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Updated: 18 फरवरी, 2022 04:06 PM
ज्योति गुप्ता
ज्योति गुप्ता
  @jyoti.gupta.01
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मौसम अब सर्द से गुलाबी नहीं चुनावी (Election) हो चुका है. प्रचार-पसार एकदम जोर पकड़े हुए है. पंजाब (punjab election 2022) में इस बार पिता की कमान बेटियों ने संभाल ली है. वे अपने पिता की सारथी बन बैठी हैं और पिता को जीत दिलाने के लिए दिन-रात एक किए हुए हैं.

यूपी चुनाव (Up Elction 2022) का तो हाल ही मत पूछिए. सपा के मैनपुरी क्षेत्र के वौट बैंक में सेंध लगाने के लिए बीजेपी ने एड़ीचोटी एक कर दी है. करहल सीट के लिए तो जैसे युद्ध ही छिड़ गया है. यह वही सीट जहां से अखिलेश यादव इस बार चुवान लड़ रहे हैं.

daughters support father in punjab election 2022, arvind kejriwal daughter harshita kejriwal in electionपंजाब की 117 विधानसभा सीटों पर 20 फरवरी को वोट डाले जाने हैं, यहां तीन बेटियां अलग ही छाप छोड़ रही हैं

असल में अखिलेश यादव को करहल सीट से उतारने का फैसला काफी सोच-समझकर लिया गया था लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने अब यहां से एसपी सिंह बघेल को उतारा है. बघेल कभी मुलायम सिंह के बेहद करीबी माने जाते थे. इस वजह से ही यहां का मुकाबला टक्कर का हो गया है.

माहौल में इतना गहमा-गहमी है कि स्वस्थ ठीक न होने के बावजूद भी मुलायम सिंह यादव को चुनावी मैदान में उतरना पड़ा. मुलायम सिंह अपने बेटे अखिलेश यादव के साथ मंच साझा करते हुए मैनपुरी में जनसभा को संबोधित करेंगे. दूसरी तरफ गृहमंत्री अमित शाह भी यहां प्रचार की कमान संभालेंगे. अखिलेश यादव और सीएम योगी आदित्यनाथ भी प्रचार में कोई कमी नहीं छोड़ रहे हैं. वहीं पीएम नरेंद्र मोदी भी सीएम योगी के समर्थन में अपना चुनावी बाण छोड़ रहे हैं.

यूपी चुनाव की चर्चा के बीच पंजाब में तीन बेटियां अलग ही अपनी छाप छोड़ रही हैं. पंजाब में चुनाव प्रचार अब अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है. ऐसे में ये तीन बेटियां खुद चुवानी मैदान में उतरकर अपने पिता के लिए लोगों ने वोट मांग रही हैं. वे जमीनी स्तर पर जाकर ग्रामीण लोगों और महिलाओं से बात कर रही हैं. वे जिस तरह पिता के राजनीतिक विरासत को संभाल रही हैं देखने वाले हैरान है, क्योंकि अब तक नेताओं के बेटों को ही चुनावी मंच पर देखने की आदत है.

ये बेटियां बता रही हैं राजनीति की परख महिलाएं भी रखती हैं. ये अपने-अपने पिताओं को जीत दिलाने के लिए हर पैतरें अपना रही हैं जो एक समझदार नेता करता है. चुनावी माहौल में नेताओं की ये बेटियां अपनी अलग छाप छोड़ रह हैं. ऐसा लगता है कि आने वाले समय में ये बेटियां चुनाव लड़ सकती हैं और नेतृत्व भी कर सकती हैं. चलिए इनके बारे में जान लेते हैं.

arvind kejriwal daughter harshita kejriwal लोगों को हर्षिता के भाषण में उनके पिता की छवि दिखने लगी है

हर्षिता केजरीवाल

सरनेम से तो आपने पहचान ही लिया होगा कि हर्षिता केजरीवाल कोई और नहीं बल्कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की बेटी हैं. हर्षिता की उम्र 26 साल है और उन्होंने आईआईटी से ग्रैजुएशन किया है. हर्षिता अपनी मां सुनीता केजरीवाल के साथ चुनावी सभा में पहुंच रही हैं और युवाओं से आम आदमी पार्टी को वोट देने के लिए गुहार लगा रही हैं. लोगों को उनके भाषण में उनके पिता की छवि दिखने लगी है.

वे अपने भाषण की शुरुआत सत श्री अकाल से करती हैं. वे कहती हैं कि सिर्फ उनकी पार्टी ही युवाओं और रोजगार के बारे में सोचती है. वे चाहतीं तो अपने दोस्तों की तरह विदेश नौकरी करने जा सकती थीं लेकिन पिता ने उन्हें सीख दी है कि अपने देश में रहकर यहां के लोगों की सेवा करनी चाहिए. वे रोजगार और युवाओं के शिक्षा पर सबसे अधिक बात करती हैं.

