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Updated: 12 दिसम्बर, 2022 04:36 PM
मृगांक शेखर
मृगांक शेखर
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गुजरात के लोगों ने अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय राजनीतिक दल के लायक जरूर बना दिया है, लेकिन अब वहीं एक बुरी खबर भी आयी है - एमसीडी चुनाव में बीजेपी को पछाड़ देने के बाद से ही अरविंद केजरीवाल को ऑपरेशन लोटस (Operation Lotus) का डर सताने लगा था. दिल्ली में तो वैसा कुछ नहीं हुआ है, लेकिन गुजरात में उसकी एक तो झलक देखने को मिल ही गयी है.

गुजरात में अरविंद केजरीवाल की पार्टी ने 5 सीटें तो जीत ली, लेकिन सवा सौ सीटों पर जमानत जब्त हो गयी. देखा जाये तो भारी नुकसान के बावजूद अरविंद केजरीवाल गुजरात में फायदे में ही रहे, लेकिन ज्यादा फायदा दिल्ली में मिला. एमसीडी के 250 में से 134 वार्डों में आम आदमी पार्टी को जीत मिली, जबकि बीजेपी को 104 वार्डों में ही जीत हासिल कर सकी.

मालूम हुआ है कि गुजरात के 5 विधायकों में से एक (AAP Gujarat MLA) ने आम आदमी पार्टी छोड़ने का मन बना लिया है - और अब वो बीजेपी को समर्थन देने जा रहा है. भला अरविंद केजरीवाल और उनके साथियों के लिए अभी इससे बुरी खबर क्या हो सकती है.

दिल्ली में तो आम आदमी पार्टी अभी कांग्रेस पार्षदों के साथ आने का जश्न भी नहीं मना पायी थी कि वे घर वापसी के लिए राजी हो गये और फटाफट लौट भी गये - दिल्ली में कांग्रेस पार्षदों को आते ही वापस लौट जाना और गुजरात में AAP विधायक का निष्ठा बदल कर बीजेपी के साथ खड़े हो जाने का मामला बिलकुल एक जैसा ही लगता है.

ताज्जुब की बात तो ये है कि चुनाव जीतने के साथ ही अरविंद केजरीवाल का विधायक अपने भविष्य की तैयारियों में अलग से जुट गया था, और कोई उसे रोक भी नहीं सका. क्या पता बाकी विधायकों के साथ भी ऐसा ही कुछ चल रहा हो?

क्या ये इसलिए हो गया क्योंकि मामला गुजरात का है? ऐसे आरोप तो अरविंद केजरीवाल दिल्ली और पंजाब के विधायकों के मामले में भी लगा चुके हैं - और ऐसे एक्ट के लिए बीजेपी को किसी सीरियल किलर जैसा बता चुके हैं.

पंजाब को लेकर अरविंद केजरीवाल का आरोप रहा कि बीजेपी ने आम आदमी पार्टी के 10 विधायकों से संपर्क साधा था. ठीक वैसे ही दिल्ली के मामले में अरविंद केजरीवाल का इल्जाम रहा कि बीजेपी ने 800 करोड़ रुपये तैयार रखे थे. एक विधायक के लिए 20 करोड़ रुपये. अरविंद केजरीवाल का दावा रहा कि बीजेपी ने आम आदमी पार्टी के 40 विधायकों को तोड़ने की कोशिश की थी.

ये तभी की बात जब बीजेपी ने दिल्ली की शराब नीति में गड़बड़ी के आरोप लगाये थे. मनीष सिसोदिया को टारगेट किये जाने का दावा करते हुए अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया था कि दिल्ली सरकार को गिराने की कोशिश हो रही थी. और विधायकों को खरीदने की कोशिश का मकसद भी वही था.

मनीष सिसोदिया ने भी सामने आकर दावा किया था कि उनको बीजेपी की तरफ से मुख्यमंत्री बनाने का ऑफर मिला था, लेकिन ऐसा करके भी बीजेपी कामयाब नहीं हो सकती - और अब दिल्ली के पार्षदों को लेकर भी अरविंद केजरीवाल खरीद फरोख्त का इल्जाम लगा रहे हैं.

