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Updated: 28 मार्च, 2019 07:00 PM
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने चुनावी अभियान की औपचारिक आरम्भ मेरठ से कर दिया है. औपचारिक इसलिए क्योंकि शुरुआत तो संसद सत्र के आखिरी दिन ही कर दी थी - और बाद की ताबड़तोड़ रैलियां तो बस बोनस में मिली थीं.

रैली के मंच से प्रधानमंत्री मोदी ने सबको साधने की कोशिश की. सियासी विरोधियों को निशाने पर लिया तो देश के दुश्मनों को भी टारगेट किया - और ऐसा जोरदार हमला किया जो दसों दिशाओं - 'जमीन, आसमान और अंतरिक्ष' को भेद सके.

रैली के आखिर में प्रधानमंत्री मोदी ने 'चौकीदार' पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी वाले अंदाज में ही काउंटर नारा तीन बार लगवाया. मोदी से पहले यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी एक नारा लगवाया - 'उत्तर प्रदेश 74 पार, फिर एक बार मोदी सरकार'

1. मेरठ से ही क्यों?

सबसे पहले तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यही बात समझायी कि वो मेरठ से अपने चुनावी मुहिम की शुरुआत क्यों कर रहे हैं - '1857 में स्वतंत्रता का बिगुल मेरठ से फूंका गया था.'

सुकमा के नक्सल हमले में शहीद शोभित शर्मा और पुलवामा अटैक में शहीद अजय कुमार भी मेरठ से ही रहे - जिन्हें प्रधानमंत्री ने श्रद्धांजलि देते हुए याद किया. फिर मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह और दीनबंधु छोटू राम को भी शिद्दत से याद किया.

चौधरी चरण सिंह के योगदानों का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि वो देश के ऐसे महान सपूत थे जिन्होंने देश की राजनीति को खेत, खलिहान और किसान पर ध्यान देने के लिए मजबूर किया. चौधरी चरण सिंह के बहाने मोदी ने कांग्रेस को भी लपेटे में लिया, 'आपातकाल में चौधरी साहब को जेल में डाल दिया गया था. चौधरी साहब को पीएम पद से हटाने में भी कांग्रेस की भूमिका थी.

जाट बिरादरी की दिल खोल कर तारीफ करते हुए मोदी ने बताया कि भाजपा की सरकार दोनों नेताओं के सपनों को पूरा करेगी. 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों की वजह से जाट वोट 2014 में बीजेपी की ओर हो गये थे, लेकिन इस बार सपा-बसपा गठबंधन के साथ आरएलडी फिर से ताल ठोकने लगी है. जाट नेताओं के साथ साथ मोदी ने बेटियों के लिए इंसाफ का मुद्दा भी उठाया जो 'लव-जिहाद' पर ही हमला है. मोदी ने पूछा, 'महामिलावटियों के राज में बेटियों को इंसाफ मिलता था क्या? इनकी सरकार में गुंडे और बदमाश बेलगाम थे कि नहीं?'

2. कांग्रेस हटाओ, गरीबी अपनेआप हटेगी

मोदी ने कहा कि जब वो 8-10 साल के थे तभी से गरीबी हटाने की बातें सुनते आ रहे हैं, लेकिन गरीब लगातार गरीब होता चला गया. मोदी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सिर्फ नारे देती है और फिर भूल जाती है. चार पीढ़ियों से एक ही वादा दोहराया जा रहा है - इस चुनाव में भी. मोदी गरीबी हटाने का नया फॉर्मूला भी दे दिया है - 'कांग्रेस हटाओ, गरीबी अपनेआप हट जाएगी. जब कांग्रेस देश के हर कोने से हटेगी, गरीबी अपनेआप हट जाएगी.'

narendra modiतो मोदी का मतलब ये है कि अगर कांग्रेस नहीं हटी तो देश से गरीबी भी नहीं हटने वाली?

2014 में नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस मुक्त भारत का नारा दिया था - और अब उसे कांग्रेस के ही गरीबी के नारे से जोड़ दिया है. तो क्या समझें कि बीजेपी अगर कांग्रेस को नहीं खत्म कर पायी तो गरीबी भी खत्म होने से रही?