उन्होंने एक रैली में आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री उम्मीदवार भगवंत सिंह मान को अपना चाचा बताते हुए कहा कि मैं यहां आप सबके पास अपने चाचा के लिए यहां आई हूं. लोगों को कहना है कि हर्षिता केजरीवाल अपने पिता की तरह ही पेश आती हैं. पिता के नाम को आगे बढ़ाने के लिए हर्षिता ने 3 महीने की छुट्टी ली है.

daughters support father in punjab election 2022, arvind kejriwal daughter harshita kejriwal in electionजब तक पिता नहीं जीतेंगे तब तक मैं शादी नहीं करुंगी

राबिया सिद्धू

जब एक बेटी चुवान प्रचार में यह कहती है कि जब तक पिता नहीं जीतेंगे तब तक वे शादी नहीं करेंगी... तो सोचिए लोगों के दिल पर क्या असर होता होगा. यह लाइन राबिया सिद्धू ने रैली में कही तो लोग भावुक हो गए. राबिया कोई और नहीं बल्कि नवजोत सिंह सिद्धू की बेटी हैं. राबिया आक्रामक रूप अपने पिता के लिए प्रचार कर रही हैं.

उनका एक ही मकसद है पिता के अमृतसर पूर्व सीटपर जीत दिलाना. इस जीत के लिए वे कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती हैं. उनका कहना है कि मेरे पिता एक बड़ी जंग लड़ रहे हैं अगर वे नहीं जीते तो मैं शादी ही नहीं करूंगी. 26 साल की राबिया पेशे से फैशन डिजाइनर हैं जो पहले से कहीं तीखे तरीके से प्रचार कर रही हैं. वजोत सिंह सिद्धू के बेटे और बड़े भाई करण सिद्धू 31 साल के हैं जो पेशे से वकील हैं. बेटा ही विरासत संभालता है जैसी बातें अब राजनीति में तो पुरानी हो गईं हैं.

sukhbir badal daughter harkirat kaurसुखबीर बादल की बड़ी बेटी हरकीत कौर ने इस बार पिता की जीत के लिए कमर कस ली है

हरकीत कौर

सुखबीर बादल की बड़ी बेटी हरकीत कौर ने इस बार पिता की जीत के लिए कमर कस ली है. अब अकाली दल और बहुजन समाज पार्टी एक साथ मिलकर चुनाव लड़ रहें हैं. वहीं सुखबीर सिंह बादल को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार भी हैं. ऐस में सुखबीर बादल को पूरा राज्य देखना है, उनके पास समय की कमी है. इसलिए पिता का साथ देने के लिए बेटी खुद ही चुनावी कमान संभाल ली है. जलालाबाद में वे महिलाओं के मिलकर बात कर रही हैं. दिल्ली विश्वविद्यालय से पॉलिटिकल साइंस की डिग्री हासिल करने वाली सुखबीर ने ब्रिटेन की केंब्रिज यूनिवर्सिटी से मैनेजमैंट की पढ़ाई पूरी की है. वे भविष्य में संयुक्त राष्ट्र में काम करना चाहती हैं लेकिन अभी वे पंजाब चुनाव में पिता का साथ दे रही हैं. वे खुद को सोशल मीडिया से दूर रखती हैं. वे चुवानी मुद्दों पर अधिक बात न करके अपने पिता के लिए सीधे वोट देने की अपील करती हैं.

असल में पंजाब की 117 विधानसभा सीटों पर 20 फरवरी को वोट डाले जाने हैं. वैसे अब किसकी जीत होती है और किसकी हार...यह फैसला तो जनता के हाथों में है लेकिन इन 3 बेटियों ने यह तो बता ही दिया है कि बेटियां वो सब करती हैं जो एक बेटा कर सकता है. काश यह बात वे लोग भी समझ जाते जो बेटी को कोसते हैं क्योंकि उन्हें बेटे की चाह है.

बेटियों पढ़ेगीं तो पूरे परिवार और कुनबे को आगे ही बढ़ाएंगी...बेटियां पिता के करीब होती हैं ये सुना था और आज देख भी लिया, क्योंकि और ये बेटियां पिता की जीत के लिए आज वो हर कोशिश कर रही हैं जो कर सकती हैं...सच में बेटियांं बहुत प्यारी होती हैं...क्यों?

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लेखक

ज्योति गुप्ता ज्योति गुप्ता @jyoti.gupta.01

लेखक इंडिया टुडे डि़जिटल में पत्रकार हैं. जिन्हें महिला और सामाजिक मुद्दों पर लिखने का शौक है.

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