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Updated: 23 मई, 2019 04:19 PM
बिलाल एम जाफ़री
बिलाल एम जाफ़री
  @bilal.jafri.7
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Loksabha Election result 2019: देश के लिहाज से आज महत्वपूर्ण दिन है. चुनाव 2019 के लिए 543 में से 542 सीटों पर हुई वोटिंग के बाद आज मतगणना का दिन है. वोटों की गिनती चालू है और जिस हिसाब से शुरूआती रुझान आ रहे हैं भाजपा कई सीटों पर आगे हैं. अब तक के विश्लेषण से साफ है कि बीजेपी नेतृत्व वाले गठबंधन एनडीए को बहुमत मिलता दिखाई दे रहा है. वहीं बात अगर कांग्रेस, महागठबंधन और अन्य दलों की हो तो फिलहाल ग्रह नक्षत्र इनके पक्ष में होते नहीं दिखाई दे रहे हैं. जिससे ये प्रमुख सीटों पर पिछड़ते नजर आ रहे हैं. कांग्रेस की स्थिति कैसी है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उत्तर प्रदेश के अमेठी में राहुल गांधी स्मृति ईरानी के मुकाबले पीछे हैं. वहीं बात अगर मध्य प्रदेश के भोपाल की हो तो भले ही कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह मंदिर-मंदिर घूमे हों मगर साध्वी प्रज्ञा उन्हें मात देती नजर आ रही हैं.

क्योंकि इस चुनाव में हर बार की तरह हिंदू मुस्लिम एक बड़ा मुद्दा रहा है तो हमारे लिए उत्तर प्रदेश की उन 5 सीटों का अवलोकन कर लेना जरूरी है जिन्हें मुस्लिम वोट बैंक के लिहाज से खासा अहम माना जाता है. या ये भी कह सकते हैं कि ये वो सीटें हैं जिन्हें मुस्लिम वोट बैंक खासा प्रभावित करता है.

लोकसभा चुनाव 2019, उत्तर प्रदेश, भाजपा, कांग्रेस, महागठबंधन, मुस्लिम      2019 के इस चुनाव को उत्तर प्रदेश की 5 मुस्लिम बाहुल्य सीटों के कारण भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है

हमने इन सीटों का चयन क्यों किया? इसके पीछे की एक बड़ी वजह वो विरोध है जो मोदी के नाम पर सामने आया है. ज्ञात हो कि चाहे देवबंद के मुफ़्ती का "अनुकूल परिणामों" के लिए दुआ करवाना हो या फिर मायावती का मुसलमानों को एकजुट करने का आह्वान रहा हो देश की सियासत को मुसलमानों के बिना अधूरा ही माना जाएगा और क्योंकि इन सीटों पर मुसलमानों कि अच्छी खासी तादाद है, इनका अवलोकन करना जरूरी है.

लखनऊ (Lucknow Election Results 2019)

किसी जमाने में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी की सीट रह चुके लखनऊ में चुनाव खासा दिलचस्प है. यहां भाजपा ने देश के गृहमंत्री राजनाथ सिंह पर एक बार फिर से दाव खेला है. जबकि कांग्रेस ने आचार्य प्रमोद कृष्णन और सपा बसपा गठबंधन ने पूनम सिन्हा को टिकट दिया था. लखनऊ में तीसरे राउंड की गिनती पूरी हो चुकी है और जो नतीजे आए हैं उसके लिहाज से राजनाथ सिंह आगे चल रहे हैं.

उत्तर प्रदेश की लखनऊ सीट का जिक्र इसलिए भी अहम है क्योंकि भाजपा प्रत्याशी राजनाथ सिंह के लिए लखनऊ की आबादी का एक बड़ा वर्ग मुसलमानों का शिया समुदाय खुल कर राजनाथ के समर्थन में आया था.

लखनऊ में शिया समुदाय के बीच राजनाथ की पकड़ कैसी है इसे ऐसे भी समझा जा सकता है कि यहां बीते दिनों खुद शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जव्वाद समेत अन्य मौलाना मौलवियों ने राजनाथ के हक में दुआ करवाई थी . माना यही जा रहा है कि ये सीट फिर इस बार भाजपा जीतेगी और इस जीत में शिया मुसलमानों की एक निर्णायक भूमिका रहेगी.

आजमगढ़ (Azamgarh Election Results 2019)

उत्तर प्रदेश की आजमगढ़ लोकसभा सीट का शुमार केवल यूपी ही नहीं, बल्कि भारत भर की उस चर्चित सीट पर है जहां सपा और भाजपा के बीच कांटे की टक्कर है. मुस्लिम-यादव बाहुल्य इस सीट पर सूबे के पूर्व सीएम अखिलेश यादव चुनाव लड़ रहे हैं जिनपर अपने इस दुर्ग को बरकरार रखने की चुनौती है. आजमगढ़ में अखिलेश को टक्कर देने के लिए बीजेपी ने भोजपुरी एक्टर दिनेश लाल यादव 'निरहुआ' पर बड़ा दाव खेला है.

बात अगर कांग्रेस की हो तो माना यही जा रहा है कि कांग्रेस का 'मोदी हटाओ अभियान' तनिक भी इधर उधर न हो इसलिए कहीं न कहीं कांग्रेस ने महागठबंधन को समर्थन दिया है और इस सीट से अपना कोई भी प्रत्याशी मैदान में नहीं उतारा है. आजमगढ़ लोकसभा सीट पर वोटों की गिनती शुरू हो चुकी है और शुरुआती रुझानों में  इस सीट पर अखिलेश यादव आगे चल रहे है.

