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Updated: 01 मई, 2023 05:29 PM
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विगत दिनों ही किसी महान नेता ने दम भरा था, 'नफ़रत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोल रहा हूं!' परंतु उन्होंने शायद शर्तें लागू भी फुसफुसाया था उसी तर्ज पर जिस पर ना पढ़ने में आने वाले फॉन्ट में 'conditions apply' की जाती हैं. और वह सार्वभौमिक शर्त चुनाव के दौरान नफरत का बाजार सजाने की छूट देती है. वैसे चुनाव के दौर में सियासी बिगड़े बोल कोई नई बात नहीं है. चर्चा में बने रहने के लिए ही सही, राजनेताओं के विवादित बयान गाहे बगाहे सामने आ ही जाते हैं. लेकिन यह भी सही है कि शब्द आवाज नहीं करते, पर इसके घाव बहुत गहरे होते हैं; इनका असर भी दूर तक पहुंचता है और देर तक रहता भी है. तमाम नेतागण भी इस बात को भली भांति समझते हैं, इसके बावजूद मुई जुबान है कि जहरीले बोल उगल ही देती है. कांग्रेस प्रेसिडेंट खड़गे ने कर्नाटक में प्रधानमंत्री मोदी को लेकर जो कुछ कहा उसके अगले दिन कर्नाटक के ही यतनाल से बीजेपी विधायक बसंगौड़ा ने सोनिया गांधी को लेकर उतनी ही आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी.सवाल है क्या पब्लिक लाइफ में की जा रही ऐसी टिप्पणियों को हेट स्पीच के दायरे से सिर्फ इसलिए बाहर रखा जा सकता है क्योंकि प्रथम तो वे चुनावी माहौल की गरमाहट में की गई है और दूजे वे सांप्रदायिक नहीं है ? चूंकि हमारे देश में साल भर कहीं न कहीं चुनाव की सरगर्मियां बनी ही रहती है, ऐसी टिप्पणियों का सिलसिला थमता ही नहीं. सो स्पष्ट हुआ चुनावी माहौल की बिना पर डिस्काउंट नहीं दिया जाना चाहिए.

Mallikarjun Kharge, Congress, Statement, Karnataka, Assembly Elections, Prime Minister, Narednra Modi, BJPमल्लिकार्जुन खड़गे का बयान कर्णाटक चुनाव में कांग्रेस को मुसीबत में डाल सकता है

अब आएं इस सवाल पर कि क्या की गई टिप्पणी देश के किसी धर्म, जाति, समुदाय को टारगेट कर की गई है जिससे राष्ट्र के धर्मनिरपेक्ष चरित्र को धक्का पहुंचा है? और राजनेताओं को इसी बात पर डिस्काउंट मिल जाता है. लेकिन मल्लिकार्जुन खड़गे को डिस्काउंट कैसे दिया जाए ? जब वे सफाई देते हैं कि उनकी टिप्पणी बीजेपी और आरएसएस की विचारधारा पर थी प्रधानमंत्री मोदी पर नहीं, वे उस विचारधारा पर, जिसे देश का एक बहुत बड़ा वर्ग मानता है, हेट स्पीच ही तो दे रहे थे. यदि पिछले दस सालों से जनता ने सत्ता इस विचारधारा को सौंपी हैं, विरोध करने के लिए खड़गे कैसे आपत्तिजनक शब्दों का सहारा लेकर विष वमन कर सकते हैं ?

वो तो भला हो बीजेपी के बसंगौड़ा का कि उन्होंने सोनिया जी को टारगेट कर एक प्रकार से टिट फ़ॉर टैट करते हुए मामले को कूल सा कर दिया और बहुत हद तक कांग्रेस के सेल्फ गोल की भरपाई भी कर दी ! कल शुक्रवार के दिन ही सुप्रीम कोर्ट ने अपने पूर्व के कुछ राज्यों के लिए दिए गए दिशा निर्देशों को व्यापकता देते हुए समस्त राज्यों को हेट स्पीच पर स्वतः संज्ञान लेते हुए सख्त कार्यवाही करने के लिए कहा है. चिंता की बात यह है कि पहले नेता ऐसे वक्तव्य देते हैं और विवाद बढ़ता देख बाद में भाव,आशय, भाषा के अपभ्रंश और न जाने क्या क्या और किस किस का विक्टिम कार्ड प्ले करते हुए कन्नी काटते हैं, अपने कहे को 'अनकहा' बताने का सफल असफल प्रयास करते हैं !

शुद्ध माफ़ी भी नहीं मांगते, 'माफीवीर' कहलाना उनके लिए तज्य जो है, उनकी तौहीन है ; जबकि "क्षमा वीरस्य भूषणम" कहा गया है जिसके तहत 'अनजाने में भी किसी का दिल दुखाया हो, ठेस पहुंचे हो ' के लिए भी भाव है. वोट के लिए धर्म, संप्रदाय , जाति, समाज किसी को भी नहीं छोड़ा जा रहा. पार्टी कोई सी भी हो, चुनावी सभाओं में नेता अपने विरोधियों के खिलाफ जहर उगलने से नहीं चूकते. नेता चाहे सत्ता पक्ष से जुड़े हों या प्रतिपक्ष से, अक्सर भाषण में हदें पर कर देते हैं. शीर्ष न्यायालय के समय समय पर दिए गए निर्देशों की भी इन्हें परवाह नहीं होती.

शीर्ष न्यायालय ने पिछले दिनों ही चुनाव आयोग को मजबूती प्रदान करते हुए उसे अपनी ताकत का भी एहसास कराया है. कोर्ट ने तो यहां तक कहा कि कुछ गलत होने पर उसे प्रधानमंत्री के खिलाफ कार्यवाही करने से भी नहीं हिचकना चाहिए. लेकिन कर्नाटक में जो कुछ हो रहा है, चुनाव आयोग यदि सख्त हो जाए तो किसकी मजाल है कि भरी सभाओं में कोई भी जहर उगलती भाषा बोले ? परन्तु सौ बातों की एक बात है कि नेताओं को पब्लिक लाइफ में रहने की आचरण संहिता स्वयं ही तैयार कर लेनी चाहिए, वरना जनता तो है ही उन्हें सबक सिखाने के लिए।  पूर्व में भलिभांति सिखाया भी है.

लेखक

prakash kumar jain prakash kumar jain @prakash.jain.5688

Once a work alcoholic starting career from a cost accountant turned marketeer finally turned novice writer. Gradually, I gained expertise and now ever ready to express myself about daily happenings be it politics or social or legal or even films/web series for which I do imbibe various  conversations and ideas surfing online or viewing all sorts of contents including live sessions as well .

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