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Updated: 22 दिसम्बर, 2022 06:04 PM
मृगांक शेखर
मृगांक शेखर
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कन्याकुमारी से चली कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा दिल्ली पहुंचने वाली है - और कश्मीर के रास्ते में नये साल पर एक छोटा सा ब्रेक लेने वाली है, लेकिन केंद्र की बीजेपी सरकार को ये नाकाफी लग रहा है - मोदी सरकार चाहती है कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ब्रेक नहीं, अपनी पदयात्रा बंद ही कर दें.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया (Mansukh Mandaviya) ने बाकायदा एक पत्र लिख कर मेडिकल इमरजेंसी की दुहाई देते हुए राहुल गांधी से सलाहियत भरी गुजारिश की है - देशहित में... भारत जोड़ो यात्रा को स्थगित कर दिया जाये. स्वास्थ्य मंत्री ने एक पत्र राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी लिखा है.

मनसुख मांडविया के पत्र पर कांग्रेस की तरफ से काफी कड़ी प्रतिक्रिया हुई है. कांग्रेस ने राजस्थान और कर्नाटक में चल रही बीजेपी की यात्राओं की ओर ध्यान दिलाते हुए अपनी तरफ से स्वास्थ्य मंत्री को आईना दिखाने की कोशिश की है - और कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश तो इस कदर खफा हुए हैं कि ये भी याद दिलाने लगे हैं कि कैसे मोदी सरकार ने मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार गिरने तक लॉकडाउन लागू करना भी टाल दिया था.

रही बात कोरोना वायरस (Covid 19) के प्रकोप की, तो पिछले 24 घंटों में तीन मौतें दर्ज की गईं हैं. केरल से दो, और एक पश्चिम बंगाल से. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, बीते 24 घंटे में देश भर में कोविड के ताजा मामले आये हैं - 131 लोग कोविड पॉजिटिव पाये गये हैं, लेकिन ये सोमवार के मुकाबले कम है. सोमवार को 181 लोग कोविड पॉजिटिव पाये गये थे. मौजूदा एक्टिव केस अभी 3,408 बताये जा रहे हैं.

स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से बुलायी गयी एक मीटिंग में हालात की समीक्षा तो की गयी, लेकिन कोई गाइडलाइन नहीं जारी की गयी है. हां, लोगों से एहतियात बरतने को जरूर कहा गया है. इससे पहले स्वास्थ्य सचिव की तरफ से सभी राज्यों पत्र भेज कर कहा गया था, जापान, अमेरिका, कोरिया, ब्राजील और चीन में कोरोना मामलों की अचानक तेजी को देखते हुए, नये वेरिएंट को ट्रैक करने के लिए जीनोम सीक्वेंसिंग को तैयार करना जरूरी है.

कोविड-19 पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की मीटिंग के बाद लोगों को एहतियात बरतने की सलाह दी गयी है - और भीड़भाड़ वाली जगहों पर लोगों से मास्क लगाने को कहा गया है. पहले ये सिर्फ फ्लाइट के दौरान लगाना अनिवार्य रखा गया था, लेकिन कुछ दिन पहले उसे भी खत्म कर दिया गया था.

सरकार की चिट्ठी आई है

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया की चिट्ठी के बाद कांग्रेस की तरफ से बीजेपी को भी नसीहत दिया जाने लगा है - और उसके बाद स्वास्थ्य मंत्री ने भी कड़े कदम की तरफ इशारा किया है. पहले मनसुख मांडविया ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी से 'भारत जोड़ो यात्रा' में कोविड प्रोटोकॉल लागू करने की अपील की थी, लेकिन कांग्रेस नेताओं के रिएक्शन के बाद उनका कहना है कि वो अपनी ड्यूटी पूरी तो करेंगे ही.

Sukhwinder Singh Sukhu, rahul gandhi,mansukh mandaviyaअगर हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद सिंह सुक्खू, भारत यात्रा की वजह से ही कोविड पॉजिटिव हुए हैं तो ये बहुत ही गंभीर बात है.

स्वास्थ्य मंत्री मांडविया ने राहुल गांधी को लिखे पत्र में कहा है, जब उनकी यात्रा राजस्थान में चल रही थी तभी राजस्थान के तीन सांसदों ने उनको पत्र लिख कर अपनी चिंताएं जाहिर की थी. ये सांसद हैं - पीपी चौधरी, निहाल चंद और देवजी पटेल.

