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Updated: 03 जनवरी, 2019 11:00 PM
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साल के पहले दिन एक चुनावी इंटरव्यू के दो दिन बाद ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रणभेरी भी बजा दी. प्रधानमंत्री मोदी ने मिशन 2019 की शुरुआत पंजाब के गुरदासपुर से की है.

2019 के जंग की शुरुआत के लिए जगह के रूप में गुरदासपुर को चुने जाने की कई वजहें रहीं. पाकिस्तान की सरहद से लगा गुरदासपुर, करतारपुर कॉरिडोर से भी आधे घंटे की ही दूरी पर है - और कांग्रेस को कठघरे में खड़ा करने के लिए बेहतरीन प्लेटफॉर्म भी.

प्रधानमंत्री मोदी ने पंजाब पहुंच कर सिख दंगों के लिए कांग्रेस को तो घेरा ही - अपनी सरकार का रिपोर्ट कार्ड भी पेश कर दिया.

सिख दंगों को लेकर कांग्रेस पर हमले

गुरदासपुर पहुंचते ही मोदी ने सिख दंगों में इंसाफ दिलाने का क्रेडिट ले लिया. 34 साल बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने 1984 के सिख दंगों के मामले में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा सुनाकर जेल भेज दिया है.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'एक परिवार के इशारे पर जिन-जिन आरोपियों को ‘सज्जन’ बताकर फाइलें दबा दी गई थीं, NDA सरकार ने उनको बाहर निकाला, SIT का गठन किया और परिणाम सबके सामने है.

सिख दंगों का जिक्र करते हुए मोदी ने एक ऐसी तीर भी छोड़ी जो पंजाब से सीधे मध्य प्रदेश पहुंच रही थी. मध्य प्रदेश में जब कमलनाथ मुख्यमंत्री पद की शपथ ले रहे थे तो उनका नाम सिख दंगों से जोड़ा जा रहा था. हालांकि, इस बारे में वो कई बार सफाई दे चुके हैं.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'जिनका इतिहास राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ रहा हो... और जो आज भी देश के सैनिकों और सेना को कमजोर करने के लिए झूठ फैला रहे हों... जिनका इतिहास सिर्फ एक परिवार के जयगान कर रहा हो... जो आज भी वन्दे मातरम और भारत माता का विरोध कर रहे हों... जिनका इतिहास हजारों सिख भाई-बहनों की बेहरहमी से हत्या का हो और जो आज भी दंगों के आरोपियों को मुख्यमंत्री पद का पुरस्कार दे रहे हों उन लोगों से पंजाब समेत देशवासियों को सतर्क रहने की जरूरत है.'

राफेल पर जीना हराम कर चुके राहुल गांधी को चुप कराने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास फिलहाल ये सबसे कारगर हथियार लगा होगा. मोदी ने इस हथियार का पूरा इस्तेमाल भी किया.

इतना ही नहीं कांग्रेस के कर्जमाफी दांव को भी मोदी ने किसानों को ठगने की चाल बतायी - ठीक वैसे ही, कहा, जैसे कभी 'गरीबी हटाओ' जैसे नारे का इस्तेमाल वोट बटोरने के लिए हुआ था.

narendra modiगुरदासपुर से मोदी ने फूंकी चुनावी रणभेरी

कर्जमाफी को लेकर मोदी ने कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार को भी आड़े हाथों लिया. बोले, 'विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने वादा किया था कि ₹10 हजार करोड़ का कर्ज माफ करेंगे, लेकिन डेढ़ साल बाद सच्चाई क्या है? कांग्रेस मान रही है कि उसने अभी तक सिर्फ ₹3400 करो़ड़ का कर्ज माफ किया है.'

मनमोहन सरकार में जिस कर्जमाफी का राहुल गांधी दावा करते हैं, उसके बारे में मोदी ने कहा है कि कांग्रेस पर भरोसे की सजा आज भी किसान भुगत रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, '2008-09 में किसानों पर 6 लाख करोड़ का कर्ज था. कांग्रेस ने सिर्फ 60 हजार करोड़ का कर्ज माफ किया.' अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने फिर से दोहराया कि हम 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लिए काम कर रहे हैं.

गठबंधन के साथी को सचेत होने का संदेश

मोदी की रैली के लिए पंजाब और गुरदासपुर के चयन के बीजेपी की एक खास रणनीति सहयोगी दल अकाली दल को सचेत करना भी रही. प्रधानमंत्री की गाजीपुर रैली के वक्त सहयोगी दलों का रवैया तो सबने देखा ही. अब तक सिर्फ बिहार में बीजेपी, जेडीयू और एलजेपी के बीच सीटों पर समझौता हो सका है. पंजाब में अकाली दल और महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ सीटों का बंटवारा बाकी है.

