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Updated: 09 मई, 2019 11:46 AM
बिलाल एम जाफ़री
बिलाल एम जाफ़री
  @bilal.jafri.7
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12 मई को दिल्ली में चुनाव है. बात देश की राजधानी से जुड़ी है तो भाजपा प्रत्याशियों के लिए प्रधानमंत्री का आना और रैली करना स्वाभाविक था. दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित रैली में एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गांधी परिवार को लेकर बड़ा हमला किया है. तमाम तरह के आरोप प्रत्यारोप के बीच पीएम मोदी ने कहा कि जो कांग्रेस आज ये कह रही है कि वो सेना का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं, उसे खुद अपने गिरेबान में झांकना चाहिए.

दिल्ली के रामलीला मैदान के मंच से प्रधानमंत्री मोदी ने राजीव गांधी से जुड़ी ऐसी कहानी सुनाई, जिसकी हकीकत बताती है कि भारतीय लोकतंत्र का सबसे बड़ा बहुमत पाने वाले राजीव गांधी ने किसी शहंशाह की तरह शासन किया. राजीव गांधी, उनके दोस्‍तों और रिश्‍तेदारों का लक्षद्वीप पर छुट्टियां मनाने के लिए देश के पहले विमान वाहक युद्धपोत INS विराट का इस्‍तेमाल करना हैरान कर देता है. बालाकोट सर्जिकल स्‍ट्राइक के बाद प्रधानमंत्री मोदी पर सेना का राजनीतिक इस्‍तेमाल करने का आरोप राहुल गांधी लगा रहे हैं. ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी ने उन्‍हें यह भी याद दिलाया कि INS विराट पर छुट्टी मनाने गए उनके पिता राजीव के साथ वो भी मौजूद थे. पीएम मोदी ने कहा कि, कांग्रेस के नामदार मुझसे पूछ रहे हैं कि सेना किसी की पर्सनल जागीर नहीं है. देश की रक्षा करने वालों को अपनी जागीर कौन समझता रहा ये भी मैं आज इस दिल्ली की धरती से हिंदुस्तान की जनता को बताना चाहता हूं.

नरेंद्र मोदी, दिल्ली, भाजपा, लोकसभा चुनाव, कांग्रेस, राजीव गांधी      दिल्ली के रामलीला मैदान में हमेशा की तरह पीएम मोदी ने कांग्रेस और राजीव गांधी पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं

पीएम मोदी ने दिल्ली वालों से सवाल पूछते हुए कई सवालों के जवाब खुद ही दिए. मोदी ने कहा कि, 'क्या आपने कभी सुना है कि कोई अपने परिवार के साथ युद्धपोत से छुट्टियां मनाने जा रहा है? आप इस सवाल पर हैरान मत होइए. ये हुआ है और हमारे ही देश में हुआ है. कांग्रेस के सबसे बड़े इस नामदार परिवार ने देश की आन बान शान INS विराट जो हमारा समुंद्री युद्ध जहाज है, INS विराट का अपने पर्सनल टैक्सी की तरह इस्तेमाल किया था. उसका अपमान किया था ये बात तबकी है जब राजीव गांधी भारत के प्रधानमंत्री थे और 10 दिन के लिए छुट्टियां मनाने निकले थे.'

पीएम मोदी ने बताया कि INS विराट उस समय समुद्री सीमाओं की रखवाली के लिए तैनात था लेकिन उसे छुट्टियां मनाने जा रहे गांधी परिवार को लेने के लिए भेज दिया गया. उसके बाद उनके पूरे कुनबे को लेकर INS विराट एक खास द्वीप पर रुका. 10 दिन तक रुका रहा.

सभा में मोदी ने राजीव गांधी के साथ छुट्टी मनाने वालों का भी जिक्र किया और कहा कि उस छुट्टी में कई बड़े लोगों के अलावा उनके ससुराल वाले भी शामिल थे. पीएम ने पूछा कि, सवाल ये कि क्या विदेशियों को भारत के वॉर शिप पर ले जाकर तब देश की सुरक्षा से खिलवाड़ किया गया था कि नहीं किया गया था. ये खिलवाड़ है कि नहीं है या सिर्फ इसलिए क्योंकि वो राजीव गांधी थे और उनके ससुराल वाले थे इटली से आए थे उन्हें सारी छूट मिल गई थी.