ये ऑपरेशन लोटस का नया रूप है

अब तक ऑपरेशन लोटस की परिभाषा में विधायकों का इस्तीफा देकर बीजेपी को सपोर्ट करना जरूरी शर्त हुआ करती थी, लेकिन अब उसमें संशोधन होने लगा है. और गुजरात में आम आदमी पार्टी के विधायक से जुड़ी जो खबर आयी है, ऐसा ही देखने को मिला है.

arvind kejriwal, bhupat bhayaniभूपत भायाणी ने तो अरविंद केजरीवाल का पूरा एक्शन प्लान भी खराब कर दिया है

गुजरात में आम आदमी पार्टी के टिकट पर चुनाव जीतने वाले भूपत भायाणी ने अभी से बीजेपी का साथ देने का फैसला कर लिया है. वैसे तो गुजरात के तीन निर्दलीय विधायकों ने भी बीजेपी सरकार के समर्थन की घोषणा की है, लेकिन आप विधायक का फैसला हैरान करने वाला है.

सबसे खास बात ये है कि भूपत भायाणी ने बीजेपी को बाहर से ही समर्थन देने का फैसला किया है - और इसकी वजह भी बहुत हद तक तकनीकी लगती है. अगर भूपत भयाणी बीजेपी ज्वाइन करते तो उनको विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देना पड़ेगा. और उसके बाद उपचुनाव होने पर फिर से चुनाव मैदान में उतरना होगा.

ऐसा लगता है बवाल से बचने के लिए ही भूपत भायाणी ने ये रास्ता निकाला है. ये भी हो सकता है कि ऐसा ही कुछ बाकी विधायकों के साथ भी चल रहा हो, और जब नंबर इतना हो जाये कि दल बदल कानून लागू न हो पाये तो वे एक साथ बीजेपी ज्वाइन भी कर सकते हैं.

अब आगे क्या होता है, ये देखना ज्यादा दिलचस्प होगा. खासकर ये जानना कि भूपत भायाणी को बदले में क्या मिलता है?

अब ऐसा तो है नहीं कि चुनाव जीतने के बाद भूपत भायाणी के मन में अचानक से राष्ट्रवादी भावना प्रवेश कर गयी है. चुनाव तो वो बीजेपी की नीतियों की AAP स्टाइल में खिल्ली उड़ा कर ही जीते होंगे.

बाकी बातें अपनी जगह हैं, लेकिन अरविंद केजरीवाल के लिए बहुत बड़ी चिंता की बात है - क्योंकि अगर गुजरात जैसा कोई खेल दिल्ली में हो गया तो एमसीडी की सत्ता से भी हाथ धो बैठेंगे.

खरीद फरोख्त का इल्जाम और शिकायत

चूंकि एमसीडी चुनावों आम आदमी पार्टी ने डबल इंजन सरकार का वादा किया था, इसलिए अरविंद केजरीवाल अब एमसीडी पार्षदों को समझा रहे हैं कि वे आप विधायकों के साथ कदम से कदम मिलाकर चलें - और अगले पांच साल तक धैर्य धारण करते हुए सेवा भाव से काम पर फोकस करें.

चुनाव जीत कर आये पार्षदों से एक खास मुलाकात में अरविंद केजरीवाल कह रहे थे, 'आप लोग कुछ ऐसा करना कि जनता का विश्वास और सुदृढ़ हो... ऐसा मत करना कि जनता का विश्वास हमारे में कम हो जाये... जनता सबसे ज्यादा एमसीडी में भ्रष्टाचार से दुखी है.'

पार्षदों से बातचीत के दौरान ही अरविंद केजरीवाल ने खरीद फरोख्त की आशंका भी जतायी - और अपनी तरफ से आगाह करते हुए ये भी समझाया कि क्या करना है और क्या नहीं करना है. आप नेता ने ये भी बताया कि चुनाव जीतने के लिए कितनी मेहनत करनी पड़ी है. बोले, एमसीडी चुनाव में इनके सात मुख्यमंत्री, सत्रह केंद्रीय मंत्री... खुद अमित शाह और जेपी नड्डा सब लगे हुए थे... मीडिया पर दबाव डालकर चौबीस घंटे हमारे खिलाफ दुष्प्रचार किया गया... रोजाना सुबह नौ बजे तक एक फर्जी वीडियो निकल कर आ जाता था - और फिर दिन भर सभी चैनलों पर वही वीडियो चलता था.