3. NYAY नहीं जुमला है

गरीबों के लिए राहुल गांधी की प्रस्तावित गारंटी आय स्कीम NYAY की भी हवा निकालने की कोशिश की. मोदी ने अपने जन-धन खाते वाली योजना पर कांग्रेस की टिप्पणी की याद दिलाते हुए सवाल उठाया - 'जो खाता नहीं खुलवा सकता वो खाते में डाल सकता है क्या?'

राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा सहित तमाम कांग्रेस नेता अक्सर 'खातों में 15 लाख आने' को लेकर सवाल खड़े करते रहते हैं. अब मोदी राहुल गांधी के नये गरीबी हटाओ फॉर्मूले पर सवाल उठाया है.

4. 'सेट' नहीं, वो ASAT है

प्रधानमंत्री भारत के अंतरिक्ष में सर्जिकल स्ट्राइक का भी जोरदार उल्लेख किया और उस पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के ट्वीट का भी. राहुल गांधी ने DRDO के वैज्ञानिकों को तो मिशन शक्ति की कामयाबी के लिए बधाई दी लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वर्ल्ड थिएटर डे की मुबारकवाद दी थी.

मोदी बोले - 'कोई थिएटर में नाटक देखने जाता है तो वहां क्या देखने को मिलता है? वहां सेट शब्द बड़ा कॉमन होता है. ये शब्द वहां बार-बार इस्तेमाल होता है. कुछ बुद्धिमान लोग ऐसे हैं जब मैं ASAT की बात करता था, तो कन्फ्यूज हो गये. समझे कि मैं थिएटर के सेट की बात कर रहा हूं. अब ऐसे बुद्धिमान लोगों पर रोएं या हंसें?'

मोदी ने कहा कि जिनको ऐसी समझ तक नहीं है उनके पेट में दर्द हो रहा है. बोले, 'हमारी वायु सेना नये विमान मांगती रही - उनकी सरकार फैसले को टालती रही. जवान बुलेट प्रूफ जैकेट मांगते रहे - वो टालते रहे. हमारे वैज्ञानिक मार गिराने के लिए अनुमति चाहते थे - वो टालते रहे. ये लोग भारत को हमेशा कमजोर बना कर रखना चाहते हैं. मैं जानना चाहता हूं किसको फायदा पहुंचाने के लिए ये ऐसा करते हैं?'

5. सपूत ही सबूत है

सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मांगे जाने को लेकर भी प्रधानमंत्री कांग्रेस सहित पूरे विपक्ष को घेरने की कोशिश की. मोदी ने कहा कि विपक्षी नेताओं में इस बात को लेकर होड़ मची हुई है कि पाकिस्तान में सबसे ज्यादा लोकप्रिय कौन है.

मोदी ने सवाल किया, 'मेरे प्यारे देशवासियों, मैं 130 करोड़ लोगों से पूछना चाहता हूं - क्या हमें सबूत चाहिये?'

फिर बोले, 'जो मेरे देश के सपूत हैं, वही मेरे देश का सबूत है. जो सबूत मांगते हैं वो सपूत को ललकारते हैं.'

6. फकीर फिर से

मेरठ रैली में मोदी ने फिर से समझाने की कोशिश की कि वो फकीर हैं और उन्हें किसी बात की फिक्र नहीं है - फिक्र उसे होनी चाहिये जिसे वंश और विरासत को बचाना हो. इससे पहले मोदी ने कहा था कि वो तो फकीर हैं एक दिन झोला उठा कर चल देंगे.

मोदी ने कहा, 'मैं किसी तरह का बोझ नहीं रखता, क्योंकि मेरे पास अपना कुछ नहीं, जो कुछ है वो देश का दिया है. चिंता तो उसको होती है जो खोने से डरता है... जिन्हें वंश और विरासत को लेकर सोचना है.'

खुद के निश्चिंत होने का कारण भी मोदी ने समझाया, 'मैं बोझ लेकर नहीं चलता... और बोझ रखूं भी क्यों? मेरे पास है क्या? जो है देश का है.'

7. 'सराब' सेहत के लिए हानिकारक है

यूपी में गठबंधन की राजनीति की बात करते मोदी ने हैरानी जतायी, 'यूपी में तो सब कुछ इतनी जल्दी जल्दी हो रहा है कि पूछिये मत. पिछले चुनाव में दो लड़कों का खेल देखा... ये दो लड़कों से बुआ-बबुआ तक चलने में जो तेजी दिखायी गयी है... ये वही लोग हैं जिन्होंने नारा बना रखा था... यूपी को लूटो बारी बारी. इसी नारे पर बरसों तक चलते रहे.'