आपको बताते चलें कि 2014 के लोकसभा चुनाव में यहां मुकाबला समाजवादी पार्टी मुलायम सिंह यादव और बीजेपी के रमाकांत यादव के बीच हुआ था. मुलायम को 3,40,306 मिले जबकि रमाकांत के पक्ष में 277,102 वोट आए. बसपा के शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली 266,528 मत हासिल कर तीसरे और कांग्रेस के अरविंद कुमार जयसवाल 17,950 वोट पाकर चौथे स्थान पर रहे थे.

रामपुर (Rampur Election Results 2019)

मुस्लिम वोटों के लिहाज से उत्तर प्रदेश की रामपुर सीट को नाकारा नहीं जा सकता. रामपुर लोकसभा सीट को एक मुस्लिम बाहुल्य सीट माना जाता है. यहां करीब 52 फीसदी मुस्लिम मतदाता हैं और शायद यही वो कारण है कि यहां ज्यादातर मुस्लिम सांसद ही बनते रहे हैं.

उत्तर प्रदेश की रामपुर लोकसभा सीट से फ़िलहाल आजम खान आगे चल रहे हैं, तो वहीं जया प्रदा पीछे हो गई हैं. बात अगर शुरूआती दौर की हो तो यहां जय प्रदा आगे थीं जबकि आजम खान उनसे काफी पीछे चल रहे थे. शुरूआती काउंटिंग में जया प्रदा को 23 हजार से अधिक तो वहीं आजम खान को 21 हजार वोट मिले हैं.

ध्यान रहे कि लम्बे समय से ये सीट चर्चा में रही है और इसको लेकर विवाद भी खूब हुए हैं. सीट अभी विवादों में तब आई थी जब आजम खान ने जयाप्रदा को लेकर एक ऐसी बात कह दी थी जिससे न सिर्फ हिंदू वोटर बल्कि मुस्लिम महिलाओं तक को काफी आहत किया था.  

सहारनपुर (Saharanpur Election Results 2019)

भाजपा तथा कांग्रेस दोनों ही दलों के लिए उत्तर प्रदेश की सहारनपुर सीट को भी अहम माना जा रहा है. ध्यान रहे कि सहारनपुर लोकसभा सीट पर 2014 में BJP ने परचम लहराया था, और राघव लखनपाल विजयी हुए थे. राघव लखनपाल को 4,72,999 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस के इमरान मसूद ने 4,07,909 वोटों के साथ BJP को टक्कर दी थी. इस बार फिर यही दोनों प्रत्याशी आमने सामने हैं.

ज्ञात हो कि सहारनपुर सीट पर सर्वप्रथम  चुनाव सन 1952 में हुआ था और कांग्रेस ने चुनाव जीता था. तब से लेकर 1977 तक इस सीट पर कांग्रेस का कब्‍जा रहा, लेकिन 1977 के बाद पहली बार इस सीट पर जनता पार्टी ने कब्जा किया. उसके बाद कांग्रेस ने दोबारा 1984 में इस सीट पर अपना दबदबा कायम किया.

आपको बताते चलें कि इस सीट पर इसलिए भी सबकी नजर है क्योंकि ज्यादा दिन नहीं हुए हैं जब कांग्रेस प्रत्याशी इमरान मसूद ने पीएम मोदी के टुकड़े टुकड़े करने की बात कही थी जिस पर न सिर्फ उनकी आलोचना हुई बल्कि पार्टी को भी बैकफुट में आना पड़ा.

आम चुनाव 2019 के नतीजे क्या रहेंगे इसका फैसला बस कुछ ही देर में हो जाएगा लेकिनजिस हिसाब से उत्तर प्रदेश की इन मुस्लिम बाहुल्य सीटों पर सबकी नजर है माना यही जा रहा है कि इन सीटों के कारण भी 2019 के ये आम चुनाव लम्बे समय तक याद किये जाएंगे.

मुरादाबाद (Muradabad Election Results 2019)

मुरादाबाद लोकसभा सीट को भी मुसलमानों के लिहाज से अहम माना जाता है. मुरादाबाद में मतगणना के तीसरे चक्र में भाजपा प्रत्‍याशी सर्वेश सिंह हुए आगे चल रहे हैं. जबकि दूसरे नंबर पर गठबंधन प्रत्याशी एसटी हसन और तीसरे नंबर पर कांग्रेस उम्मीदवार इमरान प्रतापगढ़ी हैं.

आपको बताते चलें कि मुरादाबाद लोकसभा क्षेत्र में 65.39 फीसद मतदान हुआ था. जो अब तक हुए लोकसभा चुनावों में सबसे ज्यादा मतदान फीसद है, जबकि 2014 के लोकसभा चुनावों में 63.66 फीसद मतदान हुआ था. पिछली बार के मुकाबले इस बार लगभग दो फीसद मतदान ज्यादा हुआ है.

मुरादाबाद में यही भाजपा जीतती है तो इसकी एक बड़ी वजह खुद मुसलमानों को माना जाएगा ज्ञात हो कि भाजपा के  सर्वेश सिंह के सामने जहां एसटी हसन और  इमरान प्रतापगढ़ी हैं. तो वहीं इसी सीट पर 4 अन्य मुसलमान चुनाव लड़ रहे हैं जिस कारण मुसलमानों के वोट बंटने की सम्भावना प्रबल है.

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लेखक

बिलाल एम जाफ़री बिलाल एम जाफ़री @bilal.jafri.7

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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