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Updated: 13 अक्टूबर, 2022 10:32 PM
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'एक बार फिर' ज़ोर के पड़े और एक साथ दो दो थप्पड़ रसीद कर दिए गए माननीय उच्च न्यायालय द्वारा. थैंक्स टू द ऑनरेबल कोर्ट फ़ॉर इतनी अच्छी तरह से नॉन फ़िज़िकल थप्पड़ को डिस्क्राइब करने के लिए. वरना तो तमाचा फ़िज़िकल है और कभी कभी 'दबंग' टाइप भी है - थप्पड़ से डर नहीं लगता साहब, प्यार से लगता है. फिर 'एक बार फिर' होना ही था 'आप' की थेथड़ई जो है. हर बार उन्हें तमाचे में प्यार जो नजर आता है, गुस्सा, तिरस्कार या नफ़रत नहीं. बात हो रही है 'आम आदमी पार्टी' की. जिन पर थप्पड़ पड़े हैं. और जड़े हैं माननीय पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट ने. क्यों जड़ें हैं ? पंजाब में सरकार बनते ही अपने ही फाउंडर मेंबर डॉक्टर कुमार विश्वास और भाजपा युवा नेता तेजिंदर सिंह बग्गा पर बेबुनियाद एफआईआर जो कर दी थी. आखिर Power indeed breeds contempt. पंजाब पुलिस भी चली आई थी दोनों के घर पर पूछताछ /गिरफ्तार कर ले जाने के लिए. बग्गा को तो गिरफ्तार कर रवाना भी हो गई थी लेकिन फिर जो देश के तीन राज्यों के पुलिस के मध्य जोर आजमाइश हुई, यकीनन मजा आ गया था.

Aam Aadmi Party, Arvind Kejriwal, Kumar Vishwas, Tajinder bagga, High Court, Police, Haryana, BJPबग्गा और कुमार विश्वास के सामने मुंह कर रह गए अरविंद केजरीवाल

दिल्ली पुलिस ने बग्गा के पिता से शिकायत दर्ज करवाकर पंजाब पुलिस के खिलाफ अपहरण का मुक़दमा भी दर्ज कर लिया था. इस पूरे तमाशे से मजाक किसका बना? पंजाब सरकार और पंजाब पुलिस का... जितनी ऊर्जा, जितना रुपया-पैसा और संसाधन एक व्यक्ति विशेष की जिद पूरी करने में, प्रत्युत्तर में दिल्ली पुलिस और हरियाणा पुलिस को भी सत्तासीन बीजेपी सरकार ने एक्टिवेट करने में, खप गया, जाने कितने पंजाब के और अन्य जगहों के भी आम आदमियों का भला हो सकता था.

माननीय न्यायालय ने दोनों को ही क्लीन चिट देते हुए कहा कि कोई भी लोकतंत्र अपनी पसंद की आज़ादी और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बिना नहीं पनप सकता. लोकतंत्र में जब चुनाव पूर्व का समय होता है, तब लोगों की जानकारी सबसे ज्यादा मायने रखती है. बतौर सामाजिक शिक्षक कुमार ने अपने पूर्व साथी केजरीवाल के साथ हुए कथित वार्तालाप को साझा किया था जिसे कदापि जहर उगलना नहीं कहा जा सकता और ना ही वर्गों को सांप्रदायिक आधार पर बांटने की कोई मंशा का संदेह किया जा सकता है.

अनूप चितकारा ने अपने निर्णय में कहा कि कुमार विश्वास के मामले में अगर अदालत हस्तक्षेप नहीं करती है तो नया संभव नहीं होगा, साथ ही बग्गा के खिलाफ आपराधिक मुकदमा जारी रखने से कानून की प्रक्रिया दुरूपयोग होगा. कुल मिलाकर माननीय न्यायाधीश को दोनों के ही बयानों में अपमान या धमकी या केजरीवाल जी या 'आप' पार्टी को बदनाम करने के प्रयास के रूप में लेने के लिए कुछ भी नहीं मिला या लगा.

