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Updated: 29 मई, 2019 04:01 PM
श्रुति दीक्षित
श्रुति दीक्षित
  @shruti.dixit.31
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Narendra Modi Oath Taking Ceremony| दोबारा Prime Minister पद की शपथ लेने के लिए प्रधानमंत्री मोदी तैयार हैं. Amit Shah and Narendra Modi शपथ ग्रहण से पहले सभी मंत्रियों को लेकर मैराथॉन बैठक भी करने वाले हैं. यकीनन ये बहुत अहम है क्योंकि 31 मई को शपथ लेने से पहले सभी मंत्रियों को उनके मंत्रालय को लेकर जानकारी देना भी जरूरी है. एक रिपोर्ट कह रही है कि मोदी सरकार में 65 मंत्री हो सकते हैं. अटकलें लगाई जा रही हैं कि अमित शाह भी इस बार मंत्रालय का हिस्सा बनेंगे. कल शाम 7 बजे से PM Modi Oath Taking ceremony Aajtak Live Updates आने लगेंगी. पीएम मोदी के शपथ ग्रहण में सभी बड़े लीडर्स को बुलाया गया है. भाजपा के अलावा, विपक्ष के सभी लीडर भी शामिल होंगे. सूत्रों के मुताबिक नई कैबिनेट में युवा और अनुभवी मंत्रियों दोनों को ही ध्यान में रखकर फैसला लिया जाएगा. इसी के साथ, BJP ये भी ध्यान रखेगी कि जातिवादी समीकरण का भी ख्याल रखा जाए.

वित्त मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय सभी में बदलाव की उम्मीद है. अरुण जेटली ने जहां आधिकारिक तौर पर प्रधानमंत्री को अपना इस्तीफा दे दिया है वहीं सुषमा स्वराज के सन्यास की बातें भी चल रही हैं.

हालांकि, राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी जैसे मंत्रियों को वैसी ही जगह मिलेगी. हां, इस बार बंगाल, ओड़ीसा और नॉर्थ ईस्ट के सांसदों को भी कैबिनेट में जगह मिल सकती है. ये भाजपा के लिए एक अच्छा तरीका होगा क्योंकि हाल ही के Lok Sabha Election 2019 Results में भाजपा ने इन राज्यों में अच्छा प्रदर्शन किया है और पहली बार ऐसा हो रहा है कि इन्हें साधने की तैयारी पूरी तरह से सफल हुई है.

कब और कहां होगा पीएम मोदी का शपथ ग्रहण समारोह :

जैसा की पहले बताया जा चुका है नरेंद्र मोदी का शपथ ग्रहण समारोह 30 मई शाम 7 बजे से Rashtrapati Bhavan में होगा. इसकी लाइव अपडेट्स Aajtak और IndiaToday पर लगातार मिलती रहेंगी. पीएम मोदी के साथ-साथ कैबिनेट के सभी मंत्री शपथ लेंगे.

नरेंद्र मोदी, शपथ ग्रहण, राष्ट्रपति भवननरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह का हिस्सा लगभग 6000 लोग बन सकते हैं.

कई अंतरराष्ट्रीय मेहमान होंगे शामिल-

BIMSTEC (Bay of Bengal Initiative for Multi-Sectoral Technical and Economic Cooperation) के सभी लीडर्स पीएम मोदी के शपथ ग्रहण समारोह का हिस्सा बनेंगे. इसमें बंगलादेश, म्यानमार, श्रीलंका, थाईलैंड, नेपाल और भूटान शामिल हैं. अभी तक इन अंतरराष्ट्रीय लीडर्स ने शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने की हामी भर दी है. मोहम्मद अब्दुल हामिद (बंगलादेश के राष्ट्रपति), मैथ्रीपाला सिरिसेना (श्रीलंका के राष्ट्रपति), सूरोनबे जीनबेकोव (Kyrgyz Republic के राष्ट्रपति), यू विन मिन्ट (म्यानमार के राष्ट्रपति), प्रवींद कुमार जगनौथ (मॉरिशियस के प्रधानमंत्री), के पी शर्मा ओली (नेपाल के प्रधानमंत्री), डॉ. लोटेय शीरिंग (भूटान के प्रधानमंत्री), ग्रीसादा बूनराच (थाईलैंड के खास राजनायिक).

