New

होम -> सियासत

 |  6-मिनट में पढ़ें  |  
Updated: 10 दिसम्बर, 2018 01:23 PM
राहुल कंवल
राहुल कंवल
  @rahul.kanwal.52
  • Total Shares

क्या बीजेपी का ज़मीनी आधार घटना शुरू हो गया है? एक्सिस माई इंडिया के व्यापक एग्जिट पोल का गहराई से विश्लेषण किया जाए तो सामने आता है कि वोटरों के जिन तबकों ने 2014 आम चुनाव में बीजेपी को सत्ता में लाने में अहम भूमिका निभाई थी, उनका भाजपा ने खासा समर्थन खो दिया है.

हाल में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में किसानों, दलितों, आदिवासियों, पहली बार वोट डालने वाले मतदाताओं और बेरोज़गारों ने मध्य प्रदेश, राजस्थान और यहां तक कि छत्तीसगढ़ में भी भाजपा की तुलना में कांग्रेस के समर्थन में अधिक मतदान किया.

भाजपा, कांग्रेस, एग्जिट पोल, राहुल कंवलपिछली बार की तुलना में इस बार भाजपा और मोदी के लिए अच्छी खबर नहीं है

1. ग्रामीण क्षेत्रों में बीजेपी को समर्थन घटा-

मध्य प्रदेश की कुल 230 विधानसभा सीटों में से 187 को ग्रामीण प्रभाव वाली सीटें माना जाता है. इन सीटों पर कांग्रेस को बीजेपी पर वोट शेयर में 3% की बढ़त मिली है. ग्रामीण सीटों के वोटरों में से 42% ने कांग्रेस और 39% ने बीजेपी को वोट देने की बात कही है. जहां तक शहरी प्रभाव वाली 43 सीटों का सवाल है तो वहां बीजेपी को वोट शेयर में कांग्रेस पर 5% की बढ़त हासिल है. गुजरात जैसे गहन औद्योगिक राज्य में शहरी सीटों की बढ़त बीजेपी को गुजरात में सत्ता में बरकरार रखने में पर्याप्त साबित हुई थी. लेकिन मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ जैसे मुख्यत: ग्रामीण राज्यों में शहरी सीटों की बढ़त बीजेपी के लिए संकटमोचक बनने को काफ़ी नहीं है.

भाजपा, कांग्रेस, एग्जिट पोल, राहुल कंवलतीनों राज्यों का ग्रामीण इलाका भाजपा के खिलाफ, राजस्थान में शहर भी

90 सदस्यीय छत्तीसगढ़ विधानसभा की 82 ग्रामीण सीटों पर कांग्रेस को बीजेपी पर वोट शेयर में 10 फीसदी की अच्छी खासी बढ़त हासिल है. इन सीटों के एग्जिट पोल के 46% प्रतिभागियों ने कांग्रेस और 36% ने बीजेपी को वोटर देने की बात कही.

राजस्थान में 199 विधानसभा सीटों के लिए मतदान हुआ. यहां की 169 ग्रामीण सीटों पर कांग्रेस को बीजेपी पर वोट शेयर में 4 फीसदी की बढ़त हासिल है. (कांग्रेस-41%, बीजेपी-37%)

2. पहली बार वोट डालने वाले बीजेपी से हुए विमुख -

2014 लोकसभा चुनाव में पहली बार वोट डालने वाले मतदाताओं ने बीजेपी को जमकर समर्थन दिया था. उसके बाद हुए विधानसभा चुनावों में भी कमोवेश यही ट्रेंड देखने को मिला. लेकिन अभी हिन्दी पट्टी के जिन तीन राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए वहां पहली बार वोट डालने वाले मतदताओं ने बीजेपी का तुलना में कांग्रेस को वोट देना अधिक पसंद किया. वोटरों के इस तबके में छ्त्तीसगढ़ में ये अंतर 10% (कांग्रेस- 44%, बीजेपी- 34%), राजस्थान में 9% (कांग्रेस- 42%, बीजेपी- 33%) और मध्य प्रदेश में 2 % (कांग्रेस- 41%, बीजेपी- 39%) दिखा.

भाजपा से युवाओं का मोहभंग हुआभाजपा से युवाओं का मोहभंग हुआ

बीजेपी यही उम्मीद करेगी कि पहली बार के वोटरों का विमुख होना राज्य स्तरीय सत्ता विरोधी रूझान (एंटी इंक्मबेंसी) से जुड़ा है और ये केंद्र में मोदी सरकार के कामकाज को लेकर फैसला नहीं है.