इसके बाद मोदी ने ये भी कहा कि, नामदार परिवार की इस छुट्टी का किस्सा इतने पर ही खत्म नहीं होता. गांधी परिवार जिस द्वीप पर गया था वहां आवभगत के लिए कोई नहीं था. इसलिए सारी सुविधाएं जुटाने का काम भी सरकार और नौ सेना के जवानों ने किया था. एक विशेष हेलीकॉप्टर वो भी सेना का दिन रात उनकी सेवा में लगा रहा. पूरा प्रशासन इन लोगों के मनोरंजन का इन्तेजाम देखता रहा.

राजीव गांधी की विवादास्‍पद छुट्टी की कहानी (इंडिया टुडे मैगजीन के हवाले से)

बात 1987 में की है दुनिया की राजनीति के शीर्ष नेताओं में शुमार मिखाइल गोर्बाचेव ब्लैक सी के बीचों पर चले गए थे और और रोनाल्ड रीगन भी सांता बारबरा में छुट्टियां माना रहे थे. राजीव गांधी ने भी फैसल किया कि वो भी परिवार के साथ छुट्टियां मनाएंगे और इसके लिए उन्होंने लक्षद्वीप का एक शांत बीच बंगाराम चुना. जो अरब सागर के नीले समुन्द्र के पास और कोचीन से 465 किलोमीटर दूर था. क्योंकि ये लोगों की पहुंच से दूर था इसलिए कुछ विदेशियों के अलावा यहां कोई आता नहीं था. सुरक्षा के लहज से भी ये एक उम्दा बीच था और कहा ये भी जाता है कि तब इस बीच का शुमार दुनिया के सबसे सुन्दर बीचों में था.

26 दिसम्बर 1987 को यहां तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के बेटे राहुल अपने 4 अन्य दोस्तों के साथ छुट्टियां मनाने आए. क्योंकि देश के प्रधानमंत्री का बेटा घूमने आया था इसलिए प्रशासन में भी हडकंप मच गया और तमाम प्रयास किये गए कि राहुल को मीडिया या किसी तरह की चर्चा से दूर रखा जाए ताकि उनकी प्राइवेसी में खलल न पड़े.

इसके बाद प्रशासन के होश तब उड़े जब यहां राहुल और प्रियंका के 4 दोस्तों के अलावा सोनिया गांधी की बहन, उनका भाई, भाई की बेटी, सोनिया गांधी की विधवा मां आर माइनो और मामा भी आए. ये रिश्‍तेदार इटली से आए थे.

नरेंद्र मोदी, दिल्ली, भाजपा, लोकसभा चुनाव, कांग्रेस, राजीव गांधीलक्षद्वीप में परिवार के साथ छुट्टियां मानते राजीव गांधी

बात अगर राजीव के अन्य गेस्ट पर हो तो द्वीप में आयोजित इस पार्टी में अमिताभ बच्चन, उनकी पत्नी जया बच्चन, उनके बच्चे और अमिताभ के भाई अजिताभ की बेटी भी वहां आई. इसके अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण सिंह के भाई बिजेंद्र सिंह की बीवी और पत्नी भी उस पार्टी में शामिल थीं. राजीव और सोनिया यहां 30 दिसम्बर को पहुंचे. इस पूरी ट्रिप के स्‍टार मेहमान थे अमिताभ बच्‍चन. जो उस समय सांसद भी थे. वे जो कि स्‍टार गेस्ट थे, एक दिन बाद स्पेशल हेलीकॉप्‍टर फ्लाइट द्वारा कोचिन से लक्षद्वीप की राजधानी कावारती आए थे. और फिर वहां से इस द्वीप पहुंचे थे. आपको बताते चलें कि बच्चों के साथ जया वहां 4 दिन पहले ही पहुंच गयीं थीं.

