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Updated: 12 फरवरी, 2019 11:08 PM
नवेद शिकोह
नवेद शिकोह
  @naved.shikoh
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इंटरटेनमेंट टीवी चैनल्स की फिक्शन शो क्वीन कहे जाने वाली एकता कपूर के शो (धारावाहिक) की याद दिला गया लखनऊ में प्रियंका वाड्रा का रोड शो. एकता कपूर के बालाजी प्रोडक्शन के हर शो का एंड बेचैनी पैदा कर देता है. ताकि आगे का एपीसोड देखने की जिज्ञासा बनी रहे. कुछ ऐसा ही प्रियंका गांधी वाड्रा के रोड शो में हुआ. यूपी में मृत्यु शैय्या पर पड़ी कांग्रेस को संजीवनी देने के इरादे से प्रियंका ने आज से यूपी में प्रचार का आगाज कर दिया. लखनऊ में उनका पहला रोड शो था. उनके साथ पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उनके भाई राहुल गांधी भी थे. इसके अलावा दिग्गज कांग्रेसियों का जमावड़ा था. रोड शो में प्रियंका आई, मुस्कुरायीं और छा गयीं.

इस रोड शो में अंत तक पत्रकार और कांग्रेस कार्यकर्ता प्रियंका वाड्रा की स्पीच का इंतजार करते रहे. लेकिन उन्होंने दो शब्द भी नहीं बोले. वो कब और क्या बोलेंगी इस बेचैनी के साथ लोगों में जिज्ञासा बरकरार रही. एकता कपूर के एपीसोड के एंड की तरह लोगों की जिज्ञासा अगले शो का इंतजार करने लगी.

प्रियंका गांधी, कांग्रेस, उत्तर प्रदेश, लखनऊ, रोड शोदेखना दिलचस्प रहेगा कि आगामी चुनाव में प्रियंका के इस रोड शो का कितना फायदा कांग्रेस को मिलता है

विरोधियों को कहने का मौका मिल गया. कहा जा रहा है कि ये फोटो सेशन था. कोई कह रहा रैम्प शो था. किसी ने कहा कि ब्यूटी कॉन्टेस्ट में बी मॉडल कैट वाक ही नहीं करतीं, प्रश्न राउण्ड भी होता है. सोशल मीडिया में एक व्यंग्य ये भी चल रहा है कि प्रियंका का रोड शो देखकर भारतीय सिनेमा का इतिहास याद आ गया. यहां सिनेमा की शुरुआत में खामोश पिक्चर से हुई थी जिसे 'गूंगा सिनेमा, भी कहा जाता था. अभिजीत भट्टाचार्य लिखते हैं- कुछ ना कहो, कुछ भी ना कहो.. हंसते रहो. कोई कह रहा है- माना वीडियो अच्छा है पर इस अच्छे वीडियो का आडियो क्यों गायब कर दिया गया?

भाजपाइयों के बाणों में एक ये भी बाण चलाया जा रहा है- भाई ने जब से ज्यादा बोलना शुरू कर दिया तब से बहन ने बोलना बंद कर दिया. किसी ने तंज किया- राष्ट्रीय जीजा को संकट से बचाने के लिये राष्ट्रीय दीदी ने मौन व्रत रखा है. एक कांगेस समर्थक जवाब में लिखते हैं- झूठ के शोर को चीरने के लिए प्रियंका जी की खामोशी ही काफी है.

लखनऊ के विभिन्न इलाकों में कई घंटे चले प्रियंका गांधी के रोड शो में उनकी खामोशी पर कटाक्ष, व्यंग्य या एतराज अपनी जगह है, पर अंदाज के पीछे कांग्रेस हाईकमान की सधी हुई रणनीति नजर आ रही है. दरअसल पार्टी अपने इस तुरूप के पत्ते से भरपूर फिजां बनाने की कोशिश मे है. आज सिर्फ तस्वीरों से मीडिया को लुभाया गया. आगे दो प्रियंका के दो वाक्यों को हैड लाइन बनाने का प्लान होगा. इसके बाद फुल स्पीच के साथ कांग्रेस महासचिव नर्म लहजे से दहाड़ेंगी.

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लेखक

नवेद शिकोह नवेद शिकोह @naved.shikoh

लेखक पत्रकार हैं

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