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Updated: 10 मार्च, 2021 11:00 PM
ज्योति गुप्ता
ज्योति गुप्ता
  @jyoti.gupta.01
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पश्चिम बंगाल में चुनावी बिगुल बज चुका (Bengal assembly election Live Update) है. सीएम ममता बनर्जी (Mamata Banerjee Profile) ने नंदीग्राम से नामांकन भी भर दिया है. आप Mamata Banerjee की राजनीति के बारे में शायद बहुत कुछ जानते होंगे लेकिन उनकी जिन बातों ने लोगों का दिल जीता है वह उनकी निजी जिंदगी (Mamata Banerjee lifestyle) से जुड़ी हुई हैं. आज ऐसे ही कुछ बातों के बारे में आपको बता रहे हैं.

1- लोगों को ममता बनर्जी की सबसे ज्यादा जो बात पंसद आती है वो उनकी सादगी. सीएम पद पर रहते हुए भी ममता को कभी श्रृंगार और गहनें पहने हुए नहीं देखा गया. उनकी सूती साड़ी और हवाई चप्पल की चर्चा अक्सर होती रहती है. सीएम ममता के पैतृक निवास में आज भी बारिश होने पर पानी भर जाता है. एक किस्सा आपको बताते हैं, एक बार जब पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी उनके घर गए थे तो वे उनकी सादगी देखकर दंग रह गए थे. उस समय ममता रेल मंत्री थीं. वहीं जमीन से जुड़ी रहने वाली ममता आज भी बीरभूमि में अपने मां के घर को याद करती हैं. वहां खेतों मे खेलना और धान के पौधे से गुलदस्ता बनाना आज भी याद है. ममता अपने स्वास्थ्य के लिए रोजाना 5 से 6 किलोमीटर पैदल चलती हैं.

 Mamata Banerjee simple Life, Mamata Banerjee Profile, Mamata Banerjee News, Bengal assembly election, Cm Mamata Banerjeeममता बनर्जी का सेल्स गर्ल से सीएम बनने तक का सफर आसान नहीं था

2- ममता बनर्जी को बंगाली लोक संस्कृति से बहुत प्यार है. वह एक कवि, एक संगीत प्रेमी, एक लेखिका, एक चित्रकार और प्रकृति से प्रेम करने वाली महिला हैं. उन्हें जब भी समय मिलता है वह हिमालय की तलहटी और मेदिनीपुर के जंगल में भ्रमण करने चली जाती हैं. मौका मिलने पर उन्हें चित्रकारी करते हुए भी देखा जाता है. वहीं अगर वह किसी ग्रामीण इलाके में जाती हैं को हस्तशिल्प जरूर खरीदती हैं. ऐसा माना जाता है कि ममता बनर्जी बुरे दौर में साथ देने वाले लोगों को कभी नहीं भूलतीं. ममता के राजनीति जीवन के सूत्रधार माने जाने वाले पूर्व कांग्रेसी सुब्रतो उनकी सरकार में आज मंत्री पर हैं. कवि होने के नाते अपने भाषण में कविताओं का लाइनों का इस्तेमाल कर विपक्ष को कड़ा मुकाबला देती हैं.

3- सीएम होने के बावजूद ममता बनर्जी खाने के मामले में काफी संजीदा है. इनका पसंदीदा भोजन फूला हुआ चावल, चॉकलेट,चाय, मुरमुरे और खास अवसर पर आलू के पकोड़े पसंद हैं. वहीं कई मौकों पर उन्हें खाना बनाते हुए भी देखा जाता है. एक ऐसा ही किस्सा 10 मार्च का है, जब ममता बनर्जी गायक बासुदेव बाउल के घर पहुंच गईं. अब इसमें खास बात यह है कि अमित शाह उसी दिन बाउल के घर भोजन पर गए थे. शाह के वहां से जाने के के बाद ममता बनर्जी भी वहां गईं और खाना बनाने लगीं. घूमते-घूमते ममता आदिवासियों के बीच पहुंच कर खाना बनाने लगीं. काली पूजा के अवसर पर ममता बनर्जी की प्रसाद बनाते हुए फोटो भी वायरल हुई थी. वहीं एक 2019 के आम चुनाव के समय दीघा में अचानक रुक कर चाय की दुकान पर गईं और चाय बनाने लगीं. ममता लोगों की भावनाओं को समझती हैं, इसलिए लोग उन्हें दीदी कहते हैं.

4- ममता की एक सबसे बड़ी खासियत है उनका राजनीति के प्रति समर्पण भाव. जब भी कोई राजनीतिक दिक्कत या परेशानी आती है तो वह खुद सीधे लोगों के बीच पहुंच जाती हैं. ना केवल वह लोगों की परेशानियों को सुनती हैं बल्कि उसका समाधान भी निकालती हैं। ऐसे में लोगों को उनसे इस अंदाज से जुड़ाव महसूस होता है. ऐसा नजारा लॉकडाउन में खूब देखने को मिला था. वह सोशल मीडिया पर खुद लोगों के सवाल का जवाब देती हैं. स्कूल के दिनों से ही ममता राजनीति में सक्रिय हो गईं थीं. ममता पहली महिला हैं जो रेल मंत्री बनी. उन्होंने 2011 में 34 साल से पश्चिम बंगाल की सत्ता पर राज करने वाले वामपंथी मोर्चे का सफाया किया. ममता का लोगों पर प्रभाव को इस बात से भी समझा जा सकता है कि 2012 में ‘टाइम’ मैगजीन ने उन्हें ‘विश्व के 100 प्रभावशाली’ लोगों की सूची में जगह दिया.

5- ममता बनर्जी को करीब से जानने वाले लोग बताते हैं कि उनका बचपन काफी दुख और परेशानियों में गुजरा. जब ममता बहुत छोटी थीं तभी उनके पिता का निधन हो गया था. घर का खर्च चलाने के लिए उन्होंने दूध बेचने तक का काम किया. राजनीति में कदम रखने से पहले ममता ने स्टेनोग्राफर, प्राथमिक स्लूक शिक्षक, प्राइवेट ट्यूटर और सेल्स गर्ल तक का काम किया है. कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि गरीबी में जीवन बिताने वाली ममता गरीबों के दुख दर्द को भली भांति जानती हैं, इसलिए उन्हें जमीन से जुड़ा हुआ माना जाता है. कई बार ममता गरीबों की मदद के लिए लोगों के बीच आती हैं. उनका यह अंदाज लोगों को खूब पसंद आता है. यही सारी बातें हैं जिनकी वजह से लोगों को ममता बनर्जी से जुड़ाव महसूस होता है.

वरना नेता और मंत्री का पद तो बदलते रहता है, लेकिन कुछ नेताओं में ऐसी बात होती है कि वो लोगों के दिलों में घर कर जाते हैं. एक बात और ममता बनर्जी की शादी और उनके पति को सर्च करने वाले लोग यह समझ जाएं कि वे स्वभाव से बागी किस्म की हैं. शादी के बाद महिलाओं की हालत से उनका इत्तेफाक नहीं था. ममता ने जिंदगी भर समाज की सेवा का वचन लिया था. समाजसेवा के लिए उन्होंने कभी शादी नहीं की.

लेखक

ज्योति गुप्ता ज्योति गुप्ता @jyoti.gupta.01

लेखक इंडिया टुडे डि़जिटल में पत्रकार हैं. जिन्हें महिला और सामाजिक मुद्दों पर लिखने का शौक है.

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