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Updated: 19 सितम्बर, 2018 08:35 PM
अनुज मौर्या
अनुज मौर्या
  @anujkumarmaurya87
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रेवाड़ी गैंगरेप को सप्ताह भर से अधिक हो चुका है. पीड़िता को इंसाफ मिलना तो दूर की बात है, इस मामले में अभी तक 3 आरोपियों में से सिर्फ एक नीशू को ही पकड़ा जा सका है. इसी बीच पीड़ित के जख्मों पर मरहम लगाने के बहाने नेताओं ने अपनी नेतागिरी चमकाना शुरू कर दिया है. कोई बेरोजगारी की बातें कर रहा है तो कोई इस्तीफे की मांग कर रहा है. कांग्रेस और भाजपा के बीच तो तू-तू, मैं-मैं हो रही है, आम आदमी पार्टी भी रेवाड़ी गैंगरेप पर सियासत करने से नहीं चूक रही है. राहूल गांधी ने तो पीएम मोदी पर हमला करते हुए कहा है कि आखिर वह इस मामले पर चुप क्यों हैं. हाल ही में आम आदमी पार्टी के नेता नवीन जयहिंद ने तो भाजपा पर एक विवादास्पद टिप्पणी कर दी है. चलिए जानते हैं रेवाड़ी गैंगरेप मामले पर नेता कितने संवेदनहीन हैं और कैसे अपनी नेतागिरी चमका रहे हैं.

नवीन जयहिंद कुकर्म कराने वाले को पैसे देंगे !

आम आदमी पार्टी के नेता नवीन जयहिंद ने भाजपा द्वारा रेवाड़ी गैंगरेप पीड़िता को 2 लाख रुपए का मुआवजा देने की पेशकश पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि किसी लड़की की इज्जत की कीमत 2 लाख रुपए है क्या? भाजपा का कोई नेता 10 लोगों से कुकर्म करवाए तो 20 लाख रुपए हम देंगे. नवीन जयहिंद ने ये तो ठीक कहा कि किसी की इज्जत की कीमत नहीं लगाई जा सकती, लेकिन भाजपा के किसी नेता को कुकर्म कराने की जो बात उन्होंने कही है, वह बेहद विवादास्पद है.

कुलदीप बिशनोई ने सोशल मीडिया पर डाली फोटो

रेवाड़ी गैंगरेप की पीड़िता से मिलने कांग्रेस के कुलदीप बिश्नोई सिविल अस्पताल पहुंचे. लेकिन वापस आने के बाद उन्होंने पीड़िता से मुलाकात की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर डाल दी और सवाल उठाया कि क्या यही आजाद भारत है? क्या यही बेटी बचाओ है? सवाल तो इनका जायज है, लेकिन इनकी पोस्ट देखकर ये समझना मुश्किल नहीं है कि वह पीड़िता के जख्मों पर मरहम लगाने नहीं, बल्कि अपनी राजनीतिक चमकाने गए थे. वरना सोशल मीडिया पर पोस्ट डालकर वह जताना क्या चाहते हैं?

रेवाड़ी गैंगरेप, निर्भया, हरियाणा, राजनीतिपोस्ट देखकर ये समझना मुश्किल नहीं है कि पीड़िता राजनीतिक हथियार बन गई है.

अशोक तंवर तो बिश्नोई से भी आगे निकल गए

कुलदीप बिश्नोई वाला हथकंडा अशोक तंवर ने भी आजमाया. वह भी पीड़िता से मिलने अस्पताल पहुंचे. कुलदीप बिश्नोई ने तो 1 तस्वीर डाली थी, इन्होंने 4 तस्वीरें सोशल मीडिया पर डाल दीं. एक के बाद एक भाजपा और हरियाणा सरकार पर कई सवाल दागे. पूछा बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ नरा था या चेतावनी. नेताजी जहां-जहां गए, कैमरों ने वहां-वहां की तस्वीरें खींचीं. फिर नेताजी ने अपनी ही वॉल पर सारी तस्वीरें चिपका दीं और पीड़िता से सहानुभूति के नाम पर सियासी खेल खेला.

रेवाड़ी गैंगरेप, निर्भया, हरियाणा, राजनीतिअशोक तंवर ने पूछा बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ नरा था या चेतावनी?

