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Updated: 30 मई, 2019 05:49 PM
मृगांक शेखर
मृगांक शेखर
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नरेंद्र मोदी को NDA का नेता संसद के सेंट्रल हाल में चुना गया और तभी कई चेतावनियां जारी हुईं. एक थी मंत्री पद को लेकर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सदस्यों को आगाह किया कि अगर किसी को फोन पर मंत्री पद ऑफर किया जाता है तो वो खुश होने से पहले अच्छी तरह वेरीफाई कर ले, ऐसे कॉल फर्जी भी हो सकते हैं - 'क्योंकि देश में बहुत सारे नरेंद्र मोदी हो गये हैं,' प्रधानमंत्री मोदी ने ये टिप्पणी मीडिया में आ रही मंत्रियों की सूची को लेकर की थी.

शपथग्रहण की शाम वाले दिन की सुबह ही कई लोगों के पास फोन कॉल आये. जाहिर है वे प्रधानमंत्री मोदी की हिदायत के हिसाब से सत्यापित भी किये होंगे - तभी जाकर मीडिया के साथियों को लीक किये होंगे. तस्वीर तो शाम तक ही साफ होगी और शपथग्रहण के बाद ही सामने आएगी, लेकिन अभी तक जो तस्वीर उभर रही है वो भी दिलचस्प है.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट में जिन सांसदों के नाम मंत्री पद के लिए देखने को मिल रहे हैं उनमें वे तो हैं जिनका मंत्री बनना पहले से ही पक्का मान कर चला जा रहा है, कुछ नये नाम भी देखने को मिल रहे हैं - लेकिन सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात है कुछ नामों का लापता सूची में होना?

नरेंद्र मोदी कैबिनेट 2.0 के संभावित साथी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल 2.0 में अमित शाह के शामिल होने को लेकर सस्पेंस खत्‍म हो गया है. गुजरात बीजेपी के अध्‍यक्ष जीतू वाघानी ने उन्‍हें मंत्री बनने की अग्रिम बधाई दे दी है. अरुण जेटली ने तो खुद ही अपना नाम वापस ले लिया था, लेकिन लोक सभा चुनाव न लड़ने वाली सुषमा स्वराज के पास फोन आया है. सुषमा स्वराज पूरे पांच साल विदेश मंत्री रही, हालांकि, उन्होंने लोक सभा चुनाव लड़ने से मना कर दिया था - लेकिन अब जबकि वो कैबिनेट का हिस्सा बनने जा रही हैं देखना होगा मंत्रालय वही रहता है या बदलता है.

कैबिनेट में स्मृति ईरानी को खास तवज्जो मिलनी चाहिये और मंत्री पद का फोन उनके पास भी आ ही चुका है. जब स्मृति ईरानी के लोक सभा चुनाव हार जाने पर भी HRD मंत्रालय जैसा महत्वपूर्ण विभाग मिला था, राहुल गांधी को अमेठी में हराने के बाद तो हक भी बनता है. एक बार विवाद होने पर स्मृति ईरानी को हटाकर मानव संसाधन मंत्रालय की जिम्मेदारी प्रकाश जावड़ेकर को दे गयी थी - और एक बार भी मंत्री पद का फोन उनके पास आ ही चुका है.

राजनाथ सिंह और नितिन गडकरी के पास फोन आने का मतलब तो यही हुआ कि उन्हें फिलहाल तो बीजेपी अध्यक्ष नहीं बनाया जा रहा है - और तस्वीर का दूसरा पहलू ये भी है कि अमित शाह के कैबिनेट में प्रवेश पर रहस्य और गहरा लगता है.

narendra modi, amit shah at rajghat before oath ceremonyमोदी मंत्रिमंडल में भी बीजेपी उम्मीदवारों की तरह काट-छांट के संकेत

पीयूष गोयल, निर्मला सीतारमन, रविशंकर प्रसाद, मुख्तार अब्बास नकवी, वीके सिंह और किरण रिजिजु की भी सीट फोन कॉल आने के साथ ही पक्की हो चुकी है. मुख्तार अब्बास नकवी के कैबिनेट में बने रहने से लगता है सैयद शाहनवाज हुसैन के लिए बीजेपी नेतृत्व ने कुछ और भी भूमिका लिख रखी है.

साध्वी निरंजन ज्योति, जितेंद्र सिंह, पुरुषोत्तम रुपाला, अर्जुन मेघवाल, संतोष गंगवार, राव इंद्रजीत सिंह, बाबुल सुप्रियो, डीवी सदानंद गौड़ा, किशन पाल गुज्जर और मनसुख मांडवीय ऐसे नाम हैं जिन्हें फोन से दोबारा मौका मिलने का मैसेज मिल चुका है.

कुछ ऐसे नेता भी हैं जिन्हें उनके काम के आधार पर मोदी सरकार 2 में मौका दिया जाने वाला है -

1. प्रहलाद जोशी - कर्नाटक के धारवाड़ से सांसद प्रहलाद जोशी को मंत्री पद ऑफर हुआ है. प्रह्लाद जोशी को पहले स्पीकर बनाये जाने की भी चर्चा रही. चार बार सांसद रहे प्रह्लाद जोशी कर्नाटक बीजेपी के अध्यक्ष भी रह चुके हैं.

2. जी. किशन रेड्डी - तेलंगाना की सिकंदराबाद संसदीय सीट से चुनाव जीतने वाले जी. किशन रेड्डी भी मंत्री बनने जा रहे हैं. अभी जी. किशन रेड्डी तेलंगाना बीजेपी के अध्यक्ष भी हैं.

