New

होम -> सियासत

 |  2-मिनट में पढ़ें  |  
Updated: 27 मई, 2018 01:00 PM
गिरिजेश वशिष्ठ
गिरिजेश वशिष्ठ
  @girijeshv
  • Total Shares

ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे का उद्घाटन आज पीएम मोदी कर रहे हैं और इससे पहले ही इस एक्स्प्रेसवे को इतिहास का सबसे बड़ा अजूबा और सरकार की सबसे महान उपलब्धि के तौर पर प्रचारित किया जाने लगा है. लेकिन इसकी हकीकत कुछ और है.

आज पूरा होने से पहले ही प्रधानमंत्री जिस ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे का उद्घाटन कर रहे हैं वो दरअसल अखिलेश यादव के आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे के मुकाबले कहीं नही ठहरता. न लगात में न काम की रफ्तार में न क्वालिटी है.

नरेंद्र मोदी, ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे अखिलेश यादव, आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे

समय में अखिलेश आगे

अखिलेश यादव ने जिस आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे का उद्घाटन किया था, वो 302 किलोमीटर लंबा था. देश के इस सबसे संबे एक्सप्रेसवे को बनाने में सिर्फ 22 महीने लगे थे, जबकि मोदी के एक्सप्रेसवे को बनाने में 27 महीने से ज्यादा लग गए.

लागत में भी अखिलेश आगे

सिर्फ 135 किलोमीटर लंबे मोदी के एक्सप्रेसवे यानी ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे की लागत 11000 करोड़ रुपये आई, जबकि अखिलेश यादव ने 13200 करोड़ में तीन सौ दो किलोमीटर का एक्सप्रेसवे तैयार कर दिया था. यानी आधे से भी कम लंबाई के एक्सप्रेसवे की लागत प्रति किलोमीटर दुगुने से भी ज्यादा. एक किलोमीटर पर मोदी सरकार ने अगर साढ़े 81 करोड़ रुपये खर्च किए तो अखिलेश ने सिर्फ 44 करोड़ में एक किलोमीटर का निर्माण किया.

ठोस फीचर

मोदी के ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे में सजावट पर ज्यादा ध्यान दिया गया है. तरह-तरह की सज़ावटी चीज़ें लगाई गई हैं, जबकि अखिलेश के एक्सप्रेसवे में कई ठोस फीचर्स थे. अखिलेश के एक्सप्रेसवे को भविष्य में बढ़ाकर आठ लेन का करने का भी प्रावधान है जो ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे में नहीं है. इसमें गंगा और यमुना नदी पर भी आठ लेन पुल है. यह एक्सप्रेस-वे एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट से लैस है, जिससे धुंध और कोहरे में ट्रैफिक चलता रहता है.

इस एक्सप्रेसवे पर चलने वाले सिर्फ वाहनों का ही खयाल नहीं रखा गया है बल्कि ये कुछ दूसरी वजहों से भी खास है. लखनऊ आगरा एक्सप्रेसवे के आस पास कई मंडियां विकसित की गई हैं. ताकि किसान भी एक्सप्रेसवे का फायदा ले सकें.

ये भी पढ़ें-

मोदी सरकार के नये स्लोगन में 2019 का एजेंडा कैसा दिखता है?

मोदी सरकार ने कैसे मिडिल क्‍लास की जिंदगी मुश्किल बना दी !

मोदी सरकार सत्ता में तो लौटेगी लेकिन 'विपक्ष का नेता' पद भी देना होगा

#नरेंद्र मोदी, #अखिलेश यादव, #सड़क, Narendra Modi, Eastern Peripheral Expressway, Akhilesh Yadav

लेखक

गिरिजेश वशिष्ठ गिरिजेश वशिष्ठ @girijeshv

लेखक दिल्ली आजतक से जुडे पत्रकार हैं

iChowk का खास कंटेंट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक करें.

आपकी राय