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Updated: 07 जनवरी, 2019 09:46 PM
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राफेल डील पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जवाब मांग रहे हैं. राहुल गांधी बहस के दौरान प्रधानमंत्री मोदी की संसद में गैरमौजूदगी पर भी सवाल उठा रहे हैं. जहां कहीं भी प्रधानमंत्री मोदी जा रहे हैं राहुल गांधी फॉलो कर रहे हैं और सवालों के जबाव मांग रहे हैं. प्रधानमंत्री के पंजाब दौरे के वक्त राहुल गांधी ने उन छात्रों से ही सवाल पूछने की अपील कर डाली जिनसे मोदी मिलने वाले थे. राहुल गांधी ने उस दिन चार सवाल ट्वीट किये थे.

पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने भी इस मसले पर राहुल गांधी का सपोर्ट करते हुए प्रधानमंत्री मोदी की गैरमौजूदगी पर सवाल खड़ा किया है. पूर्व प्रधानमंत्री देवगौड़ा का कहना है कि आरोप उन पर है तो वो संसद से गायब क्यों हैं?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दिनों तूफानी दौरे पर हैं - और हर मौके पर वो राफेल की काट में हेलीकॉप्टर सौदे के बिचौलिये मिशेल जेम्स का नाम जरूर लेते हैं. साथ में दोहराते भी हैं - राजदार राज खोलेगा. राजदार ही नामदार के राज खोलेगा.

ओडिशा के बारीपदा में प्रधानमंत्री मोदी का भाषण सुन कर तो लग रहा है कि चौकीदार और चोर वाली बहस भी अब ज्यादा नहीं चलने वाली है. 'चौकीदार चोर है' वाले नारे से कांग्रेस अब तक जितना भी फायदा उठा चुकी हो - आगे भी ऐसा ही होगा लगता नहीं है.

राफेल पर हर सवाल का जवाब है 'मिशेल मामा'

ऑग्स्टा वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदे के बिचौलिये क्रिश्चियन मिशेल जेम्स के प्रत्यर्पण के बाद से ही प्रधानमंत्री मोदी का कोई भी कार्यक्रम बगैर उसकी चर्चा के पूरा नहीं होता. शुरुआती दौर में तो वो मिशेल को सिर्फ राजदार ही कहा करते थे, लेकिन अब उसे मिशेल मामा कहने लगे हैं. मिशेल मामा और क्वात्रोच्चि अंकल, दोनों ही प्रधानमंत्री के भाषण का हिस्सा हुआ करते हैं.

संसद में क्वात्रोच्चि के लिए सिर्फ Q कह कर काम चला लिया जाता है. ऐसा राहुल गांधी द्वारा बार बार अनिल अंबानी का नाम लिये जाने के कारण हुआ. स्पीकर ने नाम लेने से मना किया तो राहुल गांधी ने पूछा - मैडम AA तो कह सकता हूं?

उसके बाद से AA और Q के साथ साथ RV की भी चर्चा होने लगी. RV से आशय सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा से होता है.

ओडिशा की एक रैली में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘मैं समझ नहीं पा रहा कि कांग्रेस सरकार चला रही थी, या अपने मिशेल मामा का दरबार चला रही थी?''

baripada modi rallyप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास 'राफेल' का जवाब है 'मिशेल मामा'

प्रधानमंत्री यहां तक बताते हैं - ‘‘शायद, बिचौलिये के पास (तत्कालीन) प्रधानमंत्री से ज्यादा सूचना थी.'' आशंका जताते हुए प्रधानमंत्री मोदी कहते हैं कि बिचौलिया रक्षा, सुरक्षा और हथियारों की खरीद से जुड़ी अहम सूचनाएं भी विदेश भेज रहा था.

और फिर सीधे साफ शब्दों में चेतावनी भी सुनने को मिलती है - "मैं आज स्पष्ट कहना चाहता हूं, देश के बजाय बिचौलियों के हितों की रक्षा में जिस-जिस की भूमिका रही है, उनका पूरा हिसाब जांच एजेंसियां करेंगी, देश की जनता करेगी."

