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Updated: 02 दिसम्बर, 2017 12:04 PM
राहुल लाल
राहुल लाल
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उत्तर कोरिया और अमेरिका के बीच टकराव लगातार बढ़ रहा है. हाइड्रोजन बम बनाकर अमेरिका को चुनौती देने वाले उत्तर कोरिया ने आर्थिक प्रतिबंधों के बावजूद एक और अंतर्महाद्वीपीय बैलेस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया है. इससे पूरे कोरियाई प्रायद्वीप पर परमाणु युद्ध का खतरा मंडरा गया है. उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन ने बुधवार(29 नवंबर) को कहा कि उनका देश अमेरिका में कहीं भी मार करने की क्षमता रखने वाली नई मिसाइल का सफल परीक्षण कर पूर्ण परमाणु शक्ति बन गया है.

29 नवंबर को उत्तर कोरिया ने ह्नासोंग-15 नामक आईसीबीएम का सफल परीक्षण कर, संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक प्रतिबंधों सहित पूरी दुनिया की चेतावनियों को धत्ता बता दिया है. भारी परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम ह्नासोंग-15 की क्षमता 13,000 किमी से अधिक है. जबकि उत्तर कोरिया से अमेरिका की दूरी सिर्फ 10,000 किमी है. अमेरिका,जापान और दक्षिण कोरिया के अधिकारियों ने माना है कि जापान के नजदीक गिरी मिसाइल लंबी दूरी की बैलस्टिक मिसाइल थी.

अमेरिकी रक्षा मंत्री जिम मैटिस ने इसे पूरी दुनिया के लिए खतरा बताया है. 3 सितंबर को छठे परमाणु परीक्षण के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने 11 सितंबर को उत्तर कोरिया पर अबतक का सबसे कठोर आर्थिक प्रतिबंध लगाया था. लेकिन प्रतिबंध के केवल 4 दिन बाद ही उत्तर कोरिया ने 15 सितंबर को ह्नासोंग-12 का परीक्षण कर दुनिया के सामने अपने इरादे स्पष्ट कर दिए थे. ढाई महिने बाद अब 29 नवंबर को उत्तर कोरिया द्वारा फिर से मिसाइल परीक्षण का चीन और रुस सहित पूरी दुनिया ने आलोचना की है.

USA, North Korea, Warउत्तर कोरिया ने विश्व के नाक में दम कर रखा है

उत्तर कोरिया वैसे तो बैलेस्टिक मिसाइलों के दर्जनों परीक्षण कर चुका है, लेकिन अमेरिकी शहरों तक पहुंच होने का दावा उसने पहली बार किया है. बीते अगस्त में अमेरिकी द्वीप गुआम के नजदीक उत्तर कोरिया दो बार बैलेस्टिक मिसाइल पहुंचा चुका है. उत्तर कोरिया के ह्नासोंग-15 के बाद कोरियाई प्रायद्वीप के तनाव को इससे ही समझा जा सकता है कि परीक्षण के तुरंत बाद दक्षिण कोरिया ने भी जवाबी मिसाइल परीक्षण किया. अभी एक सप्ताह पूर्व ही अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने उत्तर कोरिया को आतंकवाद का समर्थन करने देशों की सूची में डाला था. इस सूची में आने वाले देशों पर अमेरिका और कठिन प्रतिबंध लगा सकता है.

अंतरिक्ष भी सुरक्षित नहीं-

उत्तर कोरिया ने ह्नासोंग-15 के इस नवीनतम परीक्षण में एक ओर जहां उसके मिसाइल प्रौद्योगिकी के आधुनिकतम तकनीक का प्रदर्शन किया है. वहीं अब कोरियाई संकट की आंच अंतरिक्ष तक भी पहुंच गई है. ताजा परीक्षण में उत्तर कोरियाई मिसाइल सबसे ज्यादा ऊंचाई और सबसे ज्यादा दूरी मापकर जापान के नजदीक समुद्र में गिरी. उत्तर कोरिया ने बयान जारी कर कहा है कि यह मिसाइल आकाश में 4,475 किमी की ऊंचाई तक गई और उसने 950 किमी लंबा सफर तय किया.

अंतरिक्ष में जितनी ऊंचाई पर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन मौजूद है, उत्तर कोरिया की मिसाइल उससे 10 गुना ज्यादा ऊंचाई तक गई. इसके चलते उत्तर कोरियाई मिसाइलों के खतरे से अब अंतरिक्ष भी सुरक्षित नहीं रह गया. इतना ही नहीं रात में मिसाइल परीक्षण करना कठिन होता है, लेकिन उत्तर कोरिया ने दुनिया को यह संकेत दे दिया कि वह लगातार अपनी मिसाइल प्रोद्योगिकी को उन्नत कर रहा है.

USA, North Korea, Warविश्व इसके आगे पस्त हो गया

इस मामले की गंभीरता को इससे ही समझा जा सकता है कि बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण करते ही बुधवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने आधी रात को आपातकालीन बैठक बुलाकर उत्तर कोरिया को इस कार्यवाई के लिए चेतावनी दी. तमाम अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंधों के बाद भी उत्तर कोरिया का दावा है कि उसका परमाणु कार्यक्रम पूरा होने वाला है. वहीं 16 सितंबर को ही ट्रंप ने उत्तर कोरिया और उसके सहयोगियों को चेतावनी देते हुए कहा था कि उत्तर कोरिया पर सैन्य कार्यवाही पर भी विचार किया जा रहा है. उत्तर कोरियाई हाइड्रोजन बम विस्फोट के बाद मिसाइल परीक्षण और चेतावनी से पूरे विश्व में खलबली मच गई है.

उत्तर कोरिया की सैन्य तैयारियों को देखते हुए सितंबर से ही अमेरिका अपने मित्र देशों, दक्षिण कोरिया और जापान के साथ मिलकर उत्तर कोरियाई सीमा के पास कई युद्धाभ्यास भी कर चुका है. ट्रंप उत्तर कोरिया के खिलाफ सैन्य कार्यवाई के पक्ष में हैं, जबकि रूस और चीन टकराव टालने के लिए बातचीत का रास्ता अपनाने पर जोर देते हैं. लेकिन उत्तर कोरिया किसी की भी सुनने के लिए तैयार नहीं है. वह इसे आत्मरक्षा के लिए महत्वपूर्ण बता रहा है.

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राहुल लाल राहुल लाल @rahul.lal.3110

लेखक अंतर्राष्ट्रीय मामलों के जानकार हैं

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