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Updated: 25 दिसम्बर, 2021 01:29 PM
बिलाल एम जाफ़री
बिलाल एम जाफ़री
  @bilal.jafri.7
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जम्मू कश्मीर, लेह लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बर्फबारी की शुरुआत हो गयी है. उत्तर भारत भीषण ठंड की चपेट में है. ठंड से हालात कितने जटिल हैं इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि शीत लहर के चलते इंसान भी जहां शाम के बाद अपनी अपनी रजाई से निकलने में कतराते हैं तो वहीं आवारा जानवरों जैसे कुत्ते, बिल्ली और मवेशियों का हाल और बुरा है. चौक चौराहों में इन्हें दुबके हुए बड़ी ही आसानी के साथ देखा जा सकता है. रात में सड़क पर वही निकल रहा है जिसे या तो कोई बहुत जरूरी काम है या फिर जिनकी नौकरियां रात की हैं. कुल मिलाकर जैसा मौसम है आदमी खुद नहीं चाहता कि वो बेवजह बाहर निकले. ठंड की गिरफ्त में आए और बीमार पड़े. सवाल होगा कि आखिर ये बातें क्यों? जवाब है कोरोना का नया वेरिएंट Omicron और उसकी 'रोकथाम' के लिए उत्तर प्रदेश की सरकार द्वारा लिया गया 'अहम फैसला.' बताते चलें कि वायरस का प्रसार कम से कम हो इसलिए सरकार ने 25 दिसंबर की रात 11 बजे से सुबह 5 बजे तक 'नाईट कर्फ्यू' को पुनः लागू कर दिया है. वहीं जो लोग 25 के बाद शादी के बंधन में बंधकर अपने जीवन की एक नई पारी की शुरुआत कर रहे हैं उनके लिए भी बुरी खबर है. सरकार द्वारा विवाह समारोहों में भी दो सौ से अधिक मेहमानों को बुलाने पर रोक लगा दी गई है.

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ध्यान रहे कि सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने टीम-9 को आदेश दिया है कि कल से रात्रिकालीन कर्फ्यू को प्रभावी ढंग से लागू किया जाए. वहीं मुख्यमंत्री ने ये भी कहा है कि शादी-विवाह आदि सार्वजनिक आयोजनों में कोविड प्रोटोकॉल के साथ अधिकतम 200 लोगों के भागीदारी की इजाजत रहेगी. आयोजनकर्ता इसकी सूचना स्थानीय प्रशासन को देंगे. साथ ही सीएम योगी ने अधिकारियों को ओमिक्रॉन के प्रति सचेत करते हुए सरकारी अस्‍पतालों में बेडों की संख्‍या बढ़ाने और अन्‍य जरूरी उपाय करने को कहा है.

अच्छी बात है कि मध्य प्रदेश के मुकाबले उत्तर प्रदेश सरकार ने कोरोना के नए और खतरनाक वेरिएंट Omicron के प्रति गंभीरता जाहिर की है और नहीं चाहती कि इसका Mass Transmission हो. लेकिन नाईट कर्फ्यू! दिसंबर की इस ठंड में सरकार का ये फैसला इसलिए भी वाहियात है क्योंकि कोई मानसिक रूप से विक्षिप्त ही होगा जो तब घर से बेवजह निकलेगा जब रात का तापमान 6 से 8 या फिर 9 डिग्री के करीब हो और दांत किटकिटाने वाली सर्दी हो.

सवाल ये है कि क्या वाकई यूपी के हुक्मरानों ने जनता को एकदम मूर्ख ही समझ लिया है? क्या सरकार ये मानती है कि Omicron दिन में कंबल ओढ़कर कहीं कोने में दुबका पड़ा होगा और ये तभी अटैक करेगा जब रात का समय हो. कहीं शादी हो रही हो तो वहां 200 या उससे ऊपर लोग हों. समझ क्या रखा है सरकार ने जनता को? सवाल फिर है कि क्या सच में कोविड के नाम पर इस देश में कोई ऐसा मजाक चल रहा है? जिसमें लोगों को हंसी सूबे की सरकार की मर्जी और मुख्यमंत्री के किसी अटपटे फरमान से आए.

हम फिर इस बात को कह रहे हैं कि दिसंबर का ये समय एक ऐसा समय है जब उत्तर प्रदेश के ज्यादातर लोग शाम के बाद हाइबरनेशन में चले जाते हैं उन्हें अगर भीषण प्यास या जानलेवा भूख भी लगी हो और एक गिलास पानी गर्म रजाई से उठ कर पीना हो तो उसके लिए भी उन्हें 70 बार सोचना पड़ता है. आदमी भी शायद यही सोचता है कि रात में रजाई में पहुंचने के बाद सुबह जब उठेंगे तो सारे काम इकट्ठा ही कर लेंगे.