सरकार की 'Neighbourhood First' policy के तहत पड़ोसी देशों को न्योता दिया गया है. SAARC देशों में से पाकिस्तान, मालदीव्स और अफ्गानिस्तान. क्योंकि पीएम मोदी अपनी सबसे पहली विदेश यात्रा मालदीव्स की ही करेंगे इसलिए ये साफ कर दिया गया है कि मालदीव्स के साथ रिश्ते भारत के लिए कितने जरूरी हैं. अफ्गानिस्तान और भारत के राजनायिक रिश्ते वैसे भी काफी अच्छे हैं और लगातार बेहतर बनाने की कोशिश की जा रही है. इसलिए जो देश इसमें छूटा है वो है पाकिस्तान. हालांकि, पाकिस्तान और भारत Kyrgyzstan में होने वाली SCO समिट का हिस्सा बनेंगे. ये 7-8 जून को होगी. उम्मीद है कि इसमें पाकिस्तान से आतंक के मुद्दे पर बात होगी. पर पाकिस्तान को अन्य सभी मामलों में दूर रखा गया है.

विपक्ष के नेता भी होंगे शामिल-

विपक्ष के लगभग सभी नेता प्रधानमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगे. शुरुआत में ये बातें चल रही थीं कि बंगाल की चीफ मिनिस्टर ममता बनर्जी भी इस समारोह का हिस्सा होंगी, लेकिन ऐन मौके पर ममता बनर्जी ने ट्वीट कर इस समारोह में शामिल न होने की बात की है. 

इसके अलावा, दिल्ली के चीफ मिनिस्टर अरविंद केजरीवाल, तेलंगाना के चीफ मिनिस्टर के चंद्रशेखर राव भी शामिल हैं. दक्षिण के सुपर स्टार कमल हासन और रजनीकांत भी इस समारोह का हिस्सा बनेंगे. साथ ही, बंगाल में जो 50 भाजपा कार्यकर्ता हिंसा का शिकार हो गया है उसके परिवार को भी इस समारोह का हिस्सा बनाया जाएगा.

इसी बीच, अरविंद केजरीवाल ने AAP के कार्यकर्ताओं के नाम एक चिट्ठी लिखकर उनकी मेहनत के लिए उन्हें धन्यवाद दिया है.

साथ ही, विपक्षी खेमे में कांग्रेस के कार्यकर्ता बेंगलुरु में विरोध प्रदर्शन पर बैठे हैं उनके हिसाब से राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष के पद पर बने रहना चाहिए.

पीएम मोदी की शपथ से पहले विपक्षी खेमे में उथल-पुथल का दौर जारी है और देश के कई हिस्सों से कार्यकर्ताओं के भाजपा में शामिल होने की खबरें आ रही हैं.

शपथ ग्रहण समारोह में और क्या होगा खास?

नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में और भी बहुत कुछ खास होगा. सूत्रों की मानें तो इस समारोह में 5000-6000 लोगों के हिस्सा लेने की बात कही जा रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहली शपथ में 4000 मेहमानों ने हिस्सा लिया था. न सिर्फ अंतरराष्ट्रीय मेहमान और देश के बड़े राजनीतिज्ञ बल्कि देश के खेल, सिनेमा, व्यापार जगत के दिग्गद भी इस समारोह का हिस्सा हो सकते हैं.

ये समारोह अंदर हॉल में नहीं बल्कि बाहरी प्रांगण में होगा. पीएम मोदी ने पिछली बार भी ऐसे ही शपथ ली थी. अटल बिहारी वाजपेयी ने 1998 में भी ऐसे ही बाहर शपथ ली थी.

जिस तरह समारोह की तैयारी की जा रही है वो राष्ट्रपति भवन में अभी तक के सबसे बड़े समारोह में से एक है. यहां 6000 मेहमानों के लिए खाने-पीने की व्यवस्था भी की गई है. इसमें वेज/नॉन-वेज थाली भी रखी गई है. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दाल रायसीना और राजभोग जैसे व्यंजनों को जगह दी गई है. दाल रायसीना को बनाने में 48 घंटों का समय लगता है और इसलिए उसकी तैयारी शुरू हो गई है.

क्योंकि 2016 में शपथ ग्रहण 6 बजे से हुआ था और मेहमान 4-4.30 बजे से आने लगे थे उस समय गर्मी के कारण कई तरह की दिक्कतें हुई थीं. समारोह बाहर है और इसलिए शपथ ग्रहण को शाम 7 बजे से रखा गया है.

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लेखक

श्रुति दीक्षित श्रुति दीक्षित @shruti.dixit.31

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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