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Updated: 13 सितम्बर, 2016 04:39 PM
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मान न मान मैं तेरा मेहमान. हाथ ने डंडा लेकर तमिल और कन्नड़ लोगों को हड़काने में जुटे हैं जस्टिस काटजू. काटजू ललकार रहे हैं जिसमें ज्यादा हिम्मत हो उनके पास आए. निहत्थे तमिल या कन्नड़ लोगों पर अपनी मर्दानगी दिखाने वालों को ट्वीट कर हड़का रहे हैं.

काटजू के ट्वीट दहाड़ रहे हैं कि 'मैंने कावेरी के पानी से भिगा कर एक डंडा हाथ में ले रखा है. जिसे निपटना हो उनके पास आए. वो पिछवाड़ा लाल कर देंगे तमिल और कन्नड़ गुंडों का.'

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कावेरी विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जिस तरह दोनों राज्यों के असामाजिक तत्वों ने अपने अपने राज्य की भक्ति के नाम पर जो हंगामा किया उसे देखते ही काटजू के डंडे का रुख और जबान दोनों बदल गए. कुछ घण्टे पहले तक यही डंडा लेकर काटजू गोरक्षकों को ललकार रहे थे. खुद को गोमांस भक्षक बता कर विरोध करने वालों का डंडा मार मार कर पिछवाड़ा लाल करने की बात कर रहे थे.

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कावेरी विवाद: हिंसा पर उतारू लोगों से नाराज हैं काटजू

जैसे ही बात कावेरी विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर तमिल कन्नड़ भिड़ंत की आई, काटजू ने भी नेताओं की तरह अपना बयान कट पेस्ट कर उधर चेप दिया. काटजू अब भी ये स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं कि वो आउटडेटेड हो चुके हैं.

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जो डंडा लेकर काटजू बैठे हैं उसे ही वे अब तक न्यायदण्ड माने बैठे हैं. कब अपने आपको समझा पाएंगे कि जजशिप की ट्रेन में उनका सफर खत्म हो चुका है. अर्से पहले ट्रेन उन्हें प्लेटफार्म पर उतार कर निकल चुकी है. वो शतरंज की बाजी कब की खत्म हो चुकी जिसमें वो कभी बादशाह का चोला पहनते थे. अब तो सभी मोहरे एक ही पोटली में बंद हैं. क्या बादशाह, क्या वज़ीर और क्या प्यादा..पर मुझे मालूम है काटजू नहीं मानेंगे कि बाज़ी वाकई उठ चुकी है... या वो अकेले डंडा लेकर बैठे हैं या फिर ट्रैन उन्हें अकेला प्लेटफार्म पर उतार कर चली गई....

लेखक

संजय शर्मा संजय शर्मा @sanjaysharmaa.aajtak

लेखक आज तक में सीनियर स्पेशल कॉरस्पोंडेंट हैं.

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