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Updated: 12 अप्रिल, 2020 08:20 PM
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कोरोना वायरस लॉकडाउन (Coronavirus Lockdown) को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi)और देश भर के मुख्यमंत्रियों की लगातार तीन वीडियो कांफ्रेंसिंग में एक बात कॉमन रही - आम सहमति. सबसे बड़ी बात आम दिनों में प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ विरोध की बुलंद आवाज रहे गैर-भाजपाई मुख्यमंत्री भी लॉकडाउन के पक्ष में बने रहे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्रियों की मीटिंग में घरेलू मास्क को बढ़ावा देने का संदेश भी साथ लिये हुए थे - ओडिशा, पंजाब और राजस्थान तो पहले ही लॉकडाउन बढ़ाये जाने की घोषणा कर चुके थे, मीटिंग के कुछ देर बाद महाराष्ट्र् ने भी वैसे ही फैसले का ऐलान कर दिया.

मुख्यमंत्रियों और प्रधानमंत्री के बीच मीटिंग के ऐन पहले कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम खासे सक्रिय रहे और ट्वीट कर कांग्रेसी मुख्यमंत्रियों और जिन राज्यों में पार्टी सत्ता में साझीदार है, उनको भी अपनी ओर से सलाह देने की कोशिश की - सलाहियत का एक और पहलू केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) सरकार को भेजे गये पत्र में दिखा जिसमें लॉकडाउन ठीक से लागू न किये जाने का आरोप है.

केजरीवाल का ब्रेकिंग न्यूज

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्रियों की वीडियो कांफ्रेंसिंग के बाद ट्विटर पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ब्रेकिंग न्यूज के साथ आगे आये - खबर दी कि देश में संपूर्ण लॉकडाउन दो हफ्ते के लिए बढ़ाया जा रहा है. हालांकि, लॉकडाउन बढ़ाये जाने की औपचारिक घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद करेंगे जिसका अभी इंतजार है.

ठीक ऐसा ही मुख्यमंत्रियों की पिछली बैठक के बाद अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने भी किया था, लेकिन एक अफसर की हिंदी समझ की दुहाई देते हुए फौरन ट्वीट डिलीट भी कर दिया था. बहरहाल, अरविंद केजरीवाल के सामने ऐसी कोई दिक्कत नहीं रही होगी - और न ही उनका ट्वीट डिलीट हुआ है. फिर तो मान कर चलना चाहिये कि खबर पक्की है. हाल फिलहाल ज्यादातर खबरें सूत्रों के हवाले से आती रही हैं - ये मामला खास इसलिए भी रहा क्योंकि अरविंद केजरीवाल ही सूत्र भी थे और किसी संवाददाता की तरह खबर भी खुद ही ब्रेक कर दिया.

arvind kejriwal, narendra modiलॉकडाउन बढ़ाने की खबर अरविंद केजरीवाल ने दी है

अरविंद केजरीवाल ने लॉकडाउन बढ़ाये जाने की खबर प्रधानमंत्री की तारीफ करते हुए दी - 'प्रधानमंत्री ने लॉकडाउन बढ़ाने का सही फैसला लिया है. अगर तमाम विकसित देशों के मुकाबले आज भारत की स्थिति बेहतर है तो इसकी वजह ये है कि हमने पहले ही लॉकडाउन कर दिया था. अभी अगर इसे रोका गया तो इसके अब तक जो भी फायदे मिले हैं, वे सारे मिट्टी में मिल जाएंगे - इसलिए लॉकडाउन को बढ़ाया जाना काफी अहम है.'

मीटिंग में खुद केजरीवाल ने लॉकडाउन बढ़ाये जाने की मांग की थी. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की भी ऐसी ही राय रही - लेकिन ममता बनर्जी ने कुछ ढील देने के भी मांग की है. ममता बनर्जी का कहना रहा कि लॉकडाउन बढ़ाया जाना चाहिये लेकिन इसे मानवीय बनाया जाना चाहिये. केजरीवाल और ममता बनर्जी दोनों का कहना रहा कि फिलहाल रेल और उड़ानें बंद रखी जायें. ममता बनर्जी ने असंगठित क्षेत्र के लिए विशेष पैकेज की तो मांग की ही, ये भी सलाह दी कि कोविड 19 से मुकाबले के लिए सभी राज्य सरकारों को पैसा दिया जाये.

मीटिंग में प्रधानमंत्री मोदी ने दोहराया कि 'जान है तो जहान है' और इसके लिए लॉकडाउन और सोशल डिस्टैंसिंग जरूरी है. प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात का खासतौर पर जिक्र किया कि देश के अधिकतर लोगों ने इस बात को समझा और घरों में रहकर अपना दायित्व भी निभाया - और अब भारत के उज्ज्वल भविष्य के लिए, समृद्ध और स्वस्थ भारत के लिए, जान भी जहान भी, दोनों पहलुओं पर ध्यान दिया जाना आवश्यक है.'

बताते हैं कि ज्यादातर मुख्यमंत्री संपूर्ण लॉकडