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बड़ा आर्टिकल  |  
Updated: 14 अगस्त, 2021 07:53 PM
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बधाई तो बनती है - बड़े लंबे अरसे बाद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को लग रहा होगा जैसे जीत भी कोई खुशनुमा एहसास होती है. जीत ने राजनीतिक विरोधियों के पाले में जाकर तो जैसे जायका ही खराब कर दिया था.

जीत होती क्या है? जीत तो जीत होती है. जंग भी जंग ही होती है. जंग जीतने का कोई तरीका नहीं होता, बस जीत गये तो जीत गये, हारे तो हार. ट्विटर के खिलाफ कांग्रेस की जंग में ये राहुल गांधी के लिए जीत ही है. बहुत बड़ी जीत.

बेशक ये चुनावी जीत नहीं है लेकिन चुनावी जीत से कम है क्या? जैसे जंग, प्यार और चुनाव में हर हथकंडे जायज और वाजिब माने जाते हैं, कांग्रेस ने सामूहिक रूप से वही किया - और नतीजा सामने है!

जीत के बाद कई सवाल गौण हो जाता हैं. मसलन, अब राहुल गांधी को ये समझाने की जरूरत नहीं पड़ेगी कि ट्विटर पर रेप पीड़ित बच्ची के परिवार की तस्वीर शेयर करना गलत था या सही? वैसे राहुल गांधी ने जिस तरीके से आगे बढ़ कर अपने स्टैंड को इंसाफ की लड़ाई का रंग दे दिया और सफल रहे, ये भी जीत की एक नयी गढ़ी हुई परिभाषा ही होगी.

ट्विटर के बाद बाल अधिकार आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने वैसी ही शिकायत इंस्टाग्राम और फेसबुक के साथ भी दर्ज करायी है, लेकिन वे क्या फैसला लेते हैं ये देखना होगा. प्रियंका कानूनगो ने अपने पत्र में तस्वीरें शेयर करने को पॉक्सो एक्ट के उल्लंघन की बात दोहरायी है.

अब जबकि ट्विटर ने राहुल गांधी के साथ साथ बाकी कांग्रेसियों के भी अकाउंट (Congress Twitter Accounts Restored) को अनलॉक कर दिया है और कांग्रेस भी ट्वीट करने लगी है - 'सत्यमेव जयते', ट्विटर के स्टैंड को कैसे समझा जाये?

क्या ट्विटर ने कांग्रेस नेता शशि थरूर (Shashi Tharoor) की सलाह मान ली - या हार?

राहुल गांधी की गलती नहीं थी, तो लॉक क्यों किया?

ट्विटर ने राहुल गांधी, कांग्रेस के आधिकारिक अकाउंट या दूसरे कांग्रेस नेताओं के अकाउंट को लॉक किया था, सस्पेंड नहीं. लॉक भी अस्थायी तौर पर - और ये स्थिति राहुल गांधी के साथ तो करीब हफ्ते भर रही, बाकियों के साथ कुछ कम.

हुआ ये था कि दिल्ली में एक बच्ची के साथ हुई रेप की घटना के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी परिवार वालों से मिलने गये थे. राहुल गांधी ने बच्ची के माता पिता को अपनी कार में ही बुलवा लिया और मुलाकात की. बातचीत हुई. ढाढ़स बढ़ाया और हाथरस या वैसे ही मामलों की तरफ मुश्किल वक्त में साथ खड़ रहने और इंसाफ की लड़ाई लड़ने का भरोसा भी दिलाया.

rahul gandhi, priyanka gandhi vadra, shashi tharoorराहुल गांधी ने ट्विटर के खिलाफ राजनीतिक लड़ाई जीत ली है - अब मानहानि का केस भी फाइल करना चाहिये!

रेप की शिकार हुई बच्ची अब इस दुनिया में नहीं है. परिवार वालों का आरोप है कि उसकी हत्या कर दिये जाने के बाद उसके शव का भी आनन फानन में अंतिम संस्कार कर दिया गया. दिल्ली पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया है और आगे की कानूनी प्रक्रिया जारी है.

परिवार से किये गये वादे पर अमल करते हुए राहुल गांधी ने इंसाफ की लड़ाई की शुरुआत ट्विटर पर मुलाकात की तस्वीर शेयर करने के साथ की. राहुल गांधी के तस्वीर शेयर करते ही बवाल शुरू हो गया. रेप पीड़ित की तस्वीर शेयर करने को लेकर राहुल गांधी निशाने पर आ गये.

