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Updated: 24 नवम्बर, 2015 04:51 PM
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समाजवादी पार्टी सुप्रीमो और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के पिता मुलायम सिंह यादव के 22 नवंबर को होने वाले 76वें जन्मदिन के अवसर पर उनका गृहनगर सैफई दुल्हन की तरह सज गया है. पिछले कुछ वर्षों से मुलायम का जन्मदिन समाजवादी पार्टी के लिए किसी शाही आयोजन से कम नहीं होता रहा है. इस अवसर पर सैफई में होने वाले जलसे में बॉलीवुड के कई बड़े सितारों से लेकर देश के जाने-माने नेता और अन्य चर्चित हस्तियों का मजमा लगता है. यह उस राज्य के नेता के जन्मदिन मनाने की कहानी है जहां देश के सबसे ज्यादा गरीब रहते हैं और जो सबसे गरीब राज्यों में से एक हैं. क्या कभी समाजवाद के सबसे बड़े अगुआ बनने वाले मुलायम सिंह यादव अपने जन्मदिन के आयोजन में करोड़ो रुपये खर्च करने और अपनी ताकत तथा पैसे के प्रदर्शन से राज्य की गरीबी और बदहाली का मजाक उड़ाने की कोशिश करते नजर नहीं आते? लोकतंत्र में जनता द्वारा चुने गए लोगों द्वारा जनता के पैसों पर की जाने वाली ऐसी अय्याशी सही कैसे है?

जन्मदिन के नाम पर अय्याशी क्यों?

इस बात का जवाब तो मुलायम या उनके बेटे और राज्य के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ही ज्यादा बेहतर ढंग से दे पाएंगे कि जन्मदिन के नाम पर बेतहाशा खर्च करना जरूरी क्यों है. वह भी तब जब उत्तर प्रदेश में करीब 30 फीसदी आबादी गरीबी रेखा के नीचे जीवन गुजारने को विवश है. लेकिन अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव जैसे नेताओं को बजाय कि इन गरीबों की भलाई के बारे में सोचने के अपने जन्मदिन पर जलसा करना ज्यादा जरूरी लगता है. क्या यही असली समाजवाद है? लोगों की भलाई करने के लिए चुनकर आए इन नेताओं को जनता के पैसों पर अय्याशी करने का अधिकार किसने दिया? हैरानी की बात तो ये कि पिछले वर्षों में भी इन आयोजनों की मीडिया द्वारा कड़ी आलोचना और विरोध के बावजूद भी अखिलेश और मुलायम को जरा भी फर्क नहीं पड़ा. और तो और, इस बार इस आयोजन को और भी भव्य बनाने की तैयारी है.

राज्य की गरीबी का मजाक उड़ाती भव्यताः

इस कार्यक्रम को शानदार बनाने के लिए यूपी सरकार ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. सारा कामकाज छोड़कर राज्य के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव खुद सैफई जाकर कार्यक्रम का निरीक्षण कर आएं हैं, ताकि इसकी भव्यता में कोई कसर न रह जाए. मुलायम के इस जन्मदिन समारोह में करीब एक लाख लोगों के जुटने की उम्मीद है. इतना ही नहीं, ऑस्कर अवॉर्ड विजेता संगीतकार एआर रहमान के कंसर्ट से इस कार्यक्रम की शुरुआत होगी और इसके बाद तो जैसे बॉलीवुड के सितारों की सैफई में लाइन लग जाएगी. अमिताभ और जया बच्चन से लेकर सलमान खान, रितिक रोशन, मनोज वाजपेयी, जायद खान और नवाजुद्दीन जैसे सितारे इस कार्यक्रम में परफॉर्म करते नजर आएंगे. नेताजी का बर्थडे है तो नेताओं को तो आना ही है. तो लालू प्रसाद यादव से लेकर शरद यादव, एचडी देवगौड़ा सहित और कई दिग्गज नेता यहां नजर आएंगे. वीवीआईपी मेहमानों की आवभगत के लिए सैफई के आसपास के जिलों मिर्जापुर, इटावा, फिरोजाबाद और आगरा के सभी फाइव स्टोर होटल और गेस्ट हाउस बुक हो चुके हैं.

एक व्यक्ति के जन्मदिन के लिए इतने पैसे उस राज्य की सरकार खर्च रही है जहां, आज भी लाखों लोगों को दो वक्त की रोटी नसीब नहीं होती, हजारों लोग खुले में सोने को विविश हैं, हजारों लोग बिजली, पानी और शौचलय जैसी मूलभूत जरूरतों से वंचित हैं, बेरोजगारी चरम पर है, प्रति व्यक्ति आय के मामले में राज्य देश में सबसे निचले स्थानों में से एक पर आता है. लेकिन जिनको इन लोगों ने अपना वोट देकर अपनी भलाई के लिए चुना है वे अपने शौक पूरे करने में इतने मशगूल हैं कि उन्हें शायद ही इनकी तकलीफों से कोई वास्ता हो. यह उस राज्य में हो रहा है जहां समाजवादी पार्टी की सरकार है और जो समाजवाद में यकीन रखती है. लेकिन शायद ये छद्म समाजवादी अपनी ताकत और शानो-शौकत के प्रदर्शन को ही असली समाजवाद मान बैठे हैं. इस आयोजन के समर्थन में समाजवादी पार्टी समर्थक तर्क देते हैं कि इससे छोटे शहरों के लोगों को भी बड़े सितारों और हस्तियों को देखने का मौका मिलता है जोकि अक्सर बड़े शहर वालों को ही नसीब होता है. लेकिन इन लोगों को बताया जाना चाहिए कि जनाब राज्य की जनता की जरूरत रोटी, कपड़ा, मकान और रोजगार है न कि इन बॉलीवुड स्टार्स के ठुमके.

इन समाजवादियों को ये बात नहीं भूलनी चाहिए कि यह राजशाही नहीं लोकतंत्र है और यहां असली सत्ता जनता के हाथों में ही होती है और 2017 में जनता इनकी खुमारी उतार भी सकती है!

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