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Updated: 29 मार्च, 2020 11:39 AM
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शुक्र मनाइये भारत में कोरोना वायरस संक्रमण अभी तीसरे स्टेज (Coronavirus Stage 3) में नहीं पहुंचा है. ये कहना है ICMR यानी इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR - Indian Council of Medical Research) का. अच्छी बात ये है कि कोरोना वायरस के तीसरे स्टेज से मुकाबले की तैयारियां देश के कई हिस्सों में पहले से ही शुरू भी हो चुकी हैं. शनिवार रात भारत में कोरोना वायरस संक्रमित लोगों की आंकड़ा (Coronavirus positive cases in India) एक हजार को पार कर गया है.

फिर भी ओडिशा और छत्तीसगढ़ (Odisha and Chhattisgarh) में सामने आये दो मामले कोरोना के तीसरे स्टेज के लिए अलर्ट समझे जा सकते हैं - क्योंकि दोनों ही राज्यों की सरकारों ने भी ऐसी आशंका जतायी है. ऐसी समझ उन दोनों मामलों की परिस्थितियों को देख कर ही बनी है.

कोरोना संक्रमण के विभिन्न स्टेज को ऐसे समझ सकते हैं कि भारत में ये दूसरे स्टेज में हैं. सिंगापुर, इटली और स्पेन में तीसरे स्टेज में - और चीन में चौथे स्टेज में. लेकिन सबसे ज्यादा चौंकाने वाली खबर तो अमेरिका से आ रही है जहां कोरोना संक्रमण से प्रभावित लोगों की संख्या एक लाख पार कर चुकी है.

तीसरे स्टेज के खतरे को समझना जरूरी है

तीसरे स्टेज को लेकर ICMR की सलाह है कि जिला स्तर पर सदर अस्पतालों में कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर कम से कम एक क्रिटिकल केयर यूनिट तो स्थापित की ही जानी चाहिये - साथ ही, स्वास्थ्यकर्मियों को ट्रेनिंग दी जानी चाहिये ताकि वे कोरोना वायरस को फैलने से रोकने की कोशिश कर सकें.

तीसरे स्टेट का खतरा क्या होता है, उससे पहले जरूरी है ये समझ लेना कि कोरोना वायरस के संक्रमण को कैसे अलग अलग स्टेज में बांटा गया है -

स्टेज 1 : पहला स्टेज वो होता है जब संक्रमण किसी कोरोना प्रभावित देश से दूसरे देश में पहुंचता है - इसे ऐसे समझ सकते हैं जैसे किसी भी मुल्क में कोरोना वायरस इंपोर्ट होकर पहुंचता है. ऐसा तब होता है जब कोरोना से ग्रसित किसी देश के यात्रा से कोई लौट कर अपने देश पहुंचता है.

पहले स्टेज में सांस को लेकर थोड़ी बहुत तकलीफ होती है - और शुरुआती इलाज और एहतियाती उपायों से उस पर काबू पाया जा सकता है. अगर कोरोना संक्रमित व्यक्ति किसी अन्य स्वस्थ व्यक्ति के संपर्क में न आये तो बचा जा सकता है.

coronavirus threat stage 3कोरोना वायरस से खतरे के सबसे नाजुक मोड़ पर खड़े हैं भारतीय

पहले तो दूसरों तक बीमारी फैलने से रोका जा सकता है - और दूसरे संक्रमित व्यक्ति का इलाज कर ठीक किया जा सकता है.

स्टेज 2 : दूसरा स्टेज में आयातित संक्रमण किसी और भले चंगे मनुष्य को शिकार बना ले वो होता है. मतलब, विदेश दौरे से लौटे व्यक्ति के संक्रमण से कोरोना वायरस किसी स्थानीय व्यक्ति तक पहुंचता हो. ये कोई भी हो सकता है परिवार का व्यक्ति या कोई अनजान जिससे संक्रमित व्यक्ति की मुलाकात हुई हो.

संक्रमित व्यक्ति से हाथ न मिलाने, जरूरी दूरी मेंटेन करने और सैनिटाइजर के इस्तेमाल से दूसरे स्टेज में भी इन्फेक्शन से बचा जा सकता है. ऐसी स्थिति में खुद को आइसोलेट करके दूसरों तक बीमारी फैलने से बचाया जा सकता है.