एमसीडी चुनावों के दौरान जिन वीडियो को लेकर अरविंद केजरीवाल बीजेपी को निशाना बना रहे हैं वे असल में जेल के सीसीटीवी फुटेज रहे. वीडियो में केजरीवाल के मंत्री सत्येंद्र जैन को कभी मसाज कराते तो कभी लोगों के साथ मुलाकात करते देखा गया था.

ध्यान देने वाली बात ये है कि अरविंद केजरीवाल ने पहली बार उन फुटेज को फर्जी वीडियो कहा है, पहले अरविंद केजरीवाल हों या मनीष सिसोदिया या फिर गोपाल राय किसी ने भी वीडियो को लेकर कुछ नहीं कहा, बल्कि अलग अलग तरीके से सत्येंद्र जैन का बचाव करने की कोशिश की जाती रही.

पार्षदों को स्टिंग ऑपरेशन करने की सलाह: स्टिंग ऑपरेशन आम आदमी पार्टी का पुराना शगल रहा है और एक बार फिर अरविंद केजरीवाल ने पार्षदों को वैसे ही टिप्स दिये हैं - कोई आये तो रिकॉर्ड कर लेना.

पार्षदों की मीटिंग में अरविंद केजरीवाल ने कहा, आप लोगों को खरीदने की कोशिश की जाएगी... फोन आने शुरू भी हो गये हैं... कुछ लोगों के पास फोन आये हैं... किसी को कह रहे हैं 10 लाख ले लो, किसी को कह रहे हैं 50 लाख ले लो - और हमको वोट डाल दो, लेकिन मुझे पूरी उम्मीद है आप में से कोई भी बिकने नहीं वाला है.

अरविंद केजरीवाल का कहना रहा कि बीजेपी को एक्सपोज करना जरूरी है... अगर कोई फोन आये तो रिकॉर्डिंग लगा लो... कोई भी फोन आएगा रिकॉर्ड हो जाएगा. कोई अगर आकर मिले तो अपने फोन की रिकॉर्डिंग ऑन कर देना या ऑडियो रिकॉर्डिंग ही ऑन कर देना.

बीजेपी ने अग्रिम एफआईआर करा दी है: अरविंद केजरीवाल अभी अपने पार्षदों को पढ़ा लिखा ही रहे हैं, और भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली के एंटी करप्शन ब्रांच में अरविंद केजरीवाल और उनके साथियों के खिलाफ नामजद शिकायत दर्ज करा दी है.

दिल्ली से बीजेपी के विधायक विजेंद्र गुप्ता के नेतृत्व में बीजेपी का एक प्रतिनिधिमंडल एसीबी के दफ्तर गया था और दिल्ली के मुख्यमंत्री के खिलाफ दिल्ली के पार्षदों के खिलाफ हॉर्स ट्रेडिंग की लिखित शिकायत दे दी है.

ये शिकायत दिल्ली के वार्ड नंबर 206 से नवनिर्वाचित बीजेपी पार्षद मोनिका पंत की तरफ से दी गयी है. मोनिका पंत ने अपने शिकायती पत्र में लिखा है, मैं वार्ड नंबर 206 से बीजेपी के टिकट पर एमसीडी का चुनाव जीतकर पार्षद बनी हूं... अरविंद केजरीवाल, सांसद सुशील कुमार गुप्ता, मनीष सिसोदिया, सुशील गुप्ता की प्रतिनिधि शिखा सिंह सहित आम आदमी पार्टी के कई लोग बीजेपी के पार्षदों को लालच देकर उनका समर्थन हासिल करने के कोशिश कर रहे हैं.'

एमसीडी का मामला भी आम आदमी पार्टी के लिए करीब करीब वैसा ही है, जैसा कांग्रेस के लिए हिमाचल प्रदेश. जिस तरह विधायकों को अपने साथ बनाये रखने के लिए कांग्रेस संघर्ष कर रही है, आम आदमी पार्टी भी दिल्ली पार्षदों के लिए वैसे ही जूझ रही है.

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लेखक

मृगांक शेखर मृगांक शेखर @mstalkieshindi

जीने के लिए खुशी - और जीने देने के लिए पत्रकारिता बेमिसाल लगे, सो - अपना लिया - एक रोटी तो दूसरा रोजी बन गया. तभी से शब्दों को महसूस कर सकूं और सही मायने में तरतीबवार रख पाऊं - बस, इतनी सी कोशिश रहती है.

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