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Updated: 07 मई, 2019 05:42 PM
अनुज मौर्या
अनुज मौर्या
  @anujkumarmaurya87
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पहले राफेल और अब ईवीएम. एक के बाद एक लगातार झटकों के बीच विपक्ष को सुप्रीम कोर्ट की तरफ से एक और झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने 21 विपक्षी पार्टियों की ओर से कम से कम 50 फीसदी ईवीएम का वीवीपैट से मिलान करने की याचिका को खारिज कर दिया है. इससे पहले राफेल को लेकर कांग्रेस पहले ही फंसी हुई है. इससे पहले जब सुप्रीम कोर्ट ने 14 दिसंबर को राफेल सौदे के खिलाफ डाली गई याचिकाओं के खारिज किया था, तब भी विपक्ष को झटका लगा था.

15 दिसंबर को राफेल डील मामले में काफी समय के बाद मुश्किल के कांग्रेस तो थोड़ा खुश होने का मौका मिला था, तो राहुल गांधी ने सारे किए कराए पर पानी फेर दिया. कोर्ट का फैसला सही से पढ़ा भी नहीं और मीडिया में बयान दे बैठे कि सुप्रीम कोर्ट ने भी मान लिया है कि 'चौकीदार चोर है.' बस फिर क्या था, भाजपा की ओर से विरोध किया गया और अब मामला सुप्रीम कोर्ट की अवमानना का बन चुका है. हालात ये हैं कि राहुल गांधी माफी मांगते फिर रहे हैं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस पर सुनवाई का दौर शुरू कर दिया है.

राफेल डील, ईवीएम, राहुल गांधी, सुप्रीम कोर्ट, लोकसभा चुनाव 2019ईवीएम को लेकर 21 पार्टियों ने जो याचिका दायर की थी, वो सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है.

अभी क्या दिया है फैसला

विपक्ष हर चुनाव के बाद ईवीएम का रोना लेकर बैठ जाता है. इस बार भी सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज की है तो अगर विपक्ष हारा तो ईवीएम का रोना रोया जाना तय है. सुप्रीम कोर्ट ने पहले फैसला दिया था कि हर विधानसभा की 5 बूथों की ईवीएम का वीवीपैट से मिलान किया जाएगा. ये मिलान ये सुनिश्चित करने के लिए होता है कि वोटिंग सही हुई है. 21 विपक्षी पार्टियों ने सुप्रीम कोर्ट को अपने इस फैसले में संशोधन करने की याचिका दी.

अब सुप्रीम कोर्ट ने इस पर अपना फैसला सुना दिया है और याचिका को खारिज कर दिया है. अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि वह एक ही मामले की कितनी बार सुनवाई करेगा. विपक्षी पार्टियों का मांग थी की कम से कम 50 फीसदी वीवीपैट का ईवीएम से मिलान किया जाए. विपक्ष की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी कोर्ट में थे. उन्होंने तो याचिका खारिज किए जाने पर ये तक कह दिया कि अगर 50 फीसदी नहीं हो सकता तो कम से कम 25 फीसदी वीवीपैट का ईवीएम से मिलान करने पर विचार किया जाए, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उनकी एक नहीं सुनी.

राफेल मामले पर बयान देकर खुद राहुल गांधी भी फंस चुके हैं !

14 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने राफेल डील के खिलाफ दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया था. इसके बाद विपक्ष की ओर से तरह-तरह के सबूत पेश किए गए, जिनमें कुछ गोपनीय भी थे. इसके बाद 15 मार्च को मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिकाकर्ताओं से कहा कि वह डील के दस्तावेज लीक होने से जुड़ी प्राथमिक आपत्तियों पर फोकस करें. इसी के साथ कोर्ट ने राफेल मामले में दोबारा सुनवाई का रास्ता साफ कर दिया और केंद्र सरकार की दलीलों को खारिज कर दिया.

अभी कांग्रेस के कार्यकर्ता इस बात की खुशी मना पाते, इससे पहले ही राहुल गांधी ने ऐसा बयान दिया जिसने कोर्ट की अवमानना कर दी. वह बोल बैठे कि सुप्रीम कोर्ट ने भी मान लिया है कि चौकीदार चोर है. अब कोर्ट की अवमानना करने पर राहुल गांधी के खिलाफ और राफेल डील पर, दोनों ही मामलों की सुनवाई एक ही दिन 10 मई को होगी. देखना या होगा कि लगातार झटके झेल रही कांग्रेस पार्टी को सुप्रीम कोर्ट से 10 मई को झटका मिलता है या राहत.

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