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Updated: 22 जुलाई, 2018 12:01 PM
आलोक रंजन
आलोक रंजन
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पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को करप्शन के केस में 10 साल की सजा हुई है, फिलहाल वे जेल में है. नवाज़ शरीफ के जेल जाते ही पाकिस्तान में लोगों के दिमाग में ये संशय उठने लगा कि कहीं ये पाकिस्तानी सेना के इशारे पर तो नहीं हुआ है. आशंका उठना लाजिमी था क्योंकि कई न्यूज़ रिपोर्ट्स के अनुसार सेना, इमरान खान को प्रधानमंत्री बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है. लेकिन इसके बावजूद इमरान खान जिन्होंने चुनाव में करप्शन को मुख्य मुद्दा बनाया है उनकी स्थिति पूरी तरह से सुरक्षित नहीं हैं.

imran khanइमरान खान की जीत को मुश्किल बना सकती हैं कई बातें

हालांकि हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि वो अपनी जीत को लेकर पूरी तरह आश्वस्त हैं. साथ ही उन्होंने इन आरोपों को भी खारिज कर दिया कि पाकिस्तान की सरकार सेना के सपोर्ट से ही चलती हैं. जेल जाकर नवाज शरीफ ने सेना के खिलाफ डटे रहने का भी मैसेज दिया है. पाकिस्तान से जो रिपोर्ट्स आ रही हैं उसमें इमरान खान का पलड़ा भारी बताया जा रहा है, लेकिन उनकी पार्टी के लिए जीत इतनी आसान भी नहीं होगी.

1. नवाज़ शरीफ की पार्टी को मिल सकता है इमोशनल वोट

कुछ विश्लेषकों का मानना है कि जिस तरह से दिसंबर 2007 में बेनजीर भुट्टो की हत्या के बाद फरवरी 2008 में हुए चुनाव में पाकिस्तान की जनता ने भारी तादाद में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी को वोट दिया था, उसी तरह नवाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग, पीएमएल (एन) को भी उनकी गिरफ्तारी से बड़ा सियासी फायदा हो सकता है और 25 जुलाई को होने वाले चुनाव में उनकी पार्टी की झोली में काफी मात्रा में वोट आ सकते हैं. नवाज़ शरीफ जिस तरह से लन्दन में कैंसर से जूझ रही अपनी पत्नी को वेंटीलेटर पर छोड़ कर आए हैं, उसे भी एक बड़ा कदम बताया गया है और कई तो इसे सियासी जुए की तरह देख रहे हैं. इलेक्शन से पहले पाकिस्तान में हुए कई सर्वे में पीएमएल (एन) को इमरान खान की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ से आगे दिखाया गया है.

2. पूर्व-पत्नी रेहम खान द्वारा लगाए गए गंभीर आरोप

पाकिस्तान चुनाव से पहले इमरान खान की पूर्व पत्नी रेहम खान ने अपनी किताब के द्वारा उनपर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. इस किताब ने चुनाव से पहले इमरान को लेकर विवादों का तूफान खड़ा कर दिया है. किताब में उन्होंने लिखा है कि इमरान खान ड्रग्स लेते हैं. साथ ही उनके कई नाजायज बच्चे भी हैं. जाहिर सी बात है चाहे रेहम खान के दावों में सच्चाई हो या ना हो, पाकिस्तान के वोटरों में इमरान खान के विरुद्ध आशंका जरूर पैदा कर दी है.

3. ग्लोबल आतंकवादी द्वारा उनकी पार्टी को समर्थन

हरकत-उल-मुजाहिद्दीन के संस्थापक और अमेरिका द्वारा ग्लोबल आतंकवादी घोषित फजलुर रहमान खलील ने कहा है कि वह इमरान खान की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ को आगामी आम चुनाव में समर्थन करेंगे. इमरान खान के करीबी माने जाने वाले असद उमर ने कुछ समय पहले ही फेसबुक पोस्ट में खलील के तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी में शामिल होने की बात कही थी. इमरान खान आतंकवाद के विरुद्ध बोलते आये हैं और अपने देश में होने वाली कई आतंकवादी घटनाओं की उन्होंने कड़ी निंदा की है. लेकिन जिस तरह से एक ग्लोबल आतंकवादी द्वारा उनको सपोर्ट करने की खबर आयी है वहां की आवाम में उनके स्टैंड को लेकर अनिश्चितता पनपी है, जो आने वाले चुनाव के दौरान उनके खिलाफ जा सकती है. लोगों का ये भी मानना है कि अगर चुनाव में इमरान को जीत मिलती है तो अन्य कट्‌टरपंथी नेता और दूसरे आतंकवादी संगठन भी उनके समर्थन में आ सकते हैं.

4. इमरान की छवि साफ है लेकिन उनके सहयोगियों की नहीं

इमरान खान को साफ-सुथरा करप्शन फ्री राजनेता माना जाता है लेकिन उनके कुछ राजनीतिक सहयोगियों और दलों पर ये आरोप लगाया जाता है कि जिस भ्रष्टाचार का आरोप वे अपने प्रतिद्वंद्वियों पर लगाते हैं उनसे उनके ये सहयोगी खुद अछूते नहीं हैं. ऐसे में नैतिकता का पाठ देना बेमानी हैं. कुछ का तो यह भी मानना है कि वह कभी भी सरकार में नहीं रहे हैं और उनमें अनुभव की भी कमी है.

5. पीएमएल (एन) की पंजाब प्रान्त में पकड़

नवाज़ शरीफ की पार्टी पीएमएल (एन) की पकड़ अभी भी पंजाब में बरकरार हैं. नेशनल असेंबली की कुल 141 सीट यहां से हैं. पाकिस्तानी सत्ता के गलियारों में ये चर्चा हमेशा रहती हैं कि इस्लामाबाद में सत्ता स्थापित करने का रास्ता पंजाब से ही होकर जाता है. हाल ही में एक सर्वे में ये बताया गया कि नवाज़ शरीफ में लगे करप्शन के आरोप के बावजूद वहां की जनता पीएमएल (एन) पार्टी में अभी भी भरोसा करती है. नवाज़ शरीफ के भाई शहबाज़ शरीफ पंजाब प्रान्त के सीएम हैं और वर्त्तमान में पीएमएल (एन) के अध्यक्ष हैं और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद के भी प्रमुख दावेदार हैं. उनकी छवि लोगों में काफी पॉजिटिव है और इसी कारण कुछ समीक्षक इमरान खान के मुक़ाबले पीएमएल (एन) को मुख्य दावेदार मान रहे हैं.

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लेखक

आलोक रंजन आलोक रंजन @alok.ranjan.92754

लेखक आज तक में सीनियर प्रोड्यूसर हैं.

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