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Updated: 16 जुलाई, 2019 05:01 PM
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जासूसी के आरोप में पाकिस्तानी जेल में बंद Kulbhushan Jadhav पर 17 जुलाई को अंतराष्ट्रीय न्यायालय ICJ अपना फैसला सुनाएगा. संयुक्त राष्ट्र की अदालत आईसीजे ने 4 जुलाई गुरुवार को ये घोषणा करते हुए कहा कि “द हेग स्थित पीस पैलेस में दोपहर 3 बजे एक पब्लिक सिटिंग होगी जिसमें न्यायाधीश अब्दुलकवी अहमद यूसुफ अदालत के फैसले को पढ़ेंगे”. अदालत के इस फैसले को दोनों देश भारत-पाकिस्तान अपनी कूटनीतिक जीत के तौर पर देख रहे हैं क्योंकि अदालत के फैसले में कुलभूषण जाधव का भविष्य निर्णय करता है.

मामला दरअसल 3 मार्च 2016 का है जब पाकिस्तानी सुरक्षाबलों ने कुलभूषण जाधव को बलूचिस्तान प्रांत से गिरफ्तार कर लिया था. पाकिस्तान का कहना है कि कुलभूषण ईरान से पाकिस्तान में घुसे थे, लेकिन भारत ने पाकिस्तान के इन सारे दावों को खारिज कर दिया. पाकिस्तान का आरोप है कि कुलभूषण जाधव भारत के जासूस हैं और उन्होंने पाकिस्तान में जासूसी की थी और आंतकवाद फैलाया था. पाकिस्तानी अदालत के इस फैसले को भारत ने 10 मई 2017 को अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट में चुनौती दी. ICJ की 10 सदस्यीय खंड पीठ ने 18 मई 2017 को अपने फैसले में पाकिस्तान को मामले में निर्णय आने तक जाधव को सजा न देने को कहा था.

kulbhushan jadhavपाकिस्तान का आरोप है कि कुलभूषण जाधव भारतीय जासूस हैं

कौन है कुलभूषण जाधव?

16 अप्रैल 1970 में महाराष्ट्र के सांगली में जन्मे कुलभूषण जाधव उर्फ़ हुसैन मुबारक पटेल भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी हैं, जिसे पाकिस्तानी सेना ने 3 मार्च 2016 को पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत से गिरफ्तार कर लिया था. पाकिस्तान के मुताबिक जाधव भारत के नागरिक होने के साथ भारतीय खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के कर्मचारी हैं. लेकिन भारत का कहना है कि नौसेना से रिटायर होने के बाद कुलभूषण जाधव ने ईरान में अपना कारोबार शुरू किया था. पाकिस्तान का कहना है कि 29 मार्च 2016 को उसने कुलभूषण को बलूचिस्तान से गिरफ्तार किया जबकि भारत का कहना है कि कुलभूषण को ईरान से गिरफ्तार किया गया.

भारत की प्रतिक्रिया

कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान में गिरफ्तार किए जाने का भारत पुरजोर तरीके से विरोध करता आ रहा है. भारत का कहना है कि जाधव अपने बिज़नेस के काम से ईरान में था और पाकिस्तान ने उसे ईरान से गिरफ्तार किया है. भारत ने इसे विएना संधि का उल्लंघन बताते हुए पाकिस्तान से जाधव को लौटाने की बात भी की थी, लेकिन पाकिस्तान ने भारत का प्रस्ताव ठुकरा दिया और कुलभूषण को रिहा करने से मना कर दिया. 10 अप्रैल 2017 को पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने जाधव को फांसी की सजा सुनाई, जिसके बाद 10 मई 2017 को भारत जाधव की फांसी के फैसले के खिलाफ इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस पहुंचा.

kulbhushan jadhavनौसेना से रिटायर होने के बाद कुलभूषण जाधव ने ईरान में अपना कारोबार शुरू किया था

क्या है वियना संधि?

आजाद और संप्रभु देशों के बीच आपसी राजनयिक संबंधो को लेकर सबसे पहले 1961 में वियना कन्वेंशन हुआ था. इसके तहत एक ऐसे अंतर्राष्टरीय संधि का प्रावधान किया गया जिसमें राजनयिकों को विशेष अधिकार दिये गये. इसके दो साल बाद 1963 में संयुक्त राष्ट्र संघ ने इसी संधि से मिलती जुलती एक और संधि का प्रावधान किया. इस संधि को ‘वियना कन्वेंशन ऑन कांसुलर रिलेशंस’ के नाम से जाना जाता है. वर्ष 1963 में हुई थी वियना संधि की शुरुआत. इस संधि का ड्राफ्ट इंटरनेशनल लॉ कमीशन ने तैयार किया था और 1964 में यह संधि लागू हुआ. वियना संधि के मुताबिक़ राजनयिकों को गिरफ़्तार नहीं किया जा सकता है और न ही उन्हें किसी तरह की हिरासत में रखा जा सकता है. भारत ने आईसीजे में इसी जाधव का मामला इसी संधि के तहत उठाया है. इस संधि पर अभी तक 179 देश सहमत हो चुके हैं.

