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Updated: 05 मार्च, 2019 03:57 PM
अनुज मौर्या
अनुज मौर्या
  @anujkumarmaurya87
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रविवार को पीएम मोदी राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र अमेठी पहुंचे थे, जहां उन्होंने एक ऑर्डिनेंस फैक्ट्री का शिलान्यास किया. इस फैक्ट्री में एके-47 की अपग्रेडेड एके-203 राइफलें बनेंगी, जो सेना को मजबूती देंगी. यूं तो ये फैक्ट्री रोजगार के लिहाज से बेहद अहम है, लेकिन जैसे ही मोदी ने इसका शिलान्यास किया वैसे ही इस पर राजनीति भी शुरू हो गई. राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए पीएम मोदी से कहा कि इस फैक्ट्री का शिलान्यास तो वह 2010 में ही कर चुके हैं. उन्होंने तो पीएम को झूठा तक कह डाला. बस फिर क्या था. देखते ही देखते राहुल गांधी का ट्वीट उन्हीं के गले की फांस बन गया.

राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर निशाना साधा, लेकिन सोशल मीडिया पर खुद उनकी ही फजीहत हो गई. पहले तो स्मृति ईरानी ने कुछ ट्वीट किए, जिन्होंने अमेठी में चल रहे शिलान्यास के खेल की पोल खोल दी. उन्होंने शिलान्यास की एक तस्वीर भी शेयर की, जिसे देखने के बाद कुछ कहना शेष नहीं रह जाता. उसके बाद तो सोशल मीडिया पर अन्य यूजर्स ने भी राहुल गांधी पर निशाना साधना शुरू कर दिया. अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर शिलान्यास का खेल है क्या. तो चलिए जानते हैं अमेठी में कैसे शिलान्यास का खेल चला.

राहुल गांधी, अमेठी, नरेंद्र मोदी, स्मृति ईरानीइस फैक्ट्री में एके-47 की अपग्रेडेड एके-203 राइफलें बनेंगी, जो सेना को मजबूती देंगी.

क्या है राहुल गांधी का आरोप?

राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर आरोप लगाया है कि जिस ऑर्डिनेंस फैक्ट्री का शिलान्यास वह 2010 में ही कर चुके हैं, उसी का दोबारा शिलान्यास कर के पीएम मोदी राजनीतिक फायदा उठाना चाहते हैं. राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए यह भी कहा है कि वहां पर पिछले कई सालों से छोटे हथियारों का उत्पादन हो रहा है. राहुल ने सवाल किया है कि पीएम मोदी ने झूठ क्यों बोला, उन्हें शर्म नहीं आती क्या?

राहुल गांधी ने शिलान्यास नहीं राजनीति की

408 करोड़ रुपए के बजट वाली जिस ऑर्डिनेंस फैक्ट्री की बात हो रही है उसका शिलान्यास अक्टूबर 2010 में राहुल गांधी ने किया था, इसमें कोई दोराय नहीं है. लेकिन सवाल ये है कि क्या उस फैक्ट्री का शिलान्यास काम शुरू करने के लिए किया गया, या सिर्फ राजनीति चमकाने के लिए. कोरवा में बन रही इस फैक्ट्री को रक्षा मंत्रालय की ओर से 2007 में ही मंजूरी मिल गई थी. दिलचस्प बात ये है कि इस फैक्ट्री में नई पीढ़ी की कार्बाइन बननी थीं, लेकिन इस फैक्ट्री को बिना इस बात का फैसला किए ही मंजूरी दे दी गई कि इसमें कौन सी कार्बाइन बनेंगी और कैसे बनेंगी. स्मृति ईरानी ने एक ट्वीट करते हुए राहुल पर हमला भी किया है, जिसमें लिखा है- 'शिलान्यास नहीं सत्यानाश किया है आपने अमेठी में. झूठ कितने बोले अमेठी से आज चलें फिर से उसका पर्दाफ़ाश करते हैं.'