मोदी विपक्षी नेताओं के जमावड़े को महामिलावटी गठबंधन कहते रहे हैं. यूपी के मामले में मोदी ने एक नया टर्म दिया है - 'सराब'. यूपी के सपा-बसपा-रालोद गठबंधन को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने सपा का स, रालोद का रा और बसपा का ब से बचने की सलाह दी है - क्योंकि ये तीनों मिलकर 'सराब' बनते हैं - जिसकी ध्वनि शराब जैसी है.

मोदी ने कहा कि अच्छी सेहत के लिए शराब से बचना चाहिये क्योंकि ये शराब आपको बर्बाद कर देगी.

8. सीधे मोदी को वोट देना

जो बात नरेंद्र मोदी ने 2014 के आम चुनाव के आखिरी दौर में कही थी, पांच साल बाद शुरू में ही वो साफ कर दिया है. मोदी पहले बीजेपी के लिए वोट मांगते रहे, लेकिन फिर कहने लगे - भाइयों और बहनों मुझे वोट दो.

मौजूदा चुनाव में मोदी ने पहले ही साफ कर दिया है, 'जब आप कमल के फूल पर बटन दबाएंगे - वो वोट सीधे सीधे मोदी के पास पहुंचने वाला है.'

मोदी ने कहा, 'आपका हर वोट विकास के नाम पर पड़ेगा, चौकीदार के विश्वास पर पड़ेगा, आप मान के चलिए कि जब आप कमल का बटन दबाएंगे तो वो वोट सीधा मोदी को मिलने वाला है.'

ये एक तरीके से सत्ता विरोधी लहर को काउंटर करने की कवायद भी हो सकती है. ब्रांड मोदी को आगे बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री मोदी मैसेज देना चाहते हैं कि साथियों से कुछ गिले-शिकवे हों तो 'भूल-चूक-लेनी-देनी' समझते हुए मोदी के नाम पर कमल का बटन दबा दें.

9. नये भारत के लिए वोट दो

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछले पांच साल में वो भारत को जिस स्थिति से निकालकर लाए हैं, अब और आगे ले जाना और मजबूत करना है - जिसमें सुरक्षा, समृद्धि और सम्मान पर जोर होगा.

मोदी बोले, 'साथियों, हमारा विजन नये भारत का है... ऐसे भारत का जो अपने गौरवशाली अतीत के अनुरूप ही वैभवशाली होगा. एक ऐसा नया भारत जिसकी नई पहचान होगी देश में सुरक्षा, समृद्धि और सम्मान.'

मोदी ने समझाया कि सुरक्षा आतंकवाद, गुंडागर्दी, भ्रष्टाचारियों के खिलाफ होगी. समृद्धि देश की संस्कृति और समाज के आचार व्यवहार के लिए होगी - और सम्मान बेटियों, लोगों और देश के मान के अभिमान के लिए होगी.

10. देश के चौकीदार को कोई नहीं झुका सकता

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि एक तरफ चौकीदार है तो दूसरी तरफ दागदारों की भरमार है - एक तरफ नया भारत है तो दूसरी तरफ वंशवाद है, एक तरफ दमदार चौकीदार है तो दूसरी तरफ दागदारों की भरमार है.

फिर बोले, 'आप आश्वस्त रहिये. मैं देश के लिए अपना सबकुछ दांव पर लगाने के लिए तैयार रहने वाला व्यक्ति हूं. कोई भी राजनीतिक दबाव कोई भी अंतर्राष्ट्रीय दबाव आपके चौकीदार को डिगा नहीं पाएगा - और न ही डरा पाएगा.

मेरठ रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 'गरीबी' पर खास जोर दिखा - बोले, 'कांग्रेस हटाओ गरीबी अपनेआप हट जाएगी' - सुन कर लगा, जैसे 'कांग्रेस मुक्त भारत' वाली पुरानी बोतल में नयी 'सराब' पेश कर दी हो. हालांकि, 'विकास' पर 'चौकीदार' भारी नजर आया. मोदी के भाषण में 8 बार चौकीदार और 7 बार विकास शब्द सुनायी दिया.

'चौकीदार' पर रैली के अंत में राहुल गांधी की ही तरह नारे भी लगवाये, लेकिन भाव सर्जिकल स्ट्राइस जैसा ही दिखा, 'मैं भी... चौकीदार हूं.'

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