पाकिस्तान का जाधव के परिवार पर इमोशनल अत्याचार

पाकिस्तान में जाधव के गिरफ़्तारी के कुछ दिन बाद वहां के सैन्य अधिकारी ने एक वीडियो जारी किया था जिसमे कुलभूषण जाधव ये कहते नजर आये थे कि वो 2001 तक इंडियन नेवी में रहे और भारत में हुए पार्लियामेंट अटैक के बाद डोमेस्टिक इंटेलिजेंस जुटाई. पाकिस्तानी वीडियो के मुताबिक उन्होंने 2003 में इंडियन इंटेलिजेंस सर्विस ज्वाइन की. पाकिस्तान के एक अफसर ने वीडियो दिखाते हुए कहा था कि जाधव ईरान से बलूचिस्तान में टेररिस्ट एक्टिविटीज को बढ़ावा दे रहा था. वीडियो में दिख रहे जाधव के बयान के मुताबिक, वे 2013 में रॉ में आए. ईरान के चाबहार इलाके में 10 साल पहले रॉ का बेस बनाया. कराची और बलूचिस्तान का दौरा किया. हालांकि भारत ने जब इस वीडियो की पड़ताल की तो उस वीडियो में बहुत सारे कट पाए गए थे जिसके बाद भारत के विदेश सचिव ने इस वीडियो को झूठा और फर्जी बताया था. पाकिस्तान की इस हरकत के बाद ये साफ हो गया था कि पाकिस्तान का जाधव के ऊपर ये इमोशनल अत्याचार है.

पत्नी और मां के उतरवा दिए जूते, चूड़ी और मंगलसूत्र

पाकिस्तान का अमानवीय चेहरा उस वक़्त पूरे विश्व के सामने आ गया, जब जाधव से मिलने गईं उनकी मां और पत्नी की मुलाकात के दौरान जाधव को मराठी में बात नहीं करने दी गई. हद तो तब हो गयी जब दोनों महिलाओं के कपड़े बदलवा दिए गए. यहां तक कि उसकी मां और पत्नी के जूते, चूड़ी और मंगलसूत्र तक उतरवा दिए गए थे. जिसके बाद भारत के पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कड़ी आपत्ति जताई थी. भारत की आपत्ति के बाद पाकिस्तान की तरफ से ये दलील दी गई कि जाधव की पत्नी के जूते में कुछ था इसलिए सुरक्षा के आधार पर जूते जब्त किए गए थे. इसे पाकिस्तान का जाधव के परिवार के साथ इमोशनल अत्याचार ही कहेंगे जब जाधव के साथ उसकी मां और पत्नी की मुलाकात के दौरान दोनों के बीच में मोटा शीशा भी लगा दिया. हालांकि. उसके तुरंत बाद पाकिस्तान ने सफाई दी और कहा कि भारत, जाधव की पत्नी और मां से मुलाकात के 24 घंटे के बाद आधारहीन आरोप लगा रहा है. पाक के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि जाधव की पत्नी को दूसरे जूते प्रदान किए गए थे और उनके सभी गहनों को वापस लौटा दिया गया था. प्रवक्ता ने कहा कि जाधव की मां ने मानवता के आधार पर पाकिस्तान को धन्यवाद कहा था जो मीडिया द्वारा भी दर्ज किया गया था. इस मुद्दे पर अब कुछ कहने की आवश्यकता नहीं है.

kulbhushan jadhav मां और पत्नी से मुलाकात तो करने दी गई लेकिन बीच में शीशे की दीवार थी

कुलभूषण जाधव के केस से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण तारीखें

3 मार्च 2016- पाकिस्तान ने भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को गिरफ्तार किया.

24 मार्च 2016- पाक सेना का दावा, जाधव रॉ एजेंट. पाक-ईरान बॉर्डर से किया गिरफ्तार

26 मार्च 2016- पाक ने भारतीय हाई कमिश्नर को समन जारी कर, विरोध जताया. पाक का आरोप था कि बलूचिस्तान और कराची में रॉ अधिकारी का अवैध दखल.

29 मार्च 2016- पाकिस्तान ने जाधव का आरोप स्वीकराते हुए वीडियो जारी किया.

अप्रैल 2016- आतंकवाद फैलाने के आरोप में बलूचिस्तानी सरकार ने जाधव के खिलाफ केस दर्ज किया.

7 दिसम्बर 2016- पाक प्रधानमंत्री के सलाहकार ने माना, जाधव के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं है.

3 मार्च 2017- पाक प्रधानमंत्री के सलाहकार का पुराने बयान से यू-टर्न. जाधव के भारत को सौपने से किया इंकार. तब भारत ने चेताया कि विदेशी नागरिक की गिरफ्तारी पर पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन करे.

10 अप्रैल 2017- पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने जाधव को फांसी की सजा सुनाई.

10 मई 2017- जाधव की फांसी के फैसले के खिलाफ इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस पहुंचा भारत.

15 मई 2017- ICJ में भारत ने कुलभूषण जाधव की तत्काल फांसी रोकने की मांग की. भारत के तरफ से वकील हरीश साल्वे ने इसे जेनेवा कन्वेंशन का उल्लंघन बताते हुए कहा की जाधव को फांसी नहीं दी जा सकती.

18 मई 2017- ICJ ने जाधव की फांसी पर रोक लगाई और पाकिस्तान सरकार को ये आदेश दिया कि फैसला होने तक जाधव को फांसी नहीं होगी.

18 फरवरी 2019- भारत-पाकिस्तान के बीच ICJ में जाधव केस की दोबारा सुनवाई शुरू. जज ने 17 जुलाई 2019 तक फैसला सुरक्षित रखा.

कंटेंट- अमित प्रकाश (इंटर्न- रिसर्च, आज तक)

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