New

होम -> सियासत

 |  4-मिनट में पढ़ें  |  
Updated: 05 सितम्बर, 2022 02:13 PM
  • Total Shares

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इनदिनों महिलाओं को चेताते हुए नजर रहे हैं. उनकी क्या गलती? गलती तो एनसीआरबी की है. उसने ये बताने की ज़ुर्रत जो कर दी है कि बीते साल 2021 में देश में बलात्कार के सबसे अधिक मामले राजस्थान में दर्ज किए गए है. इतना ही नहीं इनकी संख्या साल 2020 की तुलना में 19 फीसदी अधिक है. अब एनसीआरबी को तो झूठा करार दे नहीं सकते थे, क्योंकि उसने वहीं आंकड़े दिए जो गहलोत सरकार के प्रशासन ने उपलब्ध कराए. उनको शायद पता नहीं था कि आपराधिक मामलों में अन्य राज्यों को पीछे छोड़कर राजस्थान टॉप कर जाएगा. इसलिए एक बार फिर उनका 'उच्च' विचार प्रकट हुआ. गहलोत ने निष्कर्ष ही निकाल दिया कि उनके राज्य में महिलाओं से अपराध के आधे से अधिक यानी 56 फीसदी मामले झूठे होते हैं. इस निष्कर्ष के उनके आधार भी अजीबोगरीब हैं.

650x400_090422105339.jpgएनसीआरबी की रिपोर्ट को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने स्वीकार करने से इंकार कर दिया है.

अशोक गहलोत कहते हैं कि बलात्कारी विदेशों से नहीं आते, अधिकतर तो परिवार, जान पहचान और रिश्तेदार ही होते हैं. उनका कुतर्क ही तो है चूंकि उन्होंने थानों में प्राथमिकी दर्ज करना अनिवार्य कर दिया था तो झूठे मामले भी दर्ज हो गए और रिकॉर्ड में चले गए. फिर उन्होंने महिलाओं से हुए अपराध के मामलों में पॉक्सो के आधार पर विभेद कर माइलेज भी ले लिया कि आंकड़ों के मुताबिक पॉक्सो के मामलों में मध्य प्रदेश पहले और राजस्थान 12वें नंबर पर हैं. आखिर गहलोत क्या और क्यों सफाई दे रहे हैं? चूंकि वे विशेष परिपक्व हैं तो क्या वे पीड़िताओं की परिपक्वता को पैमाना बना रहे हैं? क्या वे रिश्तेदारों पर, परिवारों पर ठीकरा फोड़कर बरी होना चाहते हैं?

क्या वो पहले पायदान पर पुलिस और दूसरे पर न्यायालय द्वारा मामलों को झूठा बताकर खारिज किए जाने के आंकड़ें दे सकते हैं? यदि हां, तो क्या उन आंकड़ों को एनसीआरबी को प्रेषित किया गया और जिनका संज्ञान ब्यूरो ने नहीं लिया? दरअसल गहलोत साहब को अपने राज्य की हकीकत पहले से ही पता थी, आखिर मुखिया जो हैं. उनके दिल में महिलाओं के साथ बढ़ते हुए अपराधों की बहुत पीड़ा हैं, पीड़िताओं का खासकर बलात्कार पीड़िताओं का दर्द उनसे देखा नहीं जाता, वे उनके साथ हमेशा खड़े रहेंगे लेकिन क्या करें आदत से मजबूर हैं, क्योंकि बतौर राजस्थान की सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी के नेता के केंद्र की सत्तासीन भाजपाई सरकार के हर कानून और हर नीति का विरोध करना ही उनका राजधर्म हैं, फिर चाहे उसके लिए उन्हें अनर्गल कुछ भी कहना पड़े. माननीय अशोक गहलोत का मर्म समझ आता है कि वे बैकफुट पर हैं.

यहां शायद गहलोत ये समझाना चाहते हैं कि विपक्षी पार्टी के लोग ऐसी अफवाहें फैलाते हैं कि राज्य में अपराध बढ़ गए हैं. वो ये भी साबित करना चाहते हैं कि उन्होंने पुलिस प्रशासन को हिदायत दे दी है कि कथित 56 फीसदी मामलों के खिलाफ पुरजोर कार्यवाही करें. इसलिए राजस्थान पुलिस को 'गो अहेड' मिल गया है. अब मामले दर्ज ही नहीं होंगे. राजनीतिक विद्वेष के वश तमाम तरह के मामलों का दर्ज होना तो खूब सुनते आए हैं, अब वही पैमाना महिलाओं पर भी लागू हो गया है. क्या आदर्श लॉजिक है कि महिला विद्वेष के चलते दुष्कर्म की झूठी शिकायत दर्ज कराती है. तो महिलाओं का दुष्कर्म पर चुप्पी साध लेना ही श्रेयस्कर है. चुप ना रही तो झूठी बुलाकर इज्जत तार तार कर दी जाएगी.

अभी ज्यादा दिन नहीं हुए हैं, शायद पिछले महीने की शुरुआत में ही गहलोत जी ने बयान दिया था कि रेप के मामलों में रेपिस्ट को फांसी की सजा देना गलत है. क्योंकि फांसी की सजा के कारण ही देश में रेप के बाद हत्या के मामले तेजी से बढ़ रहें हैं. गजब का उनका कानूनी विश्लेषण था कि रेपिस्ट को लगता है कि कहीं पीड़िता उसके विरुद्ध गवाह बन जाएगी, जिसके डर से वो उसे बलात्कार करने के बाद मार देते हैं. आदरणीय अशोक गहलोत राजस्थान के मुखिया हैं, बुजुर्ग भी हैं, उन्हें सार्वजनिक जीवन का लंबा अनुभव है. मान भी लें कि उनके कथन दिल से नहीं हैं बल्कि निहित राजनीतिक वश है, फिलहाल बेहतर तो यही है कि राजस्थान की महिलाएं ये याद रखें कि वे अबला नहीं सबला हैं.

#अशोक गहलोत, #रेप केस, #NCRB, Rajasthan CM Ashok Gehlot, Ashok Gehlot Denies To Accept NCRB Report, NCRB

लेखक

prakash kumar jain prakash kumar jain @prakash.jain.5688

Once a work alcoholic starting career from a cost accountant turned marketeer finally turned novice writer. Gradually, I gained expertise and now ever ready to express myself about daily happenings be it politics or social or legal or even films/web series for which I do imbibe various  conversations and ideas surfing online or viewing all sorts of contents including live sessions as well .

iChowk का खास कंटेंट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक करें.

आपकी राय