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Updated: 18 नवम्बर, 2022 02:28 PM
देवेश त्रिपाठी
देवेश त्रिपाठी
  @devesh.r.tripathi
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कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो यात्रा' फिलहाल महाराष्ट्र में है. और, यहां उन्होंने एक बार फिर से वीर सावरकर पर निशाना साधा है. राहुल गांधी ने एक चिट्ठीनुमा कागज लहराते हुए कहा कि 'ये वीर सावरकर का अंग्रेजों का लिखा माफीनामा है. जिसमें लिखा है कि सर, मैं आपका नौकर रहना चाहता हूं. सावरकर ने अंग्रेजों से डर के मारे माफी मांगी थी.' इससे पहले राहुल गांधी ने एक तरफ बिरसा मुंडा अंग्रेजों से लड़ाई लड़ रहे थे, तो दूसरी तरफ सावरकर माफी मांग रहे थे. उन्होंने सावरकर को 'माफीवीर' घोषित कर दिया था. जब उनके बयान पर बवाल मचा तो उन्होंने एक प्रेस कान्‍फ्रेंस कर यहां तक दिया कि 'वे अपने बयान से पीछे नहीं हटेंगे.'

वीर सावरकर पर राहुल गांधी का बयान आते ही महाराष्ट्र में उनकी सहयोगी उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने इस बयान से खुद को अलग कर लिया था. वहीं, शरद पवार की एनसीपी ने इस मामले पर चुप्पी साध रखी है. राहुल के बयान को लेकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने आपत्ति जताई है. आसान शब्दों में कहा जाए, तो राहुल गांधी के इस बयान से महाराष्ट्र में सियासी बवाल उठ खड़ा हुआ है. 

Rahul Gandhi and Congress insistence on Veer Savarkar mercy petitions will now stop only after apology in Supreme Court like Rafale Dealवीर सावरकर पर राहुल गांधी के बयान पर उनकी सहयोगी पार्टियां ही असहमति जता चुकी हैं.

सावरकर के पोते ने राहुल गांधी के खिलाफ शुरू किया अभियान

वीर सावरकर के पोते रंजीत सावरकर ने राहुल गांधी के इस बयान पर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है. रंजीत सावरकर का कहना है कि 'यह पहली बार नहीं है. जब राहुल गांधी और कांग्रेस ने वीर सावरकर का अपमान किया हो. पहले भी वो ऐसा करते रहे हैं. तो, मैंने राहुल गांधी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने का फैसला लिया है. क्योंकि, राहुल गांधी आदतन अपराधी हैं. और, 2017 में भी उन्होंने ऐसा ही कहा था. रंजीत सावरकर ने ये भी कहा कि कांग्रेस वोट बैंक की राजनीति करती है और इसी एजेंडे के तहत वीर सावरकर का अपमान करती है.' बता दें कि राहुल गांधी इससे पहले भी कई बार सावरकर को लेकर बयानबाजी करते रहे हैं. 

'भारत जोड़ो यात्रा' के कर्नाटक में पहुंचने के दौरान भी कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी कहा था कि 'मेरी समझ के मुताबिक आरएसएस अंग्रेजों की मदद करता था. और, सावरकर को अंग्रेजों से वजीफा मिल रहा था. ये ऐतिहासिक तथ्य है. स्वतंत्रता संग्राम में कहीं भी भाजपा नहीं दिखेगी. अंग्रेजों से आजादी की लड़ाई लड़ने वाले कांग्रेस के नेता थे.' वैसे, रंजीत सावरकर की शिकायत और गुस्से को देखते हुए कहा जा सकता है कि इस मामले पर राहुल गांधी को जल्द राहत मिलती नहीं दिख रही है. और, संभावना राफेल मुद्दे की तरह ही माफी मांगने की ओर बढ़ती नजर आ रही है.

'चौकीदार चोर है' पर माफी मांग चुके हैं राहुल

2019 के लोकसभा चुनाव से पहले राहुल गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ 'चौकीदार चोर है' का नारा दिया था. और, इस नारे को पुख्ता करने के लिए राहुल गांधी ने कथित राफेल डील घोटाले पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश तक का हवाला दे दिया था. राहुल ने कहा था कि अब तो सुप्रीम कोर्ट ने भी मान लिया है कि चौकीदार चोर है. लेकिन, राहुल गांधी को राफेल डील के मामले पर मुंह की खानी पड़ी थी. और, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में राहुल को फटकार लगाते हुए बिना शर्त माफी मांगने को कहा था. साथ ही माफीनामे को दाखिल करने को भी कहा था. 

और, वीर सावरकर को लेकर राहुल के हालिया बयान के बाद भाजपा शायद ही इस मुद्दे को इतनी आसानी से हाथ से जाने देगी. क्योंकि, वीर सावरकर के माफीनामे को लेकर की जाने वाली सियासी बातों के बीच में वीर सावरकर पर किताब लिखने वाले इतिहासकार डॉ. विक्रम संपत आ खड़े हुए हैं. विक्रम संपत ने अपनी किताब में लिखा है कि वीर सावरकर ने महात्मा गांधी के कहने पर ही माफीनामा लिखा था. और, बाकायदा इसके लिए विक्रम संपत ने साक्ष्य भी पेश किए हैं. तो, देखना दिलचस्प होगा कि ये मामला अब कहां जाकर रुकता है?

लेखक

देवेश त्रिपाठी देवेश त्रिपाठी @devesh.r.tripathi

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं. राजनीतिक और समसामयिक मुद्दों पर लिखने का शौक है.

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