कैग की रिपोर्ट है करारा तमाचा

इतना ही नहीं, कैग की एक रिपोर्ट के अनुसार फैक्ट्री के लिए गलत जगह का चुनाव किया गया, मॉनिटरिंग भी सही नहीं हुई, जिसके चलते प्रोजेक्ट में लगातार देरी होती रही. सेना ने 2005 में तुरंत जरूरत होने की बात कहते हुए नई पीढ़ी के कार्बाइन की मांग की थी, लेकिन इसे बनाने में इतनी देरी हुए, जिससे साफ हो गया कि सेना को सही समय पर नई पीढ़ी की कार्बाइन उपलब्ध नहीं कराई जा सकेंगी. इतना ही नहीं, कैग की रिपोर्ट में और भी कई बातें हैं जो राहुल गांधी को चुप करने के लिए काफी हैं.

इस फैक्ट्री के लिए 60 एकड़ जमीन की जरूरत थी, लेकिन उसके बजाय सिर्फ 34 एकड़ जमीन का ही इंतजाम किया गया, जिसकी वजह से मामला अटक गया. ये देरी तब हुई है, जब 2006 में एक साइट सिलेक्शन कमेटी तक बनाई गई थी. अब आप खुद ही समझ सकते हैं कि वह कमेटी क्या काम कर रही थी. अगस्त 2010 CAG ने अपनी रिपोर्ट में सरकार से कोरवा ऑर्डिनेंस फैक्ट्री की तत्काल समीक्षा की मांग की थी. CAG ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि फैक्ट्री की इमारत खाली है और यहां से हथियारों के उत्पादन के लिए लंबा इंतजार करना पड़ेगा.

मोदी पूरी तैयारी करके पहुंचे थे अमेठी

पीएम मोदी ने इस फैक्ट्री का उद्घाटन आनन-फानन में नहीं किया, बल्कि पूरी प्लानिंग के बाद किया. जब राहुल ने उद्घाटन किया था तब ये भी तय नहीं हो सका था कि वहां कौन से हथियार बनेंगे. पीएम मोदी ने पहले रूस के साथ मिलकर एक एग्रीमेंट किया, उसके बाद फैक्ट्री का उद्घाटन किया. इसमें रूस के साथ मिलकर करीब 7.5 लाख एके-203 राइफलों का निर्माण किया जाएगा, जो एके सीरीज की नई राइफल है और एक-47 से काफी एडवांस भी होगी.

ईरानी ने दिखाया राहुल को आईना

स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी पर ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के अलावा एक और मुद्दा उठाते हुए निशाना साधा. उन्होंने नेशनल पेट्रोलियम टेक्निकल स्कूल के शिलान्यास की एक तस्वीर शेयर की और राहुल गांधी पर निशाना साधा. इसका शिलान्यास 1996 में कांग्रेस नेता सतीश शर्मा ने किया था, लेकिन स्कूल के नाम पर वहां सिर्फ एक छोटी सी दीवार है. इतनी छोटी दीवार कि उस पर शिलापट्ट के अलावा और कुछ नहीं आ सकता. ईरानी ने ट्वीट करते हुए कहा- 'लगे हाथ आज देश को बता दें कि कैसे आपने तो उस संस्थान का भी शिलान्यास किया, जिसका आप ही के एक नेता ने लगभग 2 दशक पहले शिलान्यास किया था.

जहां एक ओर राहुल गांधी ने इस फैक्ट्री का उद्घाटन सिर्फ दिखावे के लिए किया था वहीं दूसरी ओर पीएम मोदी ने इसका उद्घाटन करने से पहले पूरी तैयारी कर ली थी. रूस से बात हो गई और 7.5 लाख एके-203 राइफलों का निर्माण करने का एग्रीमेंट भी हो गया. यहां तक कि करीब 72 हजार असॉल्ट राइफलों की खरीद के लिए अमेरिका की कंपनी से करार भी कर लिया है. अब ये तो साफ है कि कांग्रेस ने अमेठी में सिर्फ शिलान्यास का खेल खेला है, जिससे ना तो कोई फैक्ट्री लगी, ना ही रोजगार पैदा हुआ. वादों को दावों में बदला तो जा सकता था, बशर्तें कांग्रेस ने अमेठी को अपनी विरासत के तौर पर ना देखा होता.

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