फिर NCPCR यानी राष्ट्रीय बाल अधिकार आयोग ने ट्विटर और दिल्ली पुलिस को शिकायती पत्र लिख दिया. आयोग ने रेप पीड़िता की पहचान को उजागर करने को पॉक्सो एक्ट का उल्लंघन बताया.

ट्विटर ने मुलाकात की तस्वीरों वाला राहुल गांधी का वो ट्वीट तो हटाया ही, कांग्रेस नेता का ट्विटर अकाउंट भी लॉक कर दिया. कांग्रेस की तरफ से अकाउंट सस्पेंड किये जाने की बातें हो रही थीं, लेकिन ट्विटर की तरफ से साफ किया गया कि सिर्फ लॉक किया गया है. मतलब, जो चीजें पहले से पड़ी हैं वे दिखायी देती रहेंगी, लेकिन यूजर कुछ नहीं कर सकेगा.

तभी कांग्रेस और पार्टी के कई नेताओं ने मुलाकात वाली तस्वीरें शेयर कर ट्विटर को राहुल गांधी की ही तरह उनके भी अकाउंट लॉक करने की चुनौती दे डाली - और ट्विटर ने भी आव न देखा ताव 'एवमस्तु' टाइप व्यवहार कर डाला.

ट्विटर के एक्शन के खिलाफ कांग्रेस ने मुहिम तेज कर दी. हैशटैक #मैं_भी_Rahul काफी देर तक टॉप ट्रेंड में रहा. प्रियंका गांधी ने अपने प्रोफाइल में राहुल गांधी का फोटो लगा लिया. यूथ कांग्रेस अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने तो अपने प्रोफाइल में फोटो के साथ साथ नाम भी राहुल गांधी लिख लिया - और धीरे धीरे जिन कांग्रेस नेताओं के ही अकाउंट काम कर रहे थे, काफी संख्या में प्रोफाइल में नाम और तस्वीरें बदल ली गयीं.

पहले प्रियंका गांधी वाड्रा और फिर राहुल गांधी ने ट्विटर के एक्शन के लिए केंद्री प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार को टारगेट करना शुरू किया. ट्विटर पर मोदी सरकार के दबाव में काम करने का आरोप भी लगाया.

ये सब ऐसे वक्त हो रहा था जब राहुल गांधी विपक्ष को एकजुट करने में जुटे हुए थे. संसद से सड़क तक. जंतर मंतर से लेकर विजय चौक तक विपक्षी नेताओं के साथ मार्च निकाल रहे थे - और फिर मीडिया के सामने आकर कहते कि हमारी आवाज दबायी जा रही है. हमारी जासूसी करायी जा रही है.

राहुल गांधी कहते रहे, 'हमारा लोकतंत्र खतरे में है... हमें संसद में बोलने की अनुमति नहीं है... मीडिया पर नियंत्रण है और मुझे लगा कि ट्विटर एक प्रकाश की किरण है जिस पर हम अपने विचार लिख सकते हैं - लेकिन ऐसा नहीं है... ट्विटर एक निष्पक्ष प्लेटफॉर्म नहीं है.'

सरकार के साथ साथ राहुल गांधी ट्विटर को भी राजनीति में लपेट लिया, 'मेरा ट्विटर अकाउंट बंद करके वे हमारी राजनीतिक प्रक्रिया में दखल दे रहे हैं... एक कंपनी हमारी राजनीति तय करने लगी है - और एक पॉलिटिशियन के तौर पर मुझे ये पसंद नहीं है.'

ट्विटर के अकाउंट अनलॉक कर दिये जाने के बाद कांग्रेस के आधिकारिक हैंडल से एक ट्वीट किया गया है - 'सत्यमेव जयते'! ऐसे मौकों पर सत्यमेव जयते लिखने का ये फैशन काफी दिनों से चल रहा है.

अगर गलती थी, तो अनलॉक क्यों किया?

राहुल गांधी के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में एक याचिका की सुनवाई के दौरान ट्विटर इंडिया ने 11 अगस्त को ट्वीट में रेप पीड़ित के परिवार की पहचान उजाकर करने के कारण राहुल गांधी के उस ट्वीट को हटा दिया गया - और अकाउंट भी लॉक कर दिया गया है. कोर्ट में ट्विटर की तरफ से कहा गया, 'राहुल गांधी के ट्वीट ने हमारी पॉलिसी का भी उल्लंघन किया है.'

इस बीच एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने और भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को शिकायती पत्र लिखा है. प्रियंक कानूनगो का कहते हैं, 'राहुल गांधी के इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया हुआ एक वीडियो देखा है जिसमें बच्ची के माता-पिता की पहचान उजागर होती है... वीडियो में बच्ची के पिता और माता का चेहरा साफ तौर पर देखा जा सकता है - और ये कानून का उल्लंघन है.'

