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Updated: 24 मई, 2019 12:16 PM
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Lok Sabha Election 2019 Results| जीत के बाद Narendra Modi victory speech में अंदाज काफी बदल गए थे. इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक स्टेट्समैन के तौर पर प्रोजेक्ट किया जो हर तरह के मतभेदों को भूल कर देश की तरक्की के लिए सबको साथ लेकर चलना चाहता है. साथ ही, वादा भी किया कि उनका समय सिर्फ देश के हित के लिए काम करने में जाएगा. नरेंद्र मोदी की जीत और Rahul Gandhi के साथ पूरे विपक्ष की हार ने एक बात तो साबित कर दी कि 2019 चुनावों में भी जनता नरेंद्र मोदी पर पूरा भरोसा करती है.

Indian Lok Sabha Election 2019 में नरेंद्र मोदी की जीत और पिछले 5 सालों में उनके द्वारा किए गए कामों को लेकर भारतीय मीडिया की ही नहीं बल्कि विदेशी मीडिया की भी पूरी नजर रही है.

नरेंद्र मोदी की ऐतिहासिक जीत को लेकर विदेशी मीडिया ने भी काफी कवरेज किया. पाकिस्तान, ब्रिटेन, अमेरिका, यूएई सभी जगह पर अलग तरह से मोदी की जीत को देखा गया. कोई इसे सही कह रहा है तो कोई इसके खराब पहलुओं को उजागर कर रहा है. 

पाकिस्तानी मीडिया चैनलों ने भी मोदी के कवरेज में कोई कमी नहीं छोड़ी...

1. मोदी की जीत से ज्यादा गुजरात दंगों का जिक्र...

समा टीवी ने मोदी की जीत की खबर के साथ राहुल गांधी की हार पर ज्यादा फोकस किया. और साथ ही गुजरात दंगों, मुस्लिम लिंचिंग और इन्ही सब मामलों को लिखने की कोशिश की.

हेडलाइन में ऐसा लग रहा है कि इस स्टोरी में मोदी की जीत को लेकर बातें हो रही हैं.हेडलाइन में ऐसा लग रहा है कि इस स्टोरी में मोदी की जीत को लेकर बातें हो रही हैं.

पर असल में राहुल गांधी की शर्मनाक हार जिसमें उनके परिवार से तीन प्रधानमंत्री होने के बाद भी कुछ न कर पाने का ताना. साथ ही, मोदी के RSS के साथ संबंधों और गुजरात दंगों की बात भी की गई.

मोदी की जीत की कहानी कुछ इस तरह से दिखाई गई.मोदी की जीत की कहानी कुछ इस तरह से दिखाई गई.

पाकिस्तानी न्यूज वेबसाइट ने लिखा कि बेरोजगारी भारत में पिछले 40 सालों में सबसे ज्यादा है, पर हर महीनें लाखों लोगों के लिए रोजगार प्रदान करने में भारतीय अर्थव्यवस्था नाकाम रही है. मोदी जो हिंदू संगठन राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सदस्य और 2002 में गुजराद दंगों के समय गुजरात के पीएम रहे नरेंद्र मोदी को बांटनेवाला भी कहा जाता है. इसी के साथ, लिंचिंग और भारत की 170 मिलियन मुस्लिम आबादी की चिंता को भी जाहिर किया.

2. मोदी की जीत नहीं राहुल की हार पर कवरेज...

दूसरे पाकिस्तानी न्यूज हाउस जियो टीवी की तरफ से मोदी की जीत पर दो आर्टिकल किए गए. पहले में मोदी की जीत नहीं राहुल गांधी की हार की बात ज्यादा थी और दूसरे में पीएम मोदी की जीत से ज्यादा इमरान खान को धन्यवाद देने की बात

नरेंद्र मोदी की जीत को लेकर जियो टीवी ने ये किया.नरेंद्र मोदी की जीत को लेकर जियो टीवी ने ये किया.

समा टीवी की तरह जियो टीवी ने भी भारतीय फेक न्यूज, चौकीदार कैंपेन की बात अपने आर्टिकल में की.

3. मोदी की जीत से ज्यादा कश्मीर और इमरान खान पर कवरेज...

