'मां' को दौलत बताने वाले शायर मुनव्वर राना के बेटे ने ही प्रॉपर्टी के लिए रचा था हमले का ड्रामा!
मामले की जांच कर ही पुलिस के अनुसार, 28 जून को शायर मुनव्वर राना के बेटे तबरेज राणा पर रायबरेली के त्रिपुला चौराहे के पास स्थित एक पेट्रोल पंप के पर दो बाइक सवार युवकों ने दिनदहाड़े गोली चलाकर जानलेवा हमला किया था. हमलावरों ने तबरेज की कार पर फायरिंग की और फरार हो गए थे. जिसके बाद तबरेज राना ने सदर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था.
-
Total Shares
किसी को घर मिला हिस्से में या दुकां आई,
मैं घर में सबसे छोटा था मेरे हिस्से में मां आई.
मशहूर शायर मुनव्वर राना (Munawwar Rana) ने इस दुनिया के मौजूद सबसे अज़ीम रिश्ते 'मां' को लेकर गजलों की एक पूरी किताब समर्पित कर दी. मां को दुनिया की सबसे बड़ी दौलत बताने वाले मुनव्वर राना को शायद ही इस बात का इल्म रहा होगा कि बदलते वक्त के साथ उनका बेटा ही इस गजल के गहरे लफ्जों को भूलकर दौलत की चकाचौंध में फंस जाएगा. दरअसल, मुनव्वर राना के बेटे तबरेज राणा (Tabrez Rana) पर जानलेवा हमला हुआ था. जिसकी जांच करने पर यूपी पुलिस ने खुलासा किया है कि ये पूरी साजिश पारिवारिक संपत्ति को हथियाने के लिए तबरेज राणा ने खुद ही रची थी. पुलिस ने मुनव्वर राना के बेटे तबरेज को गिरफ्तार करने के लिए गुरूवार की रात उनके घर पर छापा भी मारा था. जिसके बाद इस मामले ने सियासी रंग ले लिया है. आइए जानते हैं तबरेज राणा पर हुए हमले से लेकर इसके साजिश में बदलने की पूरी दास्तान.
पुलिस ने तबरेज की गिरफ्तारी के लिए मुनव्वर राना के घर पर छापा भी मारा.
28 जून को हुआ जानलेवा हमला
मामले की जांच कर ही पुलिस के अनुसार, 28 जून को शायर मुनव्वर राना के बेटे तबरेज राणा पर रायबरेली के त्रिपुला चौराहे के पास स्थित एक पेट्रोल पंप के पर दो बाइक सवार युवकों ने दिनदहाड़े गोली चलाकर जानलेवा हमला किया था. हमलावरों ने तबरेज की कार पर फायरिंग की और फरार हो गए थे. जिसके बाद तबरेज राना ने सदर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था. हमले में तबरेज को चोट नहीं आई थी और वो बाल-बाल बच गए थे. हमलावरों द्वारा की गई फायरिंग में गोलियां तबरेज की गाड़ी पर ही लगी थीं. वहीं, तबरेज जब तक अपनी लाइसेंसी गन निकालते हमलावर भागने में कामयाब हो चुके थे.
पुलिस जांच में पीड़ित ही निकला साजिश रचने का आरोपी
मामले की जांच में जुटी पुलिस ने घटना की सीसीटीवी फुटेज निकालकर बदमाशों की तलाश शुरू कर दी. इस दौरान पुलिस ने सभी क्राइम एंगल को ध्यान में रखते हुए तबरेज राना के मोबाइल लोकेशन और सीडीआर पर नजर रखी. दरअसल, सीसीटीवी फुटेज में हमलावर सीधे तबरेज पर गोली न चलाकर गाड़ी की दूसरी ओर वाली सीट पर गोली चला रहे थे. इसी आधार पर पुलिस ने जांच शुरू की, तो तबरेज की कॉल डिटेल में एक संदिग्ध नंबर सामने आया. पुलिस ने पड़ताल की, तो ये नंबर रायबरेली में होर्डिंग लगाने का काम करने वाले हलीम को निकला. पुलिस ने पूछताछ के लिए हलीम को उठाया, तो एक-एक कर मामले की हर परत खुलती चली गई. पुलिसिया पूछताछ में हलीम ने चौंकाने वाला खुलासा करते हुए बताया कि हमले की पूरी साजिश तबरेज राणा ने ही रची थी. हलीम ने कबूल किया कि तबरेज ने ही उसे शूटरों का इंतजाम करने को कहा था.
पारिवारिक संपत्ति का विवाद बना कारण
एसपी श्लोक कुमार ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि कुछ दिन पहले ही तबरेज ने रायबरेली में एक पारिवारिक जमीन गलत तरीके से बेच दी थी. इसकी जानकारी मिलने पर मुनव्वर राना के भाई इस्माइल राना के इस खरीद-फरोख्त पर आपत्ति जताई थी. जमीन का सौदा फंसने की वजह से तबरेज ने चचेरे भाइयों को फंसाने की साजिश रची. पुलिस के अनुसार, इसी वजह से तबरेज ने हलीम और तीन अन्य के साथ मिलकर खुद पर फर्जी हमले की पूरी साजिश रची. पुलिस ने मामले में हलीम, सुल्तान अली, सत्येंद्र त्रिपाठी और शुभम सरकार को गिरफ्तार कर लिया है. तबरेज राणा की गिरफ्तारी के लिए पुलिस प्रयास कर रही है.
विधानसभा चुनाव लड़ना चाहता था तबरेज
मुनव्वर राना का बेटा तबरेज यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में तिलोई सीट से ताल ठोंकने की तैयारी कर रहा था. पारिवारिक जमीन बेचकर उसने करीब 85 लाख रुपये जुटाए थे, जो चुनाव में खर्च होने थे. यहां बताना जरूरी है कि मुनव्वर राना का बेटा और बेटियां कांग्रेस से जुड़े हुए हैं. तबरेज को पूरा भरोसा था कि अगले विधानसभा चुनाव में उसे टिकट मिलना तय है. इसी वजह से उसने अपने भाईयों को फंसाने और सुर्खियां बटोरने के लिए खुद पर हमले की साजिश रची. हलीम ने भी पुलिस पूछताछ में खुलासा किया था कि तबरेज ने उसे फर्जी हमला कराने के बदले अगले विधानसभा चुनाव के दौरान होर्डिंग लगाने का ठेका देने की बात कही थी. इसी के साथ विधायक बनने पर ठेकेदारी के काम दिलाने का भी वादा किया था.
मुनव्वर राना का नाम खराब कर दिया
पुलिस ने तबरेज की गिरफ्तारी के लिए मुनव्वर राना के घर पर छापा भी मारा. जिसके बाद मुनव्वर राना और उनकी बेटियों ने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए. इस हमले के साजिश में बदलने के बीच एक अहम सवाल ये है कि मां को सबसे बड़ी दौलत बताने वाले मुनव्वर राना अपने ही बेटे को नहीं समझा सके कि असली दौलत रुपया-पैसा नहीं बल्कि परिवार होता है. जिन रिश्तों की बातें करते हुए मुनव्वर राना ने इतनी इज्जत कमाई, उसे उनके बेटे ने चंद रुपयों के लालच में तार-तार कर दिया. किसी ने सही ही कहा है कि रिश्तों को बनाने में समय नहीं लगता है, लेकिन उन्हें निभाना सबसे ज्यादा मुश्किल होता है.

आपकी राय