राहुल गांधी का ट्विटर अकाउंट अनलॉक किये जाने के दरम्यान ही ट्विटर ने अपने इंडिया हेड मनीष माहेश्वरी का तबादला कर दिया है. मनीष माहेश्वरी को अमेरिका ट्रांसफर कर दिया गया है.

मनीष माहेश्वरी का नाम तो सरकार के साथ भारतीय कानूनों को लागू किये जाने की चेतावनी के बीच भी सुर्खियों में रहा, यूपी पुलिस ने भी एक फर्जी वीडियो अपलोड किये जाने के मामले में पेश होने को कहा था. मनीष माहेश्वरी को अब अमेरिका में रेवेन्यू स्ट्रेटजी एंड ऑपरेशंस का सीनियर डायरेक्टर बनाया गया है.

ट्विटर ने मनीष माहेश्वरी को जो भी समझ कर हटाया हो, ये भी उसकी अपनी पॉलिसी का हिस्सा है, लेकिन इतने भर से बात खत्म नहीं हो जाती. ट्विटर को सामने आकर ये तो समझाना ही पड़ेगा कि राहुल गांधी के ट्वीट को लेकर क्या वो किस नतीजे पर पहुंचा है?

ट्विटर ने राहुल गांधी और दूसरे कांग्रेस नेताओं के ट्विटर अकाउंट को अनलॉक करके मामले को और उलझा दिया है - क्योंकि ये समझना भी अब मुश्किल हो रहा है कि राहुल गांधी का तस्वीरें शेयर करना नियमों का उल्लंघन था या नहीं? अगर रेप पीड़ित की पहचान उजागर करने को ट्विटर उल्लंघन नहीं मानता तो अकाउंट लॉक क्यों किया था? और अब उन सभी अकाउंट को अनलॉक कर ट्विटर क्या अपनी गलती छिपाने की कोशिश कर रहा है?

ऐसे में दिल्ली हाई कोर्ट में दिये ट्विटर इंडिया के बयान को कैसे देखा जाना चाहिये? कांग्रेस की तरफ से बार बार शिड्यूल्ड कास्ट कमीशन के अकाउंट का जिक्र किया जा रहा था क्योंकि उस अकाउंट से शेयर की गयी तस्वीर में भी रेप पीड़ित के परिवार की पहचान उजागर हो रही थी.

एक तरफ तो कांग्रेस नेताओं को ट्विटर अकाउंट को लॉक कर दिया गया था, लेकिन कमीशन के अकाउंट के साथ ऐसा कोई एक्शन नहीं हुआ, सिर्फ तस्वीर वाली ट्वीट को हटा दिया गया था.

क्या ट्विटर को राहुल गांधी का अकाउंट इसलिए अनलॉक करना पड़ा क्योंकि उसके लिए शिड्यूल्ड कास्ट कमीशन का अकाउंट लॉक करने में कोई मुश्किल महसूस हो रही थी?

ये यही बता रहा है जैसे ट्विटर कहीं न कहीं सरकार के दबाव में फिर से नहीं आना चाह रहा था. केंद्रीय मंत्री रहते रविशंकर प्रसाद के अकाउंट के साथ हुआ व्यहार, उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू और राष्ट्रीय स्वयंसेवक प्रमुख मोहन भागवत के अकाउंट से ब्लू टिक हटाने के मामले में ट्विटर पहले से ही केंद्र सरकार की नजर में आ गया था - आगे से अब वो नयी मुसीबत में नहीं पड़ना चाहता था, इसलिए राहुल गांधी के मामले में पीछे हट जाने का फैसला किया - अगर ये वास्तव में ऐसा नहीं है तो ट्विटर को सार्वजनिक तौर पर पूरे मामले पर तस्वीर साफ करनी ही होगी.

कांग्रेस नेता शशि थरूर ने तो ट्विटर को अपनी पॉलिसी ही बदल डालने की सलाह दे डाली थी और एक बार फिर ऐसे कदम को निजी आजादी पर चोट जैसा बताया है.

आईटी मामलों की संसदीय समिति के अध्यक्ष शशि थरूर का कहना है कि मामला चाहे राहुल गांधी का हो या फिर पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद का, हमेशा ही उनकी राय रही है कि मामला चाहे पॉक्सो एक्ट का हो या फिर कॉपीराइट का - वो ट्वीट जो नीतियों का उल्लंघन करता हो हटाते हुए यूजर को नोटिस भेजना चाहिये. शशि थरूर का मानना है कि ट्विटर को अपनी पॉलिसी पर पुनर्विचार पहले ही कर लेना चाहिये था.

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