सांसदों के पत्र को ही संज्ञान में लेते हुए मनसुख मांडविया ने अपनी चिट्ठी के जरिये कांग्रेस नेतृत्व को मुख्य तौर पर दो बातें समझाने की कोशिश की है. एक, ये कि भारत जोड़ो यात्रा में कोविड प्रोटोकॉल का पालन किया जाये. यात्रा में शामिल होने वाले लोग मास्क और सैनिटाइजर का बराबर इस्तेमाल करें. यात्रा में सिर्फ वही लोग हिस्सा लें जो कोविड वैक्सीन ले चुके हैं - और यात्रा में शामिल होने से पहले और उसके बाद लोगों को आइसोलेशन में रखा जाये.

दूसरी बात, पहली शर्त लागू न हो पाने की स्थिति के लिए ही है - अगर कोविड गाइडलाइंस का लागू करना मुमकिन न हो तो मेडिकल इमर्जेंसी को देखते हुए देश हित में यात्रा को स्थगित कर दिया जाये.

सरकारी चिट्ठी पर कांग्रेस की दलील: कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया के पत्र को लेकर सरकार से ही सवाल पूछे हैं और निशाने पर बीजेपी नजर आ रही है. पवन खेड़ा ने पूछा है कि देश में अभी सरकार ने कोविड को लेकर किन नियमों और प्रोटोकॉल की घोषणा की है?

और हां, प्रेस कांफ्रेंस कर कांग्रेस प्रवक्ता ने पूछा कि भारत सरकार को राजस्थान और कर्नाटक में बीजेपी की यात्राएं क्यों नहीं दिखाई दे रही हैं?

पवन खेड़ा का ये सवाल बिलकुल वाजिब लगता है, क्या ऐसा पत्र राजस्थान में बीजेपी अध्यक्ष सतीश पूनिया को भी भेजा गया है - क्योंकि वो जन आक्रोश यात्रा निकाल रहे हैं?

कांग्रेस का ऐसा ही सवाल कर्नाटक बीजेपी को लेकर भी है क्योंकि वहां भी बीजेपी ने यात्री निकाली है. समझने वाली बात ये भी है कि दोनों ही राज्यों में बीजेपी की यात्राएं भारत जोड़ो यात्रा को काउंटर करने के मकसद से ही शुरू की गयी हैं. चुनावों से पहले तो बीजेपी की तरफ से भी ऐसी यात्राएं होती ही रही हैं, लेकिन अभी न तो कर्नाटक में चुनाव होने हैं और न ही राजस्थान में. कर्नाटक से पहले तो त्रिपुरा, मेघालय और नगालैंड में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं. और उसके बाद ही कर्नाटक में चुनाव का नंबर आएगा.

मीडिया से बातचीत में पवन खेड़ा का कहना रहा, आप हवाई अड्डे पर जाइये, फ्लाइट में बैठिये... न आपको मास्क लगाने को कहा जाएगा... और न आपको सैनिटाइजर दिया जाएगा - क्या सरकार ने प्रोटोकॉल की कोई घोषणा की है? क्या संसद का सत्र स्थगित कर दिया गया है?

जहां तक संसद सत्र का सवाल है, तो ऐसी भी खबर है कि संसद के शीतकालीन सत्र को पहले ही खत्म कर दिया जाये. बताते हैं कि बिजनेस एडवाइजरी कमेटी के सदस्यों ने एकमत से तय किया है कि 23 दिसंबर को संसद की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया जाये. 7 दिसंबर को शुरू हुआ ये सत्र 29 दिसंबर को खत्म होने वाला था - अब ये नहीं बताया गया है कि सरकार अगर ये फैसला लेने वाली है तो क्या कोविड के ताजा मामले की वजह से ही ऐसा हो रहा है?

अच्छी बात ये है कि कांग्रेस ने ये जरूर कहा है कि अगर केंद्र सरकार कोविड गाइडलाइन जारी करती है तो वो बेशक उसका पालन किया जाएगा, बशर्ते वो सिर्फ राहुल गांधी, कांग्रेस और भारत जोड़ो यात्रा के लिए ही न हो.

राहुल गांधी के एक्शन का इंतजार है

स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने देश में कोविड की स्थिति को लेकर सीनियर अफसरों और विशेषज्ञों के साथ मीटिंग की है - और उसके बाद ट्विटर पर लिखा है, 'कोविड अभी तक खत्म नहीं हुआ है... मैंने सभी को अलर्ट रहने और अच्छी तरह से निगरानी करने को कहा है... हम किसी भी स्थिति से निबटने के लिए तैयार हैं.'