ICMR के मुताबिक भारत में कोरोना वायरस से उपजी महामारी अभी दूसरे स्टेज में ही है, लेकिन तीसरे स्टेज के मुहाने पर जरूर है ये मान कर चलना होगा. संपूर्ण लॉकडाउन इसी से बचाव के लिए है.

स्टेज 3 : भारत में कोविड 19 महामारी तीसरे स्टेज के मुहाने पर खड़ी है जिसे एहितयात और दूसरे संसासधनों से जहां का तहां रोका जा सकता है. दरअसल, तीसरे स्टेज में ही कम्युनिटी ट्रांसमिशन होता है - मतलब, समाज में महामारी फैलती रहती है और ये पता नहीं होता कि सोर्स कौन है. ऐसी स्थिति में बचाव का भी कोई मतलब नहीं रह जाता - सिर्फ इलाज से ही जान बचायी जा सकती है और वो भी अत्याधुनिक मेडिकल सुविधाओं की बदौलत.

इटली, स्पेन और सिंगापुर फिलहाल तीसरे स्टेज से गुजर रहे हैं.

स्टेज 4 : चौथा स्टेज महामारी का विकराल रूप होता है - और एक साथ आस पास के हजारों लोगों को चपेट में ले सकती है. महामारी को फैलने से रोकना काफी मुश्किल होता है. चौथे स्टेज में जांच और इलाज का भी विकल्प बचा रहता है - बचाव और सारे एहतियाती उपाय बेमानी हो चुके होते हैं.

चीन में कोरोना का चौधा स्टेज ही बताया जा रहा है.

अलर्ट और तैयारियां

अभी तक कोरोना के तीसरे स्टेज जैसे दो अलर्ट आ चुके हैं - एक छत्तीसगढ़ से और दूसरा ओडिशा से. दोनों ही मामले ऐसे हैं जिनमें संक्रमण के शिकार लोगों की विदेश यात्रा या ऐसे लोगों से संपर्क का कोई इतिहास नहीं मिल रहा है.

छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने तो सूबे में कोरोना वायरस के तीसरे चरण में पहुंच जाने और कम्युनिटी ट्रांसमिशन तक की आशंका जताई है. कोरोना वायरस पॉजिटिव 68 साल के उस शख्स को रायपुर के एम्स में भर्ती कराया गया है जिसके बारे में परिवार के लोगों का कहना है कि आमतौर पर वो घर पर ही रहे हैं. न तो कभी वो विदेश गये और न ही ऐसे किसी व्यक्ति के संपर्क में आने की कोई जानकारी मिली है.

ओडिशा में भी ऐसे ही 60 साल के एक व्यक्ति के संक्रमण का शिकार होने का पता चला है जिनकी कोई हालिया ट्रेवल हिस्ट्री नहीं पायी गयी है. ऐसे मामले ओडिशा में कोरोना वायरस के तीसरे स्टेज की तरफ बढ़ने की आशंका की पुष्टि करते हैं.

ओडिशा सरकार के मुख्य प्रवक्ता सुब्रतो बागची कहते हैं, 'अब जबकि ऐसे तीसरे केस का पता चल चुका है जिसकी विदेश यात्रा का कोई विवरण नहीं है, कोरोना वायरस के तीसरे स्टेज में पहुंचने की आशंका बलवती हो चली है.'

तैयारियों के मामले में ओडिशा जरूर तेजी से आगे बढ़ रहा है. ओडिशा में एक हजार बिस्तरों वाला अस्पताल भी दो हफ्ते के भीतर तैयार होने की संभावना जतायी गयी है जहां कोरोना के इलाज की सभी मेडिकल सुविधाएं होंगी.

ओडिशा में एम्स की निदेशक गीतांजलि के मुताबिक अस्पताल की आयुष बिल्डिंग में पूरी तरह सुविधाओं से लैस ढांचा खड़ा किया गया है जहां कोविड 19 से मुकाबले की सभी मेडिकल सुविधाएं मौजूद हैं.

एम्स निदेश के अनुसार ये इमारत अस्पताल की मुख्य बिल्डिंग से बिलकुल अलग है और वहां 20 बेड ऐसे तैयार किये गये हैं जो पूरी तरह आइसोलेट हैं. 10 वेंटिलेटर का भी इंतजाम है और कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए 36 प्राइवेट केबिन भी तैयार किये गये हैं.

