकर अभी भी कई कनफ्यूजन हैं. कुछ लोगों को यही समझ नहीं आ रहा है कि कोर्ट का फैसला आखिर कहना क्या चाहता है. ट्विटर पर भी लोग कंफ्यूज से दिख रहे हैं. 'पैन के लिए आधार जरूरी और बैंक खाता खुलवाने के लिए नहीं, लेकिन बैंक के लिए पैन जरूरी....???' लोगों में ऐसे ही कनफ्यूजन फैल गए हैं. देखिए सचिन तेंदुलकर के ट्वीट पर कैसा रिएक्शन दिया है एक कंफ्यूज्ड ट्विटर यूजर ने.

तो क्या है इसका समाधान?

हर कोई कोर्ट का पूरा फैसला तो बेशक नहीं पढ़ सकता है, लेकिन यहां पर हम आपको कोर्ट के फैसले की वो अहम बातें समझा सकते हैं, जो आपके काम की हैं. वो बातें, जिन्हें जानने के बाद कोई आपको गुमराह नहीं कर सकेगा. आप समझ जाएंगे कि किसे आपको अपना आधार नंबर देना है और किसे मना कर देना है.

कहां जरूरी है आधार?

- पैन कार्ड बनाने के लिए आधार जरूरी है. जिनका पैन पहले से बना है, उन्हें भी अपने पैन से आधार को लिंक कराना जरूरी है.

- आयकर रिटर्न भरने के लिए आधार नंबर जरूरी होगा.

- सरकार की सभी लाभकारी योजनाओं और सब्सिडी ट्रांसफर का लाभ पाने के लिए भी आधार कार्ड देना जरूरी है. इन योजनाओं में पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम, एलपीजी, मिड डे मील और सरकार की ओर से मिलने वाली स्कॉलरशिप जैसी सेवाएं आती हैं.

आधार कार्ड, सुप्रीम कोर्ट, मोदी सरकार'पैन के लिए आधार जरूरी और बैंक खाता खुलवाने के लिए नहीं, लेकिन बैंक के लिए पैन जरूरी....???'

कहां आधार हुआ 'बेकार'?

- मोबाइल सिम के लिए कंपनी आधार नहीं मांग सकती है.

- बैंक खाता खुलवाने के लिए आधार नंबर की जरूरत नहीं है.

- स्कूल में एडमिशन के लिए बच्चे का आधार नंबर मांगा जाना भी गलत है.

- सीबीएसई, नीट, यूजीसी और बोर्ड की परीक्षाओं के लिए भी आधार नहीं मांगा जा सकता है. यहां आपको बताते चलें कि अभी तक इन परीक्षाओं के लिए आधार की मांग की जा रही थी.

- अगर किसी 14 साल से कम के बच्चे के पास आधार कार्ड नहीं है तो उसे केंद्र या राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली सेवाओं से वंचित नहीं किया जा सकता है.

- साथ ही बिना माता-पिता की मंजूरी के इन बच्चों का आधार भी नहीं बनवाया जा सकता है. जब बच्चे बालिग हो जाएं तो उन्हें यह अधिकार होगा कि वह चाहें तो आधार स्कीम से बाहर भी निकल सकते हैं.

- टेलिकॉम कंपनियां, ई-कॉमर्स फर्म, प्राइवेट बैंक और अन्य संस्थान भी आधार की मांग नहीं कर सकते हैं.

ये कनफ्यूजन हो रहे हैं लोगों को

1- बैंक खाता खोलने के लिए पैन चाहिए और पैन के लिए आधार, तो क्या सुप्रीम कोर्ट ने गुमराह कर दिया?

बैंक खाता खुलवाते समय पैन मांगा जाता है और पैन बनवाने के लिए आधार अनिवार्य है. ऐसे में लोगों को कनफ्यूजन है कि कोर्ट ने ये कैसा फैसला सुनाया है, जिसके तहत बैंक में अप्रत्यक्ष रूप से आधार को अनिवार्य किया हुआ है. यहां आपको बता दें कि पैन कार्ड के लिए बिना भी बैंक खाता खुलवाया जा सकता है. आप किसी भी पहचान पत्र के जरिए बेसिक सेविंग अकाउंट खुलवा सकते हैं, लेकिन इसमें पैसे रखने को लेकर बैंकों में कुछ सीमाएं होती हैं. हालांकि, 50,000 रुपए से अधिक की किसी भी ट्रांजेक्शन के लिए आपको पैन दिखाना अनिवार्य है. ऐसे में बैंक अपनी सहूलियत के लिए और आपको लिए बैंकिंग को आसान बनाने के मकसद से पहले ही पैन मांग लेते हैं.

2- अगर पैन के लिए आधार जरूरी है तो आयकर रिटर्न भरने के लिए इसकी अनिवार्यता का क्या मतलब?

बिना पैन कार्ड के आयकर रिटर्न भरना मुमकिन नहीं है और बिना आधार के पैन बनाना मुमकिन नहीं है. ऐसे में आयकर रिटर्न भरने के लिए पैन की अनिवार्यता क्यों की गई है? क्या सरकार को ऐसा लग रहा है कि लोग बिना आधार के ही पैन बनवा ले रहे हैं, या बिना आधार लिंक कराए भी पैन वैध हैं?

3- मिड डे मील को लेकर कनफ्यूजन

आधार एक्ट के सेक्शन 7 के तहत सोशल वेलफेयर स्कीम (पब्लिक डिस्ट्रिब्यूशन सिस्टम, मिड डे मील, स्कॉलरशिप, एलपीजी) दी जाती हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सोशल वेलफेयर स्कीम के लाभ के लिए आधार कार्ड होना जरूरी है. वहीं यह भी कहा है कि किसी भी बच्चे को आधार की वजह से किसी लाभ से वंचित नहीं किया जा सकता. तो क्या समझें? मिड डे मील के लिए आधार जरूरी है या नहीं? इसका जवाब भी सरकार को देना चाहिए.

आधार कार्ड कहां जरूरी है और कहां नहीं, ये तो अब आपकी भी समझ आ ही गया होगा, लेकिन अभी भी लोगों के मन में बहुत से कनफ्यूजन हैं, जिन पर भी सुप्रीम कोर्ट को ध्यान देना चाहिए. कुछ कनफ्यूजन तो आप ऊपर देख ही चुके हैं और कुछ कनफ्यूजन अभी आने वाले दिनों में सामने आएंगे. आधार की इस बहस में सुप्रीम कोर्ट का फैसला सिर्फ एक शुरुआत है. अभी इसके कनफ्यूजन कई हैं, जिन्हें लेकर आधार की बहस अभी लंबी चलेगी. सुप्रीम कोर्ट के अनुसार आप प्राइवेट कंपनियों से अपना पुराना आधार डेटा डिलीट करवा सकते हैं, लेकिन ये देखना दिलचस्प होगा कि इससे कंपनियों को कितनी परेशानी होगी. ध्यान रहे, सुप्रीम कोर्ट ने कुछ मामलों में सिर्फ आधार की अनिवार्यता खत्म की है, इसे गैर कानूनी नहीं कहा है. तो आप जब भी बैंक खाता खुलवाएंगे या मोबाइल सिम लेंगे, तो ये मुमकिन है कि वो आपसे आधार मांगें.

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