हालांकि इस ट्रिप में खर्च तो बहुत हुआ मगर जिस बात को लेकर राजीव की ये पूरी छुट्टी विवाद का विषय बनी वो था भारतीय नौ सेना के वॉर शिप INS विराट का इस्तेमाल. देश का यह पहला विमान वाहक युद्धपोत छह महीने पहले ही भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था. दुश्‍मनों की निगाह में खटक रहे इस युद्धपोत का इस्‍तेमाल वैसे तो भारतीय समुद्री सीमा पर होना था. लेकिन 1987 के आखिर में वह एक हाई-प्रोफाइल पार्टी में किसी टैक्‍सी की तरह इस्‍तेमाल हो रहा था. जी हां, राजीव गांधी ने प्रधानमंत्री रहते इस युद्धपोत का इस्‍तेमाल कुछ इसी तरह किया. INS विराट गांधी परिवार के साथ तकरीबन 10 दिन तक लक्षद्वीप के नजदीक लंगर डाले खड़ा रहा. चूंकि INS विराट भारतीय नौ सेना का एक महत्वपूर्ण जहाज था, इसलिए उसकी सुरक्षा में कई छोटे जहाज और एक पनडुब्‍बी को भी इस इलाके में तैनात रखा गया. इसके अलावा इस जहाज की सुरक्षा के लिए रडार और सेटेलाईट भी लगाए गए थे.

गांधी परिवार की ये छुट्टियां 6 जनवरी को खत्म हुईं. प्रियंका गांधी पहली व्यक्ति थीं जो सबसे पहले गयीं. प्रियंका अपनी दोस्तों के साथ गया निकल गयीं थीं. इसके बाद विदेशी मेहमानों को जिसमें राजीव गांधी के ससुराल वालों को भेजा गया था उन्हें रवाना किया गया. फिर अमिताभ बच्चन का परिवार निकला. इसके बाद राजीव गांधी निकले थे जिनके साथ राहुल थे. राहुल को INS विराट पर छोड़ा गया था ताकि वो अपने पिता के साथ मैंगलोर जा सकें. कहा जाता है कि सोनिया कुछ दिन यहां और रुकी थी और सबसे आखिर में गयीं थीं. आपको बताते चलें कि तमाम आलोचनाओं को किनारे रख खुद राजीव गांधी ने स्वीकार किया था कि इस छुट्टी में उन्हें खूब मजा आया और उन्होंने जी भरकर एन्जॉय किया.

दिलचस्प बात ये है कि इस छुट्टी या ये कहें कि पार्टी को लेकर राजीव की विपक्ष ने खूब आलोचना की थी. विपक्ष जानना चाह रहा था कि सरकारी संपत्ति और सेना का गलत इस्तेमाल करके राजीव क्या साबित करना चाह रहे हैं. मजेदार बात ये है कि किसी की कोई परवाह न करते हुए राजीव ने तमाम आलोचना को दरकिनार किया और खूब एन्जॉय किया. राजीव और मौजूद लोगों ने द्वीप पर हर वो काम किया जो एक छुट्टी मनाने गया आदमी करता है. माना जाता है कि इस ट्रिप के लिए जितना भी खर्च हुआ, वह सरकारी खजाने से अदा किया गया.

पीएम मोदी को इस किस्से का दिल्ली में कितना फायदा मिलता है इसका फैसला 23 मई को हो जाएगा. मगर जिस तरह राजीव गांधी के बारे में पीएम मोदी ने नया खुलासा किया है साफ है कि इससे कांग्रेसी खेमे में बैठे तमाम लोगों की पेशानी पर चिंता के बल पड़ गए होंगे. सवाल ये उठता है कि आने वाले वक़्त में राहुल गांधी इस किस्से का जवाब देने के लिए कौन सा नया किस्सा गढ़ेंगे जिससे वो जनता की सहानुभूति हासिल कर सकें.   

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लेखक

बिलाल एम जाफ़री बिलाल एम जाफ़री @bilal.jafri.7

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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