मोदी की रैली में मौजूद अकाली दल नेता सुखबीर बादल ने कहा कि 2019 की जंग की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पंजाब से कर रहे हैं. बताते हैं कि 2019 के लोक सभा चुनावों से पहले बीजेपी का 20 राज्यों में मोदी की 100 रैलियां कराने का प्लान है.

सुखबीर बादल ने भी लोगों को बताया कि 1984 के दंगे के दोषियों को सजा दिलाने में मोदी सरकार ने अहम भूमिका निभायी. साथ ही, सुखबीर बादल ने करतारपुर साहिब कॉरिडोर के लिए भी प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ की और शुक्रिया कहा.

sukhbir badalहालात बदल चुके हैं, सीटों पर समझौते के लिए तैयार रहें...

2014 में पंजाब की 13 सीटों में से 10 पर अकाली दल और तीन पर बीजेपी ने चुनाव लड़ा था. बीजेपी ने तो तीन में से दो जीत ली लेकिन अकाली दल सिर्फ चार सीटें ही जीत सका. तब आम आदमी पार्टी ने भी पूरे देश में सिर्फ पंजाब से ही चार सीटें जीती थीं. कांग्रेस के हिस्से में तब तीन सीटें आयी थीं.

2017 के उपचुनाव में कांग्रेस ने बीजेपी के विनोद खन्ना की सीट हथिया ली. गुरदासपुर से फिलहाल कांग्रेस के सुनील जाखड़ सांसद हैं. रैली में मोदी ने विनोद खन्ना के सपनों को पूरा करने की भी बात कही. कुछ दिन पहले चर्चा रही कि गुरदासपुर से बीजेपी फिल्म स्टार अक्षय कुमार को उम्मीदवार बना सकती है. माना जा रहा है कि बीजेपी नवजोत सिद्धू की भरपाई के लिए अक्षय कुमार को लाना चाह रही है. सिद्धू की तरह अक्षय कुमार पंजाब से तो नहीं हैं, लेकिन पंजाबी समुदाय से ही हैं और लोकप्रिय एक्टर हैं.

गुरदासपुर में मोदी की रैली आयोजित कर बीजेपी ने अकाली दल को ये संदेश देने की भी कोशिश की है कि इस बार सीटों का बंटवारा पहले जैसा नहीं होगा. 2017 में कांग्रेस और आप के बाद तीसरे स्थान पर रहे अकाली दल के पास भी इस बार बीजेपी की बात मान लेने के अलावा विकल्प कम ही नजर आता है.

सरकार का रिपोर्ट कार्ड तो देना ही था

जब भी मौका मिलता है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी सरकार का रिपोर्ट कार्ड देना नहीं भूलते. याद कीजिये अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान राहुल गांधी के गले मिलने और फिर आंख मारने पर अपने विचार रखने के बाद पूरे वक्त बीजेपी सरकार की उपलब्धियां ही गिनाते रहे.

केंद्र सरकार की उपलब्धियों के रूप में प्रधानमंत्री मोदी ने प्रमुख रूप से चार बातें रखीं -

1. "पंजाब की 11 लाख से अधिक बहनों को मुफ्त रसोई गैस कनेक्शन दिया जा चुका है. यहां के युवाओं को 28 लाख मुद्रा लोन दिए गए हैं."

2. "ढाई लाख नौजवानों को स्किल इंडिया मिशन के तहत ट्रेनिंग दी जा चुकी है. बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान से पंजाब के अनेक जिलों में बेटियों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है."

3. "पंजाब की स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने के लिए भी अनेक प्रयास किए गए हैं. बठिंडा में बन रहा AIIMS इसी कड़ी में लिया गया महत्वपूर्ण फैसला है."

4. "एनडीए की सरकार विकास की पंचधारा - जन-जन की सुनवाई के साथ ही, बच्चों को पढ़ाई, युवा को कमाई, बुजुर्गों को दवाई, किसान को सिंचाई के लिए काम कर रही है."

देखा जाये तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पंजाब दौरे का मकसद पहले से ही साफ था. कांग्रेस को कठघरे में खड़ा करने के साथ ही, मोदी ने अकाली दल को सचेत होने का संदेश तो दिया ही - मौके का पूरा फायदा उठाते हुए अपनी सरकार का रिपोर्ट कार्ड भी पेश कर दिया.

इन सबके अलावा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंजाब की जमीन से न्यू इंडिया के लिए नया स्लोगन भी दिया - 'जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान और जय अनुसंधान.' पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के मूल स्लोगन, 'जय जवान, जय किसान' में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 'जय विज्ञान' जोड़ दिया था. अब प्रधानमंत्री मोदी ने उसमें 'जय अनुसंधान' को भी शामिल कर लिया है.

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