पाकिस्तानी ट्रिब्यून ने आर्टिकल में सिर्फ इमरान खान की मुबारकबाद और कश्मीर की बात की. इसके अलावा, पाकिस्तान-कश्मीर मामले पर ही फोकस किया. 

ट्रिब्यून के आर्टिकल में कश्मीर मुद्दे पर बात की गई.ट्रिब्यून के आर्टिकल में कश्मीर मुद्दे पर बात की गई.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मुहम्मद फैसल की बात लिखी गई थी, 'पाकिस्तान ने हमेशा कश्मीर मुद्दे को हल करने की कोशिश की है. UNSC के नियमों के अनुसार काम किया है. इसलिए इस मसले पर बात चीत जरूरी है. जो भी सरकार बनाता है हम उसी मसले पर बात करते रहेंगे.'

4. भारत की समस्याओं पर कवरेज...

पाकिस्तानी अखबार डॉन ने रिजल्ट आने से पहले भारत की समस्याओं पर बात की और एक आर्टिकल किया कि कोई भी सरकार बनाए भारतम में इन 10 समस्याओं का हल उसे निकालना होगा.

Dawn के कवरेज की एक झलकDawn के कवरेज की एक झलक

इसमें राष्ट्रवाद, गरीबी, पानी, बोरेजगारी आदि सभी मुद्दे शामिल किए गए थे. ये चुनाव नतीजों के पहले और एग्जिट पोल के बाद का कवरेज था. इसके बाद जीत की स्टोरी में मोदी को लेकर बेहद चिंताजनक बातें कही गईं.

डॉन के आर्टिकल में मोदी को सांप्रदायिक, मुसलमानों और पाकिस्तान से नफरत करने वाला, कहा. यही नहीं एक जगह तो ये भी लिखा गया कि इस काल में भी मोदी की भाषणबाज़ी पर लगाम लगाएंगे जिसने भारत में मौजूद अल्पसंख्यकों के खिलाफ लाखों हिंदुओं को भड़का दिया.

Dawn के इस आर्टिकल में नरेंद्र मोदी के खिलाफ काफी कुछ लिखा गया है.Dawn के इस आर्टिकल में नरेंद्र मोदी के खिलाफ काफी कुछ लिखा गया है.

इस आर्टिकल में लिखा गया कि शांति बनाए रखने के लिए पाकिस्तान के साथ बात-चीत के न्योते को स्वीकार कर लेना चाहिए. इसमें पुलवामा हमले और सुषमा स्वराज के तरीके की भी बात हुई. कुल मिलाकर ये आर्टिकल सिर्फ पाकिस्तानी ईगो को शांत करने के लिए लिखा गया लगता है.

ये तो थी पाकिस्तान की बात, लेकिन अन्य कई देशों की मीडिया की नजर नरेंद्र मोदी की जीत पर थी और लगभग हर बड़े मीडिया हाउस ने भारतीय चुनावों पर फोकस किया.

अमेरिकी मीडिया क्या कहता है मोदी के बारे में...

1. हिंदू राष्ट्र पर फोकस किया..

अमेरिकी वेबसाइट वॉशिंगटन पोस्ट के आर्टिकल में नरेंद्र मोदी की जीत के साथ-साथ हिंदू राष्ट्र की बात भी की और लिखा कि मोदी की जीत ये साबित करती है कि भारत में धार्मिक राष्ट्रवाद बढ़ गया है और उस देश को साफ तौर पर हिंदू राष्ट्र के रूप में देखा जाता है एक मौलिक हिंदू राष्ट्र के रूप में देखता है और देश के संस्थापकों द्वारा प्रचारित धर्मनिरपेक्षता के बोझ से बाहर आता है. भले ही भारत में 80 प्रतिशत हिंदू हैं, लेकिन मुस्लिम, ईसाई, सिख, बौद्ध और अन्य धर्म भी वहां अल्पसंख्यकों के तौर पर मौजूद हैं.

वॉशिंगटन पोस्ट के आर्टिकल में हिंदू राष्ट्र पर बात की गई.वॉशिंगटन पोस्ट के आर्टिकल में हिंदू राष्ट्र पर बात की गई.

2. हिंदू राष्ट्रवाद और मोदी की लोकप्रियता का प्रभाव..

अमेरिकी अखबार गार्डियन लिखता है कि अब ऐसा लगता है कि भारतीय राजनीति एक नए युग में प्रवेश कर चुकी है जहां हिंदू राष्ट्रवाद के साथ मोदी की लोकप्रियता का कमाल दिखा है.

