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Updated: 23 मई, 2019 07:25 PM
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Lok Sabha Election 2019 Results Live Updates| 23 मई को नतीजे आने के साथ ही सुबह 11 बजे तक ये साफ हो गया था कि Chowkidar Narendra Modi अब दोबारा पीएम बनेंगे. चौकीदार कैंपेन भारतीय चुनावों में एक अहम कैंपेन रही है. Rahul Gandhi के 'चौकीदार चोर है' बयान के बाद जिस तरह से भाजपा ने राफेल मुद्दे और 'चौकीदार चोर है' को अपने फायदे के लिए इस्तेमाल किया वो भाजपा की चुनावी रणनीति का हिस्सा ही रहा है. BJP और NDA की जीत तय होने के साथ ही इस चौकीदार कैंपेन का भी अंत अब हो गया है.

PM Narendra Modi सहित सभी भाजपा नेताओं, कर्यकर्ताओं और आम भाजपा समर्थकों ने भी अपनी सोशल मीडिया प्रोफाइल को चौकीदार शब्द का इस्तेमाल किया और अचानक सोशल मीडिया पर Chowkidar ब्रिगेड दिखने लगी. हर तरफ 'मैं भी चौकीदार' का नारा गूंज गया.

नरेंद्र मोदी की पूर्ण बहुमत वाली विजय पर अब बस Election commission की मोहर लगनी है वैसे तो वो जीत ही चुके हैं. भाजपा ने खुशियां मनाना भी शुरू कर दिया है. अब इसी कड़ी में चौकीदार कैंपेन की जरूरत खत्म हो चुकी है. Lok Sabha Election 2019 Results आते ही नरेंद्र मोदी ने अपने ट्विटर हैंडल से चौकीदार शब्द हटा दिया है. (PM Modi Removed Chowkidar Word from Twitter)

इसे हटाने के लिए मोदी जी ने बाकायदा दो ट्वीट कर लोगों को बताया कि आखिर इस शब्द का अर्थ क्या था और अब इसकी जरूरत नहीं हैं. पीएम मोदी की ट्वीट में लिखा गया कि, 'भारत के लोग चौकीदार बने और देश की सेवा की. चौकीदार शब्द भारत को सांप्रदायिकता, भ्रष्टाचार और जातिवाद से बचाने का प्रतीक बन गया.'

इसके बाद मोदी जी ने एक और ट्वीट कर कहा कि अब समय आ गया है कि चौकीदार को अगले लेवल पर ले जाएं. इस भावना को जीवित रखें और हर पल भारत के लिए काम करें. अब चौकीदार शब्द मेरे ट्विटर हैंडल से हट रहा है, लेकिन ये मेरा अभिन्न अंग रहेगा. मैं आपसे भी यही करने को कहता हूं.

इसी के साथ, इंटरनेट पर कई लोगों के नाम के आगे से चौकीदार हट गया. इसके अलावा, अमित शाह, नितिन गडकरी, सुषमा स्वराज, अरुण जेटली आदि सबने भी अपने नाम के आगे से चौकीदार शब्द हटा लिया. हालांकि, कुछ नेताओं के नाम के आगे अभी भी चौकीदार शब्द लिखा हुआ है, लेकिन उम्मीद है कि जल्दी ही वो भी हट जाएगा.

Lok Sabha Election 2019 के चुनाव प्रचार के दौरान मोदी के खुद को चौकीदार बताते ही राहुल गांधी को मानो 2019 चुनाव में अपनी मौजूदगी जताने का हथियार मिल गया था. वह हर मोर्चे पर 'चौकीदार चोर है' के नारे लगवाते थे, लेकिन भाजपा की रणनीति देखिए राहुल का ये हथियार ही मोदी का ब्रह्मास्त्र बन गया.

सोशल मीडिया पर सिर्फ चौकीदार ही दिखने लगे.सोशल मीडिया पर सिर्फ चौकीदार ही दिखने लगे थे

नरेंद्र मोदी की मैं भी चौकीदार कैंपेन ने मानो राहुल गांधी के हर वार को विफल कर दिया. सिर्फ चौकीदार शब्द को लेकर फोटो और सोशल मीडिया नाम ही नहीं बल्कि वीडियो प्रमोशन भी होने लगा.

इसी कैंपेन ने मोदी की लोकप्रियता का एक अलग ही रूप दिखाया. कांग्रेस के लगभग हर वार को भाजपा ने इसी तरह से विफल किया और यही कारण है कि राहुल गांधी की कैंपेन हार में बदल गई. जिस तरह से गुजरात चुनाव के दौरान कांग्रेस के 'विकास पागल हो गया है' नारे को वापस भाजपा ने अपनी ओर मोड़ लिया था और मोदी जी ने उसे गुजरात की अस्मिता से जोड़ा था और गुजरात चुनाव के बाद इस नारे और गुजरात विकास मॉडल की कैंपेन खत्म हो गई थी वैसे ही अब 'मैं भी चौकीदार' कैंपेन को खत्म करने का मौका मिल गया.

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