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Updated: 07 दिसम्बर, 2018 07:22 PM
अनुज मौर्या
अनुज मौर्या
  @anujkumarmaurya87
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राजस्थान चुनाव के नतीजे तो 11 दिसंबर को आएंगे, लेकिन एग्जिट पोल के नतीजे आ चुके हैं. इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल के मुताबिक राजस्थान में इस कांग्रेस वापसी करेगी. यूं तो राजस्थान की राजनीति में भाजपा-कांग्रेस के बारी-बारी आने का सालों पुराना ट्रेंड और सट्टा बाजार इसी ओर इशारा कर रहे थे कि कांग्रेस जीतेगी, लेकिन इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल ने उन संभावनाओं को और पुख्ता कर दिया है. पोल के मुताबिक कांग्रेस पूर्ण बहुमत के साथ राजस्थान में जीतेगी, जबकि भाजपा को एक भारी नुकसान होता दिख रहा है. आपको बता दें कि राजस्थान की 200 में से 199 सीटों पर चुनाव हुआ है, रामगढ़ विधानसभा सीट पर चुनाव फिलहाल टाल दिया गया है.

राजस्थान चुनाव 2018, एग्जिट पोल, कांग्रेस, भाजपाइंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल के अनुसार कांग्रेस को 119-141 सीटें मिल सकती हैं.

क्या कहते हैं एग्जिट पोल के आंकड़े?

इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल के अनुसार कांग्रेस को 119-141 सीटें मिल सकती हैं, जबकि भाजपा 55-72 सीटों तक सिमट सकती है. इतना ही नहीं, बसपा के खाते में 1-3 सीटें जा सकती हैं और बाकी सभी को 3-8 सीटों के साथ संतोष करना होगा.

एग्जिट पोल के अनुसार इस बार चुनाव में कांग्रेस को करीब 42 फीसदी वोट शेयर मिलने की उम्मीद है, जबकि पिछली बार कांग्रेस के खाते में सिर्फ 33.31 फीसदी वोट आए थे. वहीं दूसरी ओर, 2013 के चुनावों में भाजपा को 45.50 फीसदी वोट मिले थे, जबकि इस बार भाजपा का वोट शेयर घट कर 37 फीसदी पर आ गया है.

अगर एग्जिट पोल के नतीजों को क्षेत्रवार (रीजन) देखा जाए तो अहिरवाल में कांग्रेस को सबसे अधिक फायदा हुआ है, जहां की 21 सीटों में से 17 सीटें कांग्रेस को मिली हैं. यानी यहां की करीब 80 फीसदी सीटें कांग्रेस को मिली हैं, जबकि भाजपा को सिर्फ 3 सीटें लेकर संतोष करना पड़ सकता है. इसके अलावा जयपुर रीजन में कांग्रेस को 44 में से 33 सीटें, हदोती में 17 में से 12 सीटें, जैसलमेर-बीकानेर में 20 में से 8 सीटें, मारवाड़ में 41 में से 27 सीटें, मेवाड़ में 35 में से 14 सीटें और शेखावती में 21 में से 15 सीटें मिली हैं.

क्या कह रहे हैं अन्य एग्जिट पोल?

अगर टाइम्स नाऊ-सीएनएक्स के एग्जिट पोल को देखें तो उनके अनुसार भी राजस्थान में कांग्रेस ही जीत रही है. हालांकि, वह कांग्रेस को 105 सीटें मिलने का अनुमान लगा रहे हैं. इसके अलावा उनके अनुसार भाजपा को 85, बसपा को 2 और अन्य के खाते में 7 सीटें जा सकती हैं.

चुनावों से पहले कहा जा रहा था कि राजस्थान की सत्ता में कांग्रेस की वापसी इस बार काफी मुश्किल है. यह भी अनुमान लगाए जा रहे थे कि कांग्रेस राजस्थान की राजनीति में कोई एक चेहरा नहीं दे पाई है, जिसकी वजह से उसको नुकसान हो सकता है. माना जा रहा था कि अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच टसल है और इसी की वजह से कांग्रेस एक चेहरा सामने नहीं ला सकी है, जो पार्टी में बिखराव दिखाता है. खुद पीएम मोदी ने भी इसे भुनाने की कोशिश की और राजस्थान के मतदाताओं को अपनी ओर खींचना चाहा, लेकिन इन सबके बावजूद कांग्रेस क्लीन स्वीप करती नजर आ रही है.

कांग्रेस की असली परीक्षा चुनाव नतीजों के बाद

चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस इस बात को सफलता से टालती आई कि यदि उसकी सरकार बनी तो मुख्‍यमंत्री कौन बनेगा. राजस्‍थान कांग्रेस अध्‍यक्ष अशोक गेहलोत की लो‍कप्रियता के कारण उन्‍हें कई बार फेवरेट बताया गया, लेकिन पार्टी यही कहती रही कि आलाकमान तय करेगा, जितने वाले विधायक तय करेंगे. लेकिन यदि 11 दिसंबर को नतीजा कांग्रेस के पक्ष में जाता है, तो राहुल गांधी को सख्‍त फैसला लेना पड़ेगा. यदि वे अशोक गेहलोत को मुख्‍यमंत्री घोषित करते हैं तो उन्‍हें सचिन पायलट की लोकप्रियता से निपटना होगा. और यदि सचिन पायलट को गद्दी सौंपते हैं तो अशोक गेहलोत को जवाब देना मुश्किल होगा.

बीजेपी की जीत वसुंधरा के लिए लॉटरी होगी या सजा?

हालांकि, एग्जिट पोल के रुझान राजस्‍थान में बीजेपी का साथ नहीं दे रहे हैं लेकिन यदि कोई चमत्‍कार बीजेपी को जीत दिला भी दे, तो क्‍या वसुंधरा राजे उसकी खुशी मना पाएगी. जब राज्‍य में भाजपा के नेता ही 'मोदी तुझसे बैर नहीं, वसुंधरा तेरी खैर नहीं' के नारे लगा रहे हों तो महारानी की सत्‍ता का हाल समझा जा सकता है. यदि किन्‍हीं कारणों से बीजेपी जीत भी जाती है तो वसुंधरा राजे का दोबारा मुख्‍यमंत्री बन पाना कठिन ही होगा.

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