खट्टर को तो शर्म आनी चाहिए

गैंगरेप के 3 दिन बीत जाने के बाद भी कोई गिरफ्तारी न होने पर जब एक पत्रकार ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से सवाल किया तो वह मीडिया पर ही भड़क गए. उनसे पूछा गया था कि आखिर इतने घंटे बीत जाने के बाद भी अभी तक कोई क्यों नहीं पकड़ा गया? सवाल के जवाब में खट्टर पीएम मोदी का गुणगान करते नजर आए और यूं वहां से निकल गए मानो रेवाड़ी गैंगरेप पीड़िता किसी और देश की हो. खट्टर बोले- 'क्या बात कर रहे हो? क्या विषय है आपका? किसी वक्ता को ऐसे नहीं करते, उसे बोलने देते हैं. आज देश भर में पीएम मोदी के आह्वान से स्वच्छ्ता अभियान चलाया जा रहा है, इसके बाद के जो भी प्रश्न हैं, उसका जवाब मैं हरियाणा में जाकर दे दूंगा.' खट्टर जी, पहले देश को अपराधियों से स्वच्छ करिए. कूड़े-कचरे के ढेर से तो इंसान खुद को बचा भी ले, लेकिन खुलेआम घूमते भेड़ियों से बहू-बेटियां कैसे बचेंगी?

प्रेमलता जी ने होमवर्क नहीं किया

ऊपर के इस वीडियो में भाजपा की विधायक प्रेमलता ने जो बात कही है वो तो और भी शर्मनाक है. उन्होंने कहा- 'बच्चों में आई फ्रस्ट्रेशन भी इसका एक कारण है, जिन्हें नौकरी नहीं मिल रही, भविष्य नहीं दिख रहा वह इस तरह की गंदी हरकत करते हैं.' प्रेमलता जी, इसीलिए कहा जाता है कि होमवर्क करना जरूरी है. आपने आरोपियों के बारे में जाना होता तो पता चलता कि उनमें से एक फौज की नौकरी कर रहा है. एक फौजी से बड़ी सम्मानित नौकरी और क्या होगी? मीडिया का कैमरा सामने आते ही कुछ लोग वो सब बोल देते हैं, जो उनके दिमाग में चलता है. ये भी नहीं सोचते कि वह सही भी है या नहीं.

जान लीजिए रेवाड़ी का मामला

रेवाड़ी में 12 सितंबर की रात को 19 साल की एक लड़की के साथ कुछ युवकों ने गैंगरेप किया था. इनमें से तीन का पता चला है, जबकि लड़की ने कहा है कि इसमें और भी लोग शामिल थे. फिलहाल पुलिस ने तीन लोगों को इस मामले में आरोपी बनाया है, जिनमें मनीष और नीशू के अलावा एक फौजी पंकज भी शामिल है. अभी तक पुलिस की गिरफ्त में सिर्फ नीशू आ सका है, बाकी लोग फरार हैं. इस गैंगरेप को एक दीनदयाल नाम के एक शख्स के कोठड़े (खेत में खेती के सामान रखने के लिए बना स्टोर रूम) में अंजाम दिया गया, जिसमें ये सब आए दिन अय्याशी करते थे. पीड़िता को भाजपा ने 2 लाख का मुआवजा भी दिया, जिसे परिजनों ने यह कहते हुए लौटा दिया कि उन्हें इंसाफ चाहिए, ना कि पैसे. इस गैंगरेप के मामले में रेवाड़ी के महिला पुलिस थाने की एएसआई हीरामणि को निलंबित कर दिया गया है. उन्होंने शिकायत दर्ज कराने आए लड़की के परिजनों को भगा दिया था और शिकायत फाड़ दी थी.

रेवाड़ी गैंगरेप का मामला हर बीतते दिन के साथ कोई न कोई नई बात सामने ला रहा है. इसी मौके का फायदा उठा रहे हैं राजनीतिक दल और नेतागिरी कर रहे हैं. देखा जाए तो रेवाड़ी गैंगरेप की पीड़िता को नेताओं ने एक सियासी हथियार बना लिया है और एक दूसरे पर कीचड़ उछाल रहे हैं. कांग्रेस के नेता कुलदीप बिश्नोई और अशोक तंवर ने तो ताव में आकर लड़की की पहचान तक उजागर कर दी है, जो कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन है. सुप्रीम कोर्ट मीडिया से भी नाराज है, क्योंकि मीडिया में भी लड़की की पहचान उजागर की गई है. रेवाड़ी गैंगरेप की पीड़िता इंसाफ मिलने का इंतजार कर रही है और उससे मिलने जो भी नेता जाता है वह लंबे-चौड़े भाषण के साथ इंसाफ दिलाने का वादा भी करता है. अब ये देखने वाली बात होगी कि राजनीति चमकाने वाला कोई नेता इंसाफ दिला पाता भी है या ये मामला भी ठंडे बस्ते में चला जाएगा.

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