3. सुरेश अंगदी - कर्नाटक से सांसद सुरेश अंगदी को भी मंत्री पद वाला फोन आया है. डीवी सदानंद गौड़ा और प्रह्लाद जोशी के बाद सुरेश अंगदी कर्नाटक से आने वाले तीसरे सांसद हैं जिन्हें कैबिनेट में जगह मिलने जा रही है.

4. रमेश पोखरियाल निशंक - रमेश पोखरियाल निशंक ने भी बताया है कि उन्हें प्रधानमंत्री से मुलाकात और फिर शपथग्रहण में उपस्थित रहने को कहा गया है. रमेश पोखरियाल उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. रमेश पोखरियाल कवि हैं और उनकी कई किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं.

5. नित्यानंद राय - नित्यानंद राय 2014 से सांसद हैं और इस बार उजियारपुर से उपेंद्र कुशवाहा को शिकस्त देकर चुनाव जीते हैं. उपेंद्र कुशवाहा चुनावों से पहले ही एनडीए छोड़ कर बिहार महागठबंधन में शामिल हो गये थे. नित्यानंद राय फिलहाल बिहार बीजेपी के अध्यक्ष हैं.

6. पी. रविंद्रनाथ कुमार - लोक सभा चुनाव में तमिलनाडु में AIADMK का खाता खोलने वाले एकमात्र सांसद पी. रविंद्रनाथ कुमार भी मोदी मंत्रिमंडल 2.0 का हिस्सा बनने जा रहे हैं. पी. रविंद्रनाथ कुमार तमिलनाडु के मौजूदा डिप्टी सीएम ओ. पन्नीरसेल्वम के बेटे हैं.

अब तक जिन्हें फोन का इंतजार है

मोदी सरकार में मंत्री रहे अभी ऐसे कई नेता हैं जिन्हें या तो फोन कर बुलाया नहीं गया है या फिर उन्होंने इस बात को गोपनीय रखा हुआ है. ये भी हो सकता है कि ये नेता अभी अपने स्तर पर फोन कॉल को सत्यापित ही कर रहे हों.

1. मोदी सरकार 1 में बेहद सक्रिय जेपी नड्डा और धर्मेंद्र प्रधान के पास मंत्री पद को लेकर फोन आने की सूचना नहीं मिली है. वैसे ये दोनों वे नाम हैं जिन्हें अमित शाह के मंत्री बनने पर बीजेपी का अध्यक्ष बनाये जाने की जोरदार चर्चा है.

2. मंत्रियों की संभावित सूची से मेनका गांधी का नाम भी गायब है. नेता चुने जाने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने नाम तो नहीं लिया था लेकिन बड़बोले नेताओं को चेतावनी देते हुए मेनका गांधी को भी मैसेज देने की कोशिश की थी. बेटे वरुण गांधी को पीलीभीत भेज कर खुद सुल्तानपुर से जैसे तैसे चुनाव जीतने में सफल हुईं मेनका गांधी के एक बयान पर काफी विवाद हुआ था जिसमें उन्होंने कहा था कि वो वोट नहीं देने वालों का काम नहीं करेंगी.

3. अब तक कृषि मंत्री रहे राधामोहन सिंह का नाम भी लापता सूची में पहुंचा लगता है. किसानों को लेकर राधामोहन सिंह के विवादित बयान और विभागीय कामों में भी ढीले-ढाले रहने के कारण हो सकता है ऐसा हुआ हो.

4. कांग्रेस छोड़ कर बीजेपी में शामिल रीता बहुगुणा जोशी को इलाहाबाद से टिकट दिया गया था और वो चुनाव जीत भी चुकी हैं. योगी सरकार में मंत्री रीता बहुगुणा जोशी को लोक सभा का टिकट दिये जाने के बाद उनके मंत्री बनने के कयास लगाये जा रहे थे.

5. प्रधानमंत्री मोदी के कट्टर समर्थक और विरोधियों को पाकिस्तान भेजने के पक्षधर गिरिराज सिंह का पत्ता भी लगता है मंत्री पद से कट गया है. गिरिराज सिंह बेगूसराय से सीपीआई के कन्हैया कुमार को हराकर चुनाव जीते हैं. लगता है, बीजेपी नेतृत्व द्वारा गिरिराज सिंह को नवादा से बेगूसराय शिफ्ट किये जाने का विरोध उनके लिए घाटे का सौदा साबित हो रहा है.

6. प्रधानमंत्री मोदी किसी भी मौके पर मनोज सिन्हा की तारीफ करना नहीं भूलते थे - और इसीलिए माना जा रहा था कि गाजीपुर से अफजाल अंसारी से चुनाव हार जाने के बावजूद उन्हें मंत्री पद से वंचित नहीं होना पड़ेगा. 2017 में तो मनोज सिन्हा को यूपी का मुख्यमंत्री बनना तय माना जा रहा था. वो बनारस में पूजा पाठ करते भी देखे गये - लेकिन ऐन मौके पर योगी आदित्यनाथ का नाम सामने आ गया.

7. ऐसे भी नाम हैं जो खुद को मंत्री पद का दावेदार मानते रहे होंगे, लेकिन कॉलिंग लिस्ट से उनके नाम गायब हैं. ये नेता हैं - राज्यवर्धन सिंह राठौर, हर्ष वर्धन, राजीव प्रताप रूडी, अनंत हेगड़े, जयंत सिन्हा, सुरेश प्रभु और महेश शर्मा.

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लेखक

मृगांक शेखर मृगांक शेखर @mstalkieshindi

जीने के लिए खुशी - और जीने देने के लिए पत्रकारिता बेमिसाल लगे, सो - अपना लिया - एक रोटी तो दूसरा रोजी बन गया. तभी से शब्दों को महसूस कर सकूं और सही मायने में तरतीबवार रख पाऊं - बस, इतनी सी कोशिश रहती है.

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