गार्डियन की पोस्ट में भी हिंदू राष्ट्र की बात की गई.गार्डियन की पोस्ट में भी हिंदू राष्ट्र की बात की गई.

साथ ही साथ इस पोस्ट में ये भी लिखा गया कि आर्थिक समस्याएं और बाकी मुद्दे किसी काम के नहीं रहे और हिंदू राष्ट्रवाद ने लोकप्रियता हासिल कर ली.

3. मोदी सबसे ज्यादा ताकतवर और विभाजन करने वाले लीडर..

न्यूयॉर्क टाइम्स की पोस्ट में कुछ और ही लिखा गया. इस पोस्ट में नरेंद्र मोदी को सबसे ज्यादा ताकतवर लीडर बताया गया जो कई दशकों में भारत ने दिया है. इसी के साथ नरेंद्र मोदी को बांटनेवाला (विभाजन करने वाला) लीडर के तौर पर भी बताया है.

इस पोस्ट में भी नरेंद्र मोदी को लेकर हिंदू राष्ट्र की बात की गई.इस पोस्ट में भी नरेंद्र मोदी को लेकर हिंदू राष्ट्र की बात की गई.

ब्रिटिश मीडिया क्या कहता है मोदी की जीत के बारे में....

1. मोदी ने भारत को एक ही रंग में रंग दिया..

ब्रिटिश मीडिया डेलीमेल ने मोदी की योगी वाली छवि पर ध्यान दिया. साथ ही उनकी केदारनाथ यात्रा का भी जिक्र किया.

वेबसाइट ने लिखा कि मोदी ने अपनी छवि एक तपस्वी के तौर पर बनाई है.वेबसाइट ने लिखा कि मोदी ने अपनी छवि एक तपस्वी के तौर पर बनाई है.

मोदी ने ऐसी इमेज बनाई है कि लगे जैसे एक भिक्षु राजनीति में आया है और भारत के स्टेटस को दुनिया भर में बढ़ा दिया है. और राजनीति चुनावों को सामाजिक और आर्थिक मुद्दों और पार्टियों के युद्ध की जगह एक कल्ट में तब्दील कर दिया.

2. मोदी की जीत की पल पल की खबर..

ब्रिटिश मीडिया एजेंसी BBC ने मोदी की जीत की लाइव रिपोर्टिंग की. यहां तक कि उनकी स्पीच के बारे में भी लिखा.

BBC ने लाइव रिपोर्टिंग की जिसमें सुबह रिजल्ट शुरू होने से लेकर मोदी की स्पीच तक सब कुछ बताया.BBC ने लाइव रिपोर्टिंग की जिसमें सुबह रिजल्ट शुरू होने से लेकर मोदी की स्पीच तक सब कुछ बताया.

खाड़ी देशों में मोदी की जीत का कवरेज...

1. पहले नॉन-कांग्रेसी नेता जो दोबारा पीएम बने..

मोदी की जीत के कवरेज के साथ साथ Al Jazeera ने इस चुनाव और भारतीय राजनीति के सबसे बड़े फैक्ट को सामने रखा. मोदी एक लौते ऐसे नॉन-कांग्रेसी नेता हैं जो दोबारा पीएम बने हैं. फुल 5 साल सरकार में रहने के बाद भी. यूपीए की हार का आंकलन भी किया है.

अल जजीरा ने फैक्ट की बात की.अल जजीरा ने फैक्ट की बात की.

2. फ्रंट पेज पर सिर्फ मोदी ही मोदी..

गल्फ न्यूज ने मोदी की जीत के नाम अपना फ्रंट पेज ही कर दिया. वेबसाइट में पूरे फ्रंट पेज पर मोदी और भारतीय चुनावों की कवरेज की खबरें हैं.

मोदी के लाइव जीत से लेकर उनकी स्पीच तक का कवरेज.मोदी के लाइव जीत से लेकर उनकी स्पीच तक का कवरेज.

इसमें मोदी की जीत के साथ-साथ राहुल गांधी की हार को भी लिखा गया है. साथ ही राज्यों की खबरें भी हैं. दक्षिण में न जीत पाने की उनकी बात भी लिखी गई है.

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