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लोकतंत्र की रक्षा करने का ममता बनर्जी का तरीका सबसे ज्यादा अलोकतांत्रिक है!
ममता बनर्जी आए दिन लोकतंत्र की बात करती नजर आती हैं. वह बार-बार कहती हैं कि मोदी सरकार लोकतंत्र और संविधान के लिए खतरा है, लेकिन खुद ही ऐसे काम कर रही हैं, जो पूरी तरह से अलोकतांत्रिक हैं.
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'हाउ इज द खौफ?' यानी 'डर कैसा है?' यही पूछा है भाजपा ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से. दरअसल, ममता बनर्जी बंगाल में भाजपा की कोई रैली नहीं होने दे रही हैं. इस पर भाजपा का मानना है कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की सरकार लोकसभा चुनावों से पहले डरी हुई है. यही वजह है कि न तो वह किसी भाजपा नेता का हेलिकॉप्टर उतरने दे रही हैं, ना ही उसे रैली की इजाजत दी जा रही है. ताजा मामला मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का है, जिन्हें पश्चिम बंगाल में न तो हेलिकॉप्टर उतारने की इजाजत मिली है, ना ही रैली करने की मंजूरी दी गई है. ऐसा पहली बार सुनने को मिल रहा है कि किसी राज्य में विपक्षी पार्टी को रैली तक करने की इजाजत नहीं मिल रही हो.
ममता बनर्जी आए दिन लोकतंत्र की बात करती नजर आती हैं. वह बार-बार कहती हैं कि मोदी सरकार लोकतंत्र और संविधान के लिए खतरा है. लेकिन खुद ही ऐसे काम कर रही हैं, जो पूरी तरह से अलोकतांत्रिक हैं. लोकतंत्र में सबको बोलने का हक होता है, भले ही वह एक आम आदमी हो या फिर कोई राजनीतिक पार्टी. और इस समय तो लोकसभा चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं तो ऐसे में राजनीतिक पार्टियां रैली तो करेंगी ही, लेकिन ममता बनर्जी ने तो जैसे पश्चिम बंगाल में भाजपा पर बैन ही लगा दिया है.
लोकतंत्र की बात करने वाली ममता बनर्जी का रवैया चुनाव से पहले बेहद अलोकतांत्रिक हो गया है.
शिवराज की बंगाल में 'नो एंट्री'
ममता बनर्जी और भाजपा के बीच मतभेद आए दिन बढ़ते ही जा रहे हैं. हाल ही में मिली जानकारी के अनुसार शिवराज सिंह को भी बंगाल में घुसने की इजाजत नहीं है. शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि 6 फरवरी को बेरहामपुर में उनकी रैली होनी थी, लेकिन उन्हें सूचना दी गई है कि न तो पश्चिम बंगाल में उनके हेलिकॉप्टर को उतरने की इजाजत मिली है ना ही रैली करने की मंजूरी दी गई है.
वंदेमातरम् की धरती को यह क्या हो गया! क्यों यहां लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा है। सभा करने की अनुमति नहीं दी जा रही है, जबकि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सामान्य व्यक्ति को भी हमारा संविधान देता है। सुश्री ममता बैनर्जी चाहे जितनी कोशिश कर लें, बंगाल में जीत लोकतंत्र की होगी। pic.twitter.com/ET6c70GLGk
— ShivrajSingh Chouhan (@ChouhanShivraj) February 5, 2019
हेलिकॉप्टर रोका तो सड़क से गए योगी
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार को ही पश्चिम बंगाल के बालुरघाट और रायगंज में रैली करने जाने वाल थे, लेकिन न तो उनके हेलिकॉप्टर को लैंड करने की इजाजत दी गई ना ही उन्हें रैली करने की मंजूरी मिली. दरअसल, पहले इजाजत दी गई थी, लेकिन अचानक ही बिना कोई नोटिस दिए रैली की इजाजत को खारिज कर दिया. इसके बाद योगी आदित्यनाथ ने फोन के जरिए लोगों को संबोधित किया. इस मामले को लेकर भाजपा और ममता के बीच में तनातनी हुई पड़ी है.
हेलिकॉप्टर को लैंड करने की इजाजत नहीं मिलने पर भाजपा ने एक नया प्लान बनाया. अब सीएम योगी पहले विमान से रांची गए, वहां से हेलिकॉप्टर से बोकारो पहुंचे और अब सड़क के रास्ते से बंगाल के पुरुलिया पहुंचे, जहां रैली की.
दो बार रोका अमित शाह का हेलिकॉप्टर
इससे पहले पश्चिम बंगाल के झारग्राम में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के हेलिकॉप्टर को उतारने की इजाजत नहीं दी गई थी. ये लगातार दूसरी बार था, जब अमित शाह के हेलिकॉप्टर को बंगाल में लैंडिंग की इजाजत नहीं मिली थी. इससे पहले मालदा में भी ऐसा ही हुआ था.
शाहनावाज हुसैन को भी इजाजत नहीं
यही नहीं, पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में भाजपा के वरिष्ठ नेता शाहनवाज हुसैन की रैली होनी थी, लेकिन उन्हें भी रैली की इजाजत नहीं मिली है. सरकार का कहना है कि भाजपा ने पेपरवर्क पूरा नहीं किया और भाजपा का आरोप है कि ममता सरकार भाजपा को बंगाल में ब्लॉक करने पर तुली हुई है. हालांकि, शाहनवाज ने कहा है कि वह ममता सरकार से डरेंगे नहीं और मुर्शिदाबाद जाएंगे. वह कहते हैं कि बंगाल में इन दिनों जंगलराज चल रहा है.
पश्चिम बंगाल में भाजपा और ममता के बीच की लड़ाई लगातार बढ़ती ही जा रही है. जहां एक ओर भाजपा का आरोप है कि ममता सरकार उन्हें रैली करने से रोक रही है, वहीं ममता बनर्जी का दावा है कि किसी को भी रोका नहीं गया है. इजाजत नहीं मिलने की वजह ये है कि उन्हें रैली की इजाजत मांगने में देरी की है. खैर, ये तो लगभग साफ-साफ दिख रहा है कि ममता बनर्जी भाजपा को रोकने की कोशिश कर ही रही हैं. पूरा विपक्ष पहले ही रैली में भाजपा हटाओ का नारा लगा चुका है. लेकिन सवाल ये है कि क्या इस चुनावी रण में ममता बनर्जी बिना विरोधी के ही उतरना चाहती हैं? यानी चित भी मेरी और पट भी मेरी. खैर, भाजपा मान रही है कि ममता बनर्जी जितना अधिक उन्हें रोकने की कोशिश करेंगी, पश्चिम बंगाल में उनकी प्रसिद्धि उतनी ही अधिक बढ़ेगी.
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