3. किसानों की पीड़ा असल -

इन विधानसभा चुनावों से पहले किसानों की पीड़ा को लेकर बहुत कुछ कहा गया. किसानों ने देश की राजधानी दिल्ली के साथ साथ राज्यों में भी विरोध प्रदर्शन किए. हालांकि बीजेपी नेतृत्व किसानों के संकट को सरकार की छवि ख़राब करने के लिए विपक्ष की ओर से प्रायोजित कोशिश ही क़रार दिया जाता रहा. इंडिया टुडे- एक्सिस माई इंडिया के आंकड़े बताते हैं कि किसानों की नाराजगी बीजेपी के लिए गंभीर समस्या बन सकती है. किसानों और खेतिहर मजदूरों में कांग्रेस को बीजेपी पर 4% की बढ़त हासिल है.किसान समुदाय में कांग्रेस और बीजेपी में समर्थन का अंतर सबसे ज्यादा छत्तीसगढ़ में दिखा. इस राज्य में 47% किसान वोटरों का कहना है कि उन्होंने कांग्रेस को समर्थन दिया है. वहीं बीजेपी को वोट देने की बात 36% किसान वोटरों ने कही. खेतिहर मजदूरों के मुताबिक उनमें 44% ने कांग्रेस और 36% ने बीजेपी को वोट दिया. यानि यहां दो पार्टियों में 8% का खासा अंतर दिखाई दिया.

भाजपा, कांग्रेस, एग्जिट पोल, राहुल कंवलजैसा की अंदाजा था, तीनों राज्यों में भाजपा के खिलाफ किसानों का गुस्सा फूटा

राजस्थान में कांग्रेस और बीजेपी में किसान वोटरों को लेकर 5% का अंतर दिखा. वहीं खेतिहर मजदूरों में ये अंतर कहीं बढ़कर 13% हो गया. मध्य प्रदेश में किसान वोटरों में कांग्रेस को बीजेपी पर 4% की बढ़त हासिल दिखी. (कांग्रेस- 43%, बीजेपी- 39%)

4. बेरोजगारों में गुस्सा -

ऐसा ही ट्रेंड बेरोजगार युवकों में भी बीजेपी को लेकर दिखाई दिया. मध्य प्रदेश में बेरोजगार वोटरों में कांग्रेस को बीजेपी पर 15% के अच्छे खासे अंतर से बढ़त दिखाई दी (कांग्रेस- 48%, बीजेपी- 33%).

इस तबके में राजस्थान में ये अंतर 13% (कांग्रेस- 44%, बीजेपी- 34%) और छत्तीसगढ़ में 7%(कांग्रेस- 43%, बीजेपी- 36%) दिखाई दिया.

युवाओं की एक और बड़ी समस्या बेरोजगारी भी भाजपा को ले डूबीयुवाओं की एक और बड़ी समस्या बेरोजगारी भी भाजपा को ले डूबीदलित और आदिवासी दो अन्य अहम वोटबैंक है जहां बीजेपी अपनी पैठ बनाने के लिए काफी ज़ोर लगा रही है. उत्तर प्रदेश चुनाव में देखा गया था कि इन समुदायों के कुछ तबकों के वोटरों ने बीजेपी को वोट दिया था. लेकिन हाल में हिन्दी पट्टी के जिन तीन राज्यों में चुनाव हुए, वहां सभी जगह कांग्रेस ने बीजेपी से कहीं अच्छा प्रदर्शन दिखाया.

5. दलित फैक्टर -

मध्य प्रदेश में 43% दलित प्रतिभागियों ने कांग्रेस को वोट देने का संकेत दिया. वहीं 35% दलित वोटरों ने बीजेपी को वोट देने की बात कही. राजस्थान में इस तबके में कांग्रेस को बीजेपी पर 30% की विशाल बढ़त दिखाई दी- (कांग्रेस- 54%, बीजेपी- 24%). छत्तीसगढ़ में दलित वोटरों में कांग्रेस और बीजेपी के बीच समर्थन में 17% का अंतर दिखाई दिया (कांग्रेस- 42%, बीजेपी- 25%).

भाजपा, कांग्रेस, एग्जिट पोल, राहुल कंवलतीनों राज्यों में दलितों ने भाजपा को बुरी तरह नकारा

अनुसूचित जातियों के लिए राजस्थान में 33, छत्तीसगढ़ में 10 और मध्य प्रदेश में 35 विधानसभा सीटें सुरक्षित हैं.

6. आदिवासियों के लिए अच्छे दिन नहीं -

आदिवासी वोटरों में कांग्रेस को मध्य प्रदेश में बीजेपी पर 9 फीसदी की बढ़च हासिल है. राजस्थान में कांग्रेस को बीजेपी पर इस तबके मे 21% और छत्तीसगढ़ में 18% की बढ़त हासिल है.

भाजपा, कांग्रेस, एग्जिट पोल, राहुल कंवल आदिवासी इलाकों में भी कांग्रेस ने अपनी पुरानी मजबूती फिर से कायम की.

इंडिया टुडे ग्रुप की ओर से एक्सिस माई इंडिया की ओर से किए गए एग्जिट पोल में कुल 1,97,612 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया. मध्य प्रदेश में 71,125, राजस्थान में 63,041 और छत्तीसगढ़ में 23,964 प्रतिभागी एग्जिट पोल में शामिल हुए.

ये भी पढ़ें-

चुनाव नतीजे एग्जिट पोल की तरह आए तो क्या राहुल क्रेडिट लेंगे?

एग्जिट पोल्स जैसे नतीजे भी आये तो क्या होगा?

लेखक

राहुल कंवल राहुल कंवल @rahul.kanwal.52

लेखक टीवी टुडे ग्रुप के मैनेजिंग एडिटर और प्रख्यात टीवी एंकर हैं.

iChowk का खास कंटेंट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक करें.

आपकी राय