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी आने वाले दिनों में खतरे को लेकर आगाह किया है. ट्विटर पर उद्धव ठाकरे लिखते हैं, 'अगले 15 से 20 दिन हमारे लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं. ये हमारे प्रतिरोध की अंतिम परीक्षा है - और हमें इसके लिए पूरी तरह से तैयार रहना होगा. एक बार जब हम परीक्षा को पास कर लेते हैं तो कोई भी हमें रोक नहीं सकता.'

हालात का जायजा लेने के बाद मुख्यमंत्री ने जिंदगी के लिए सभी आवश्यक वस्तुओं, किराने और दवा की दुकानों को 24 घंटे खोलने की अनुमति दे रखी है - ताकि बाजार में भीड़ से बचा जा सके. अधिकारियों को साफ तौर पर निर्देश है कि वे दुकानदार और ग्राहक के बीच उचित दूरी बनी रहे ये जरूर सुनिश्चित करें.

दिल्ली वालों पर तो दोहरी मार पड़ी है - पहले दंगा फिर कोरोना वायरस. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि मौजूदा मेडिकल सुविधाएं इतनी जरूर हैं कि अगर रोजाना 100 मरीजों का भी इलाज करना पड़े तो कोई मुश्किल नहीं आएगी.

केजरीवाल का कहना है कि मुश्किल तब जरूर होगी जब हर रोज 500-1000 मरीजों के इलाज की जरूरत आ पड़े, लेकिन वैसी स्थिति से मुकाबले के लिए भी तैयारी चल रही है. हालांकि, केजरीवाल को भरोसा है कि ऐसी नौबत आने नहीं पाएगी. केजरीवाल को लगता है कि स्थिति बेकाबू होने से पहले ही ही एहतियाती उपायों से सुधार संभव है.

पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट और नीति आयोग के सदस्य डॉक्टर वीके पॉल ने भी कोरोना संक्रमण के तीसरे स्टेज को लेकर चेताया है. वो जेनेवा का उदाहरण देते हैं जहां कोरोना संक्रमण वालों को आईसीयू से भी बाहर करना पड़ा है क्योंकि संक्रमण ऐसा विकराल रूप ले चुका था.

डॉक्टर पॉल के अनुसार अच्छे अस्पतालों की जरूरत है और ऐसे अस्पतालों को आइसोलेशन की सुविधाओें से लैस करना होगा और एक सख्त सर्विलांस सिस्टम भी जरूरी है. डॉक्टर पॉल मेडिकल कॉलेजों में कॉल सेंटर बनाये जाने पर भी जोर देते हैं.

जनता कर्फ्यू के बाद संभावित खतरों के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले से ही देश में संपूर्ण लॉकडाउन को लागू कर चुके हैं, फिर भी देश में कोरोना से संक्रमित लोगों की संख्या 800 पार कर चुकी है. मौजूदा लॉकडाउन की अवधि 14 अप्रैल तक तय की गयी है.

जिस तरह से भारत कोरोना वायरस संक्रमण के तीसरे स्टेज के मुहाने पर खड़ा है, विदेश से आये यात्रियों की तादाद और राज्यों से केंद्र को मिली जांच रिपोर्ट में अंतर पाया गया है जो चिंतित करने वाला है. कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सचिवों को पत्र भेज कर विदेश यात्रा से लौटे सभी लोगों को खोज कर उनकी जांच कराये जाने की हिदायत दी है - जब तक ये रिपोर्ट नहीं आ जाती है, मान कर चलना होगा खतरा तेज गति से बढ़ रहा है.

कोरोना संक्रमण के तीसरे स्टेज में आने से पहले तो एहतियाती उपायों से महामारी पर काफी हद तक काबू पाया जा सकता है. अब भी यही स्थिति है कि सरकार जनता की मदद से महामारी को फैसले से रोक सकती है. अगर लोग लॉक डाउन का पूरी तरह पालन करें तो तीसरे स्टेज में पहुंचने से बचा भी जा सकता है, लेकिन अगर वो नौबत आ ही गयी तो फिर सारा दारोमदार सरकार पर ही आ जाएगा जब इलाज की अत्याधुनिक सुविधाओं से ही लोगों को बचाया जा सकता है. ऐसे में लोगों से यही अपेक्षा है कि वो घरों में रहें और खुद के साथ साथ दूसरों के भी सुरक्षित रहने में मददगार बनें - और हां, महज 21 दिन ही नहीं अगर आगे भी जरूरी हो तो पहले से ही मन ही मन तैयार रहें.

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