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Updated: 02 दिसम्बर, 2018 12:27 PM
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चुनावी बहस अली और बजरंगबली से आगे बढ़ी तो मालूम हुआ श्रीराम भक्त हनुमान दलित थे. तभी एक और दावेदारी आयी कि वो एससी नहीं बल्कि एसटी कैटेगरी में आते हैं - अब तो लगता है हनुमान भक्तों के लिए आरक्षण का कोटा तय होना बाकी है.

हनुमान की जाति को लेकर पूरी बहस की नींव रखने से लेकर हवा देने तक का क्रेडिट अकेले योगी आदित्यनाथ को मिलता है. बीजेपी के बाकी नेता तब तक राहुल गांधी के गोत्र विवाद में उलझे हुए थे. अब राहुल गांधी गोत्र विवाद के काउंटर में प्रधानमंत्री मोदी को टारगेट किया है और हिंदुत्व के नाम पर मोदी को कठघरे में घसीट लिया है.

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का दावा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिंदुत्व के बारे में कुछ भी नहीं जानते. हाल ही में एक कांग्रेस नेता ने मोदी की जाति पर टिप्पणी के साथ सवाल उठाया था कि भला वो धर्म के बारे में कैसे कुछ जान सकते हैं.

2017 के गुजरात विधानसभा चुनावों के दौरान राहुल गांधी की एक 'सॉफ्ट हिंदुत्व' छवि सामने आयी थी. 2018 के विधानसभा चुनाव खत्म होते होते ऐसा लगता है कि राहुल गांधी 'सॉफ्ट हिंदुत्व' को पीछे छोड़ आगे निकल चुके हैं - हिंदुत्व के रास्ते आगे बढ़ रही ये मंजिल आखिर कहां जाती है?

'सॉफ्ट हिंदुत्व' के कंसेप्ट से आगे बढ़ते राहुल गांधी

गुजरात चुनाव में जब बीजेपी ने राहुल गांधी के मंदिर दौरे पर सवाल उठाया तो कांग्रेस नेताओं ने उनके हिंदुत्व में आस्था को स्थापित किया. सारे शक शुबहे मिटाने के लिए राहुल गांधी को जनेऊधारी हिंदू बताया गया. कर्नाटक चुनाव खत्म होने के बाद राहुल गांधी कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर गये और लौटते ही शिव भक्त राहुल गांधी के रूप में प्रकट हुए. मध्य प्रदेश चुनाव के लिए शुरुआती दौरों में जब राहुल गांधी पब्लिक मीटिंग के लिए पहुंचते तो 'बोल बम' के नारे भी लगने लगे.

rahul gandhiमंदिर-मंदिर आगे होती राहुल गांधी की मंजिल...

राजस्थान चुनाव के अंतिम दौर में पहुंचते ही राहुल गांधी ने गीता-सार के सहारे हिंदुत्व पर गंभीर बहस शुरू कर दी है. हिंदुत्व के प्रति राहुल गांधी अब इतने गंभीर दिख रहे हैं कि 'सॉफ्ट हिंदुत्व' का आइडिया अपनेआप पीछे छूटता नजर आ रहा है.

मोदी के हिंदुत्व ज्ञान पर राहुल गांधी के सवाल

राजस्थान के उदयपुर में संवाद कार्यक्रम में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पूछते हैं - 'हिंदुत्व का सार क्या है?'

ये सवाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हिंदुत्व ज्ञान पर सवाल उठाने की भूमिका तय करने के लिए है. राहुल पूछते हैं - 'गीता में क्या कहा गया है?'

narendra modiराहुल गांधी के निशाने पर मोदी का हिंदुत्व...

संवाद कार्यक्रम में राहुल गांधी गीता को हिंदुत्व के ज्ञान का आधार बताते हैं और कहते हैं कि इसके बारे में हर कोई जानता है - 'इसका ज्ञान हर किसी को है, हर जगह ज्ञान फैला हुआ है... हर जीवित वस्तु के अंदर ज्ञान है...'

देखा जाये तो राहुल गांधी इस तरीके से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हिंदुत्व ज्ञान पर ठीक वैसे ही सवाल उठाते हैं जैसे कुछ दिन पहले कांग्रेस नेता सीपी जोशी की टिप्पणी पर विवाद हुआ था. सीपी जोशी और राहुल गांधी के सवाल उठाने में एक फर्क जरूर है, जोशी के बयान में मोदी की जाति पर भी टिप्पणी थी और राहुल गांधी ने ऐसा कुछ नहीं किया है. राहुल गांधी ने धर्म पर सवाल उठाया है, जाति पर नहीं. राहुल गांधी ने जोशी से माफी मंगवाई थी. जोशी ने खेद प्रकट भी किया था. जोशी का दावा था कि धर्म के बारे में तो सिर्फ ब्राह्मण जानता है, मोदी जिस जाति से हैं, उनकी नजर में, वो भला कैसे धर्म या हिंदुत्व के बारे में जानकारी रख सकते हैं. तो फिर राहुल की बातें अलग कैसे हुईं? समझा जा सकता है.

प्रधानमंत्री मोदी के हिंदुत्व के ज्ञान से चर्चा शुरू करते हुए राहुल गांधी उनके हिंदू होने पर सवाल उठाते हैं. आधार गीता है. ज्ञान का आधार. हिंदुत्व के ज्ञान का आधार.

राहुल गांधी बात आगे बढ़ाते हैं और निशाने पर प्रधानमंत्री मोदी होते हैं - 'प्रधानमंत्री कहते हैं कि वो हिंदू हैं लेकिन हिंदुत्व की जो नींव है, उसको नहीं समझते... आखिर वो किस प्रकार के हिंदू हैं?'

जयपुर पहुंची सुषमा स्वराज प्रधानमंत्री मोदी के बचाव में राहुल गांधी के सवालों का जवाब देती हैं. लहजा सवालिया ही है, 'राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हिंदू होने का मतलब नहीं पता है... उन्होंने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि वो और कांग्रेस अपने धर्म और जाति के बारे में कन्फ्यूज हैं... कई सालों से उन्हें सेक्युलर नेता के तौर पर पेश किया गया लेकिन चुनाव के पास उन्हें एहसास हुआ कि हिंदू बहुसंख्यक हैं इसलिए अब ऐसी छवि बना रहे हैं...'

काफी दिनों से कांग्रेस को ये चिंता खाये जा रही थी कि बीजेपी ने उसकी धर्म निरपेक्ष छवि को बहुत नुकसान पहुंचाया है. इतना नुकसान कि कांग्रेस को बीजेपी ने मुस्लिम पार्टी के तौर पर लोगों में धारणा विकसित कर दी है. इसी छवि से उबरने के लिए कांग्रेस ने हिंदुत्व की बहस में हिस्सा लेना शुरू किया और हिंदुत्व के रास्ते चल पड़ी. सॉफ्ट हिंदुत्व शायद सफर का एक पड़ाव था - मंजिल कहीं आगे है. सॉफ्ट हिंदुत्व से आगे. कांग्रेस की रणनीति में आये इस बदलाव को बीजेपी अपनी जीत बताती है.

संभव है राहुल गांधी को लगता हो कि मोदी को चैलेंज करने के लिए वैसा ही बनना होगा. लोहा ही लोहे को काटता है, सही बात है - लेकिन हर लोहा ऐसा कर सकता है क्या?

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