New

होम -> सियासत

 |  6-मिनट में पढ़ें  |  
Updated: 13 नवम्बर, 2020 11:24 PM
बिलाल एम जाफ़री
बिलाल एम जाफ़री
  @bilal.jafri.7
  • Total Shares

बराक 'ओबामा' मोदी 'मित्र' हैं ये सबको पता था, लेकिन वो अन्ध 'भक्त' हैं, ये आज पता चला.

ये शब्द किसी ऐसे वैसे व्यक्ति के नहीं बल्कि उसके हैं जिसे कांग्रेस पार्टी (Congress Party) ने उस शहर से टिकट दिया जिसे नफासत और नजाकत का शहर कहा जाता है. जी हां बात हो रही है कांग्रेस पार्टी से लखनऊ से लोकसभा चुनावों का टिकट पा चुके आचार्य प्रमोद कृष्णन (Acharaya Pramod Krishnan) की, जो अमेरिका के राष्ट्रपति ओबामा की बातों के बाद खुलकर राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के समर्थन में आए हैं और जिन्होंने अपनी बातों से राहुल गांधी की फजीहत कराने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. कुछ और बात करने से पहले कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णन के मन की कड़वाहट की एक और बानगी देखते हैं. वे ट्वीट करते हैं- राहुल गांधी “अयोग्य” और “नर्वस” छात्र हैं, ये बात “ओबामा” को पता कैसे चली,क्या वो क्लास रूम में साथ-साथ बैठते थे. ओबामा ने राहुल गांधी को “अयोग्य” बता कर, कांग्रेस के उन करोड़ों “कार्यकर्ताओं” के ह्रदय पर “वज्रपात” किया है, जो उन्हें “भगवान” की तरह मानते हैं.

Rahul Gandhi, Congress, Acharya Pramod Krishnam, Barak Obama, Americaप्रमोद कृष्णन जैसे लोग अपनी बातों से ओबामा का नहीं राहुल गांधी का नुकसान कर रहे हैं

सवाल होगा कि आखिर ऐसा क्या हुआ जिसके बाद कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णन ने इस तरह के जुमलों का इस्तेमाल करते हुए राहुल गांधी को बचाने का प्रयास किया? तो बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने एक किताब लिखी है. अपनी किताब 'ए प्रॉमिस्ड लैंड' में कांग्रेस, मनमोहन सिंह के अलावा ओबामा ने राहुल गांधी का भी जिक्र किया है. राहुल गांधी पर अपना पक्ष रखते हुए बराक ओबामा ने लिखा है कि उनमें एक ऐसे नर्वस और अपरिपक्व छात्र के गुण हैं, जिसने अपना होमवर्क किया है और टीचर को इम्प्रेस करने की कोशिश में है. लेकिन गहराई से देखें तो योग्यता की कमी है और किसी विषय पर महारत हासिल करने के जुनून की कमी है’.

इसके अलावा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लेकर भी टिप्पणी की गई है. किताब में लिखा है, ‘व्लादिमीर पुतिन उन्हें एक सख्त और स्मार्ट बॉस की याद दिलाते हैं. वहीं भारत के प्रधानमंत्री रहे मनमोहन सिंह में एक भावशून्य ईमानदारी है, जो उन्हें अलग बनाती है.

ओबामा का राहुल गांधी के बारे में ये लिखना भर था तमाम कांग्रेसी नेता हैं जो अपने 'पूर्व अध्यक्ष' के बचाव में सामने आ गए हैं. राहुल समर्थक ये लोग ऐसी तमाम बातें कर रहे हैं जिनका उद्देश्य है तो राहुल गांधी का बचाव लेकिन ये लोग शायद भाषा और शब्दों की मर्यादा भूल गए.

बात चूंकि प्रमोद कृष्णन की हुई है तो अब तक जैसा उनका स्वभाव रहा है उन्हें एक सुलझा हुआ और समझदार व्यक्ति माना जाता था. मगर अब जबकी उन्होंने राहुल भक्ति दिखाते हुए भाषा की गरिमा को तार तार किया है कहीं न कहीं एक कांग्रेसी नेता के रूप में उन्होंने अपनी पार्टी का चाल, चरित्र और चेहरा पूरे देश के सामने जगजाहिर कर दिया है. प्रमोद ने तो जो कहा सो गया कांग्रेस के तमाम नेता है जो राहुल का पक्ष रखते हुए उनकी मिट्टी पलीत करा रहे हैं. अब कांग्रेस नेता तारिक अनवर को ही देख लीजिए. इंटरनेट पर तारिक अनवर का एक वीडियो बड़ी ही तेजी कब साथ वायरल हुआ है. वायरल हो रहे इस वीडियो में तारिके अनवर ये कहते पाए जा रहे हैं कि जब बराक ओबामा भारत आए होंगे तो उनकी राहुल गांधी से छोटी ही भेंट हुई होगी.

साथ ही ओबामा पर आरोप लगाते हुए तारिक़ ने ये भी कहा है कि किसी भी व्यक्ति से एक दो मुलाकातों के बाद उसकी पर्सनालिटी का अंदाजा लगा पाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है. साथ ही तारिक अनवर ने इस बात को भी दोहराया है कि ये पुरानी बातें हैं वर्तमान में राहुल गांधी ने अपने आपको पूरी तरह से बदल लिया है.

आचार्य प्रणोद के बाद हम तारिक अनवर की बातों को भी सुन चुके हैं और तमाम विरोधाभास हैं जो हमें तारिक अनवर की बातों में दिखाई दे रहे हैं. साफ है कि प्रमोद कृष्णन की तरह ही तारिक अनवर ने भी अपनी बातों से राहुल गांधी की किरकिरी की है.

बहरहाल ओबामा की बातों के बाद तमाम राहुल समर्थक ऐसे हैं जो ओबामा के विरोध में सामने आ गए हैं और ऐसी तमाम बातें कर रहे हैं जो सीधे तौर पर राहुल गांधी की छवि को प्रभावित करती नजर आ रही हैं. ओबामा की बातों के बाद भाजपा किस तरह राहुल गांधी पर हमलावर होगी? जल्द हमें पता चल जाएगा. लेकिन इस समय कांग्रेस पार्टी के पास चुनौती दोहरी है. अपने तर्कों से उसे भाजपा और उसके नेताओं का मुंह तो बंद करना ही था. साथ ही कांग्रेस के उन नेताओं पर भी लगाम कसनी है जो राहुल गांधी और उनके बचाव के नाम पर इधर उधर निकल जा रहे हैं और ऐसा ब्लंडर कर दे रहे हैं जिसे साफ़ करना आने वाले वक़्त के मद्देनजर कांग्रेस के लिए मुश्किल होगा. 

ये भी पढ़ें -

तेजस्वी यादव को सरकार बनाने की जगह पार्टी बचाने के बारे में सोचना चाहिये

बिहार ने जनादेश तो दिया लेकिन उसके पीछे एक चेतावनी भी है..

नीतीश कुमार को चौथी बार ताज मिला लेकिन बिहार की पूरी सियासी तस्वीर बदल गई

लेखक

बिलाल एम जाफ़री बिलाल एम जाफ़री @bilal.jafri.7

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

iChowk का खास कंटेंट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक करें.

आपकी राय