ऐसे में सरकार का ये कहते हुए एहसान करना कि इस तरह के प्रयासों से ही कोरोना की रीढ़ टूटेगी दरअसल वो झूठ है जो सरकार लॉक डाउन 1 उसके बाद लॉक डाउन 2 और अब फिर हमसे बोल रही है. ऐसा बिल्कुल नहीं है कि Omicron अगर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ हो तो वो दिन भर खाली रहेगा और दोपहर हज़रतगंज आकर रॉयल कैफे की चाट, वाजपेयी की पूड़ी, इदरीस की बिरयानी खाएगा बरेली हो तो दीनानाथ की लस्सी और बनारस हो तो हरिश्चंद्र घाट पर बैठकर जलेबी कचौड़ी खाएगा किसी को कुछ करेगा नहीं और दिन भर का सारा बदला रात 11 बजे से सुबह 5 बजे तक ही लेगा वो भी दिसंबर की इन ठंडी रातों में.

यूं तो सरकार इस बात को समझती ही होगी लेकिन वो क्यों नहीं समझ रही ये भी हम जानते हैं मगर तब भी उसे इस बात को समझना होगा कि Omicron की बड़ी वजह Transmission है और दुनिया जानती हैं कि ट्रांसमिशन कैसे होता है. अगर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनके अधिकारी अभी भी इस बात को नहीं जानते हैं तो उन्हें बताना जरूरी है कि ट्रांसमिशन की एक बड़ी वजह भीड़ है जो यूपी के अलग अलग शहरों, उनके बाजारों, मंडियों, मॉल, मल्टीप्लेक्स, स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटीज, चौक, चौराहों और सबसे ज्यादा चुनावी रैलियों में दिन भर रहती है.

हर पहर रहती है. यदि वाक़ई सरकार उत्तर प्रदेश से Omicron भगाने की दिशा में गंभीर है तो उसे रात 11 से सुबह 5 नहीं बल्कि सुबह 5 बजे से दिन भर इस दिशा में गंभीर होना पड़ेगा. जिस चीज को करना चाहिए यदि उसे छोड़कर सरकार वो करे जो बे सिर पैर का है और जिसका सच में कोई औचित्य नहीं है तो फिर आलोचना होगी. घनघोर होगी. घमासान होगी.

ध्यान रहे जल्द ही यूपी में विधानसभा चुनाव हैं और चुनावों से पहले सरकार से लेकर विपक्ष तक ने अपनी तैयारी पूरी है. ऐसे में अगर नाईट कर्फ्यू सरकार ने लगा दिया तो भी इससे उसका कोई खास नुकसान नहीं है. बात फिर वही है. अगर सरकार कोरोना से लेकर Omicron तक किसी का का भी Mass Transmission रोकना चाहती है और नाईट कर्फ्यू का चोंचला लेकर आई है तो इस रोकथाम की दिशा में अगर कोई कदम सबसे मूर्खतापूर्ण तरीके से उठाया गया है तो वो यही है नाईट कर्फ्यू वाला.

जनता खुद बताए कि क्या वाक़ई सरकार Omicron और उसकी रोकथाम के लिए गंभीर है? साफ़ है कि रात 11 बजे से सुबह 5 बजे तक नाईट कर्फ्यू  लगाकर जो सरकार का प्रयास है वो कुछ वैसा ही है कि सांप भी मर जाए और लाठी भी न टूटे. अंत में बस इतना ही कहकर हम अपनी बातों को विराम देंगे कि उत्तर प्रदेश सरकार और सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इसबात बात को समझ लेना चाहिए कि कोरोना का नया वेरिएंट Omicron कोई चोर, उचक्का, डकैत, वाहन चोर नहीं है जो रात में अपनी गतिविधियों को अंजाम देगा.

नाईट कर्फ्यू एक बेवकूफी भरा कदम है. यदि सरकार को इस दिशा में सच में कुछ करना है तो वो दिन में सख्ती करे और बताए कि Omicron को रोकने के लिए वो कारगर कदम उठा रही है और अगर लोगों ने साथ दिया और उचित सावधानी बरती तो इसके कदम किसी भी सूरत में उत्तर प्रदेश में जमने नहीं दिए जाएंगे.

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लेखक

बिलाल एम जाफ़री बिलाल एम जाफ़री @bilal.jafri.7

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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