ये तो रहा आम लोगों के लिए सरकार का संदेश, लेकिन पॉलिटिकल मैसेज काफी सख्त है. राहुल गांधी को लिखे पत्र को मनसुख मांडविया ने अपने दायित्व का हिस्सा बताया है. मनसुख मांडविया ने ये भी बताया है कि राहुल गांधी के साथ साथ सरकार की तरफ से एक पत्र राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी लिखी गयी है.

सबसे बड़ी बात - और वो ये कि मनसुख मांडविया ने कांग्रेस की प्रतिक्रिया आने के बाद ये भी बताया है कि पत्र लिखने की वजह सिर्फ सांसदों के खत ही नहीं थे, बल्कि राजस्थान में कोरोना के मामले हैं.

मनसुख मांडविया का कहना है कि भारत जोड़ो यात्रा में भी कई लोग कोविड संक्रमित पाये गये हैं, और उसके बाद ही सरकार ने एक्शन लिया है. केंद्रीय मंत्री मांडविया ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के कोविड पॉजिटिव होने का भी उदाहरण दिया है.

मनसुख मांडविया का साफ तौर पर कहना है कि हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री भी भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने के बाद ही कोरोना पॉजिटिव हुए हैं - और हां, 'मैं तो अपना दायित्व निभाऊंगा ही.'

कांग्रेस का राजनीतिक रिएक्शन अपनी जगह है लेकिन मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के बारे में मनसुख मांडविया ने जो कुछ कहा है वो बेहद गंभीर बात है. भले ही भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने वाले सुखविंदर सिंह सुक्खू अकेले ही कांग्रेस नेता क्यों न हों - और अगर ज्यादा लोग कोविड संक्रमण के शिकार हैं तो ये और भी गंभीर बात है.

जो सवाल कांग्रेस उठा रही है, वैसा ही सवाल पश्चिम बंगाल चुनाव और उससे पहले हरिद्वार कुंभ को लेकर भी उठाये गये थे. तब तो कुंभ को लेकर कोविड प्रूफ जैसे दावे करने वाले तत्कालीन मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत भी कोरोना पॉजिटिव हो गये थे. जब खूब हो हल्ला हुआ तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि से फोन पर बात करनी पड़ी. और फिर खुद ही ट्विटर पर लिखा, 'मैंने प्रार्थना की है कि दो शाही स्नान हो चुके हैं... और अब कुंभ को कोरोना के संकट के चलते प्रतीकात्मक ही रखा जाये... इससे इस संकट से लड़ाई को एक ताकत मिलेगी.'

प्रधानमंत्री की अपील पर कुंभ तो खत्म कर दिया गया, लेकिन उसी वक्त चल रहे पश्चिम बंगाल चुनाव कैंपेन को नहीं रोका गया. जब बंगाल में वाम दलों ने कोविड की वजह से चुनावी कार्यक्रम स्थगित करने का ऐलान कर दिया तो हर कोई सकते में आ गया.

तब तक राहुल गांधी की एक भी चुनावी रैली नहीं हुई थी. लिहाजा राहुल गांधी पश्चिम बंगाल के एक दिन के दौरे पर गये, रैली भी की और उसके बाद के सारे कार्यक्रम रद्द करने की घोषणा कर दी - असर ये हुआ कि बीजेपी पर भी दबाव बढ़ा. और फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी आगे के अपने कार्यक्रम रद्द कर दिये - और फिर वर्चुअल कार्यक्रम चलने लगा.

राहुल गांधी के ट्रैक रिकॉर्ड को देखते हुए एक बार फिर ये अपेक्षा तो की ही जा सकती है कि एक बार फिर वो वैसा ही फैसला लेंगे जो लोक और देश हित में भी हो - और राजनीतिक तौर पर दुरूस्त भी हो.

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लेखक

मृगांक शेखर मृगांक शेखर @mstalkieshindi

जीने के लिए खुशी - और जीने देने के लिए पत्रकारिता बेमिसाल लगे, सो - अपना लिया - एक रोटी तो दूसरा रोजी बन गया. तभी से शब्दों को महसूस कर सकूं और सही मायने में तरतीबवार रख पाऊं - बस, इतनी सी कोशिश रहती है.

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