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Updated: 17 अक्टूबर, 2015 12:55 PM
विवेक शुक्ला
विवेक शुक्ला
  @vivek.shukla.1610
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राजधानी के पॉश न्यू राजेन्द्र नगर में रहता है वह शख्स जिसने देश को सबसे पहले गौ-रक्षा का नारा दिया था. ये बातें 60 के दशक की हैं. उसने ही गौ-रक्षा की मांग को राजनीतिक मुद्धा बनाया था. गाय को काटे जाने का विरोध किया था. बात हो रही जनसंघ के संस्थापक सदस्य बलराज मधोक की.

पर, अब मधोक देश में गौ-रक्षा को लेकर चल रहे सारे बवाल पर कोई प्रतिक्रया नहीं देते. वे चुप हैं. कुछ समय पहले भारतीय जनसंघ के संस्थापक सदस्य बलराज मधोक ने कहा था कि उन्होंने ही सबसे पहले 60 के दशक के मध्य में गौ-रक्षा की मांग करनी शुरू की थी. वे देशभर में घूम-घूमकर इस मुद्दे को उठा रहे थे. वे तब जनसंघ के शिखर नेता थे. अब लगभग 94 साल के हो चुके मधोक दावा करते हैं कि उन्होंने ही सबसे पहले अयोध्या में राम मंदिर हिन्दुओं को सौंपने की भी मांग की थी. उन्होंने 1968 में भारतीय जनसंघ के साउथ दिल्ली सीट से लोकसभा के सदस्य के रूप में ये मांग की थी.

उन्होंने गौ-रक्षा और रामजन्म भूमि हिन्दुओं को सौंपने के मसलों को संसद में भी कई बार उठाया. वे पहली बार 1957 में नई दिल्ली सीट से लोक सभा पहुंचे थे. तब अटल बिहारी वाजपेयी भी पहली बार लोकसभा पहुंचे थे. वाजपेयी तब बलरामपुर से चुनाव जीते थे. मधोक मानते हैं कि भारत में गाय का वध हो, ये अकल्पनीय है. वे दिल्ली में 60 के दशक में ही गौ-रक्षा के सवाल पर हुए बड़े आंदोलन की अगुवाई कर रहे थे. इस पर बैन लगना चाहिए. मधोक की राय रही है कि हिन्दुओं को राम जन्म भूमि सौंप दी जाए और उसके बगल में भव्य मस्जिद भी बना दी जाए.

श्यामा प्रसाद मुखर्जी के साथ भारतीय जनसंघ का संविधान लिखने वाले मधोक मानते रहे है कि भारत में गौ-वध पर रोक लगाने के लिए सरकार कानून बनाए. वे बताते हैं कि भारतीय जनसंघ का 21 अक्तूबर, 1951 को राजधानी में कनाट प्लेस से सटे राजा बाजार स्थित रघुमल आर्य कन्या विद्लाय में पहला सम्मेलन हुआ. उसमें श्यामा प्रसाद मुखर्जी को इसका पहला अध्यक्ष और उनहें राष्ट्रीय सचिव चुना गया. गौ-रक्षा के सवाल पर तब ही भारतीय जनसंघ ने आंदोलन करने का मन बना लिया था. वे साफ करते हैं कि वे कभी संघ के साथ नहीं जुड़े. उन्होंने संघ को 1938 में ही छोड़ दिया था. उनकी विचारधारा हिन्दू राष्ट्र के इर्दगिर्द घूमती है.

अब वे क्या कर रहे हैं ? जाहिर है कि बढ़ती उम्र के चलते मधोक बहुत एक्टिव तो नहीं है. पर, बीच-बीच में वे न्यू राजेन्द्र नगर आर्य समाज के कार्यक्रमों भाग लेते हैं. राजेन्द्र नगर आर्य समाज के अध्यक्ष अशोक कपूर कहते हैं कि कुछ समय पहले तक मधोक जी जी बहुत सक्रिय थे. अब पहले वाली बात नहीं रही. मधोक अपनी दोनों पुत्रियों के साथ रहते हैं. उनका ज्यादातर वक्त पुस्तकें पढ़ने में ही गुजरता है.

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लेखक

विवेक शुक्ला विवेक शुक्ला @vivek.shukla.1610

लेखक एक पत्रकार हैं.

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