बग्गा ने ' द कश्मीर फाइल्स' फिल्म की रिलीज़ के बाद केजरीवाल की आलोचना इस बात के लिए की थी कि उन्होंने फिल्म को मनोरंजन कर से छूट देने की मांग को ना केवल ठुकरा दिया था बल्कि कथित तौर पर फिल्म की कहानी की प्रमाणिकता का भी मजाक उड़ाया था. दरअसल तरस आता है लोकतंत्र के नाम पर हो रही गंदी राजनीति पर. कहा जा सकता है लोकतंत्र अब सिर्फ भाषण में हैं, किताबी सिद्धांतों में हैं.

व्यवहार में तो सत्ता मिली नहीं कि गुमान सर चढ़कर बोलता है दुरूपयोग के लिए. जब तक विरोध में हैं तभी तक आदर्श हैं, जीत कर सत्ता मिली नहीं कि रियल रील चालू हो जाती है और बिना किसी भेद भाव के यही सभी राजनैतिक दलों पर लागू हैं. वस्तुतः उपदेश देना सरल है, स्वयं ग्रहण करना कठिन है. तब जब कुमार के घर पुलिस पहुंची थी, 'आप ' नेता बालियान के बोल बचन फूटे थे कि 'कुमार, कांप काहे रहे हो ?

जो बोला था चुनाव से पहले आपने, उसी का तो सबूत मांगने पहुंची है पंजाब पुलिस, दे दो, बात ख़त्म !' और बग्गा एपिसोड के बाद तो पूरी की पूरी पार्टी ही सड़कों पर आकर प्रेस कांफ्रेंस कर रही थी, भाजपा की केंद्र सरकार और हरियाणा सरकार को लानत भेज रही थी ! और कल जब माननीय उच्च न्यायालय ने आईना दिखा दिया तो कोई 'आप ' नेता या प्रवक्ता कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है.

प्रशांत भूषण को थप्पड़ जड़ने वाले बग्गा तो है ही कुख्यात, सो ट्विटियाने में किंचित भी देरी नहीं की उन्होंने, 'जिस दिन मुझे पंजाब पुलिस द्वारा गिरफ़्तार किया गया था पूरी आम आदमी पार्टी सड़कों पर आकर प्रेस कांफ्रेंस कर रही थी आज वो लोग टीवी पर आने को भी तैयार नही हैं . आप का एक बड़ा नेता मीडिया वालों को कह रहा हैं की केजरीवाल के कारण बड़ी बेइज्जती हो गई अब टीवी पर आके क्या बोले .'

डॉक्टर कुमार विश्वास कवि ह्रदय हैं तो कभी दांत कटी रोटी मित्र केजरीवाल के लिए ऐतिहासिक संदर्भ निकाल लाने में उन्हें देरी नहीं लगती है ! तब कहा था, 'प्रिय छोटे भाई भगवंत मान, खुद्दार पंजाब ने 300 साल में, दिल्ली के किसी असुरक्षित तानाशाह को अपनी ताकत से कभी खेलने नहीं दिया , पंजाब ने तुम्हारी पगड़ी को ताज सौंपा है किसी बौने दुर्योधन को नहीं.

पंजाब के लोगों के टैक्स के पैसों व उनकी पुलिस का अपमान मत करो. पगड़ी संभाल जट्टा !' और अब कल उन्होंने कहा, ' शिशुपाल अभी 99 गलती कर ले. ईश्वर चाहेगा तो उद्धार भगवान श्रीकृष्ण मेरे हाथों ही करवाएंगे.इस बार गलत छत्ते में हाथ डाला गया है और पंजाब इसके लिए जल्द ही सबक सीखा भी देगा.

लेखक

prakash kumar jain prakash kumar jain @prakash.jain.5688

Once a work alcoholic starting career from a cost accountant turned marketeer finally turned novice writer. Gradually, I gained expertise and now ever ready to express myself about daily happenings be it politics or social or legal or even films/web series for which I do imbibe various  conversations and ideas surfing online or viewing all sorts of contents including live sessions as well .

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