ऐसा होता है मोदी का कांउटर अटैक

राजनीति में प्रधानमंत्री मोदी का पलटवार बहुत घातक होता है. इतना घातक होता है कि पूरी की पूरी बाजी पलट जाती है. कम से कम ये तीन वाकये तो आपको याद होंगे ही-

1. काम नहीं बोलता है: 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव के कैंपेन की टैगलाइन थी - 'काम बोलता है.' एक रैली में प्रधानमंत्री मोदी ने पहले तो माहौल बनाया और जब देखा कि लोहा गर्म हो गया यानी लोग उनसे कनेक्ट हो गये तो बोले - 'अरे काम नहीं, आपका कारनामा बोलता है.' उसके बाद तो जैसे इस नारे की धार की कम पड़ती लगने लगी. नतीजे बताने की जरूरत तो है नहीं.

2. हूं छूं विकास: 2017 के ही आखिर में गुजरात में चुनाव हुए. चुनावों से काफी पहले से कांग्रेस ने एक मुहिम चला रखी थी - 'विकास पागल है'. ये मुहिम इतनी प्रचारित हुई कि बीजेपी परेशान हो उठी. फिर मोदी ने ही मोर्चा संभाला और बोले, 'हूं छूं गुजरात, हूं छू विकास' यानी 'मैं ही गुजरात हूं, मैं ही विकास हूं.' अब तो बात गुजराती अस्मिता से जुड़ गयी थी. कांग्रेस को कैंपेन वापस लेने को मजबूर होना पड़ा.

3. हां, मैं भागीदार हूं: जुलाई, 2018 में अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि पीएम ने कहा था कि वो प्रधानमंत्री नहीं चौकीदार हैं, मगर चौकीदार अब भागीदार बन गया है.

बहस पर जवाब देते हुए मोदी ने भागीदार शब्द लपक लिया. बोले, 'हां, मैं भागीदार हूं'. बात को आगे बढ़ाते हुए मोदी ने कहा, "मैं इस इल्जाम को इनाम मानता हूं क्योंकि मुझे गर्व है कि मैं देश के गरीबों का भागीदार हूं, दुखियारी मां का भागीदार हूं. मैं भागीदार हूं उस मां की पीड़ा का जो चूल्हे के धुएं में रहती थी."

बाद में 'चौकीदार चोर है', सुनने को तो खूब मिला लेकिन 'भागीदार' तो चर्चाओं से डिलीट ही हो गया. अब वैसा ही हाल 'चोर' और 'चौकीदार' का लग रहा है.

ये तो चौकीदार के खिलाफ साजिश है

प्रधानमंत्री मोदी लोगों को समझाते हैं कि चौकीदार को चोर बताना ही एक बहुत बड़ी साजिश का हिस्सा है. बीते दिनों रैलियों में प्रधानमंत्री मोदी लोगों को इस बात का भी भरोसा दिलाते रहते हैं कि जब तक चौकीदार पर देश की जनता का आशीर्वाद बना हुआ है, कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता है.

अपनी रैलियों में प्रधानमंत्री राफेल सौदे पर संसद में जवाब देने के लिए रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमन की तारीफ करते नहीं थकते. मिशेल के संपर्कों का खूब जिक्र करते हैं. मिशेल के जरिये निकल कर आ रही खबरों पर भी जोर देकर चर्चा करते हैं - और फिर चौकीदार और चोर की बहस में ब्रह्मास्त्र छोड़ देते हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओडिशा के बारीपदा में अपने खास अंदाज में समझाया कि झूठे इल्जाम, झूठ बोलने का इल्जाम लगाने वाले खुद ही झूठ का पुलिंदा हैं. मोदी ने कहा, ‘‘वे रास्ते से किसी भी कीमत पर चौकीदार को हटाना चाहते हैं. चाहे ये समाज हो या फिर फैक्ट्रियां, चोर हमेशा ही कोशिश करता है और अपना काम आसान बनाने के लिए चौकीदार को हटाने की साजिश रचता है - क्योंकि जब तक चौकीदार रहेगा वो कुछ नहीं कर पाएगा.''

पाइथागोरस के प्रमेय की तरह प्रधानमंत्री मोदी का यही 'इति सिद्धम्' है - 'चोर चौकीदार नहीं, बल्कि चौकीदार को चोर कहने वाला ही चोर है'.

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