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Updated: 12 नवम्बर, 2022 09:07 PM
देवेश त्रिपाठी
देवेश त्रिपाठी
  @devesh.r.tripathi
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पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा काट रहे सभी दोषियों को सुप्रीम कोर्ट ने रिहा करने का आदेश दिया है. इस खबर के सामने आने के बाद तमिलनाडु में राजीव गांधी हत्याकांड की दोषी नलिनी श्रीहरन के समर्थकों ने पटाखे और मिठाई के साथ जश्न मनाया. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर राजीव गांधी हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा काट रहे छह दोषियों को रिहा किया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने रिहाई का आदेश देते हुए कहा कि इस मामले में दोषियों में से एक एजी पेरारिवलन को पहले ही शीर्ष अदालत ने रिहा कर दिया. वो फैसला इनके मामले में भी लागू होता है. अगर इन पर कोई दूसरा मामला न चल रहा हो. 

राजीव गांधी के हत्यारों की रिहाई के फैसले का तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने स्वागत किया है. वहीं, कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर नाराजगी जताई है. लेकिन, ये नाराजगी बस रस्म अदायगी की तरह ही नजर आई. क्योंकि, इसी साल मई में जब एक अन्य हत्यारे एजी पेरारिवलन की रिहाई हुई थी. तब उसने एमके स्टालिन से जाकर मुलाकात भी की थी. जिस पर कांग्रेस की ओर से कोई खास प्रतिक्रिया नहीं दी गई थी. जबकि, एमके स्टालिन की सरकार खुलकर राजीव गांधी के हत्यारों का समर्थन कर रही थी.

वैसे भी गांधी परिवार ने तो राजीव गांधी के हत्यारों को पहले ही माफ कर दिया था. तो, इस पर कांग्रेस नेताओं की नाराजगी से क्या ही हो जाएगा? भले ही दोषियों की रिहाई पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करने आए कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ये कह दें कि 'सोनिया गांधी को अपना मत रखने का अधिकार है. लेकिन, मैं पूरे सम्मान के साथ कहता हूं कि पार्टी उनके मत से सहमत नहीं है. हमारा मत इस पर साफ है. हमारे पास जो भी विकल्प होंगे, उनका इस्तेमाल किया जाएगा.'

Rajiv Gandhi Assassination Congress not that much furious as on Bilkis Bano Case asks questions to Supreme Courtकांग्रेस पार्टी का गुस्सा सिर्फ प्रेस कॉन्फ्रेंस तक ही सीमित नजर आ रहा है.

सिंघवी के सवाल सिर्फ सुप्रीम कोर्ट से क्यों?

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने सवाल उठाते हुए कहा है कि इस मामले में प्रदेश सरकार के मत को तवज्जो देना गलत है. इस मामले में अनुच्छेद 142 को इस्तेमाल करना गलत है. जो अपराध पीएम की मौत को लेकर हो उसमें क्या इस तरह का ट्रीटमेंट दे सकते हैं? भविष्य में इस तरह के अपराधी को कोर्ट किस तरह रिहाई से मना करेगी? अगर राजीव गांधी के हत्यारों को जेल में अच्छे व्यवहार की वजह से रिहा किया जा रहा है, तो जेलों में लाखों लोग बिना अपराध के बंद हैं. उन पर ध्यान न देकर कर अपराधियों को रिहा कर रहे हैं? प्रधानमंत्री या पूर्व प्रधानमंत्री पर हमला क्या भारत से अस्तित्व पर हमला नहीं?

लेकिन, इन तमाम बातों के बावजूद कांग्रेस की ओर से राजीव गांधी के हत्यारों को छोड़े जाने पर कोई रोष नजर नहीं आता है. खासकर वैसा रोष, जो कुछ महीने पहले ही बिलकिस बानो गैंगरेप मामले में रिहा किए गए अभियुक्तों के खिलाफ नजर आया था. बिलकिस बानो गैंगरेप में तो मामला कुछ ही समय में सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया था. और, बिलकिस बानो की ओर से पैरवी कांग्रेस के ही पूर्व नेता रहे कपिल सिब्बल कर रहे थे. जो आमतौर पर ऐसे कई मामलों में केंद्र सरकार के खिलाफ लोगों के वकील हैं.

अगर कांग्रेस पार्टी को सोनिया गांधी के मत से कोई लेना-देना नही है. तो, पार्टी ने 'भारत जोड़ो यात्रा' के दौरान ही तमिलनाडु में किसी तरह के बड़े प्रदर्शन को अंजाम क्यों नहीं दिया? आसान शब्दों में कहें, तो राजीव गांधी के हत्यारों के बरी होने के जश्न को साधारण मान लिया गया. क्योंकि, गांधी परिवार के विचारों पर कांग्रेस नेता सिर्फ असहमति ही जता सकते हैं.

लेखक

देवेश त्रिपाठी देवेश त्रिपाठी @devesh.r.tripathi

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं. राजनीतिक और समसामयिक मुद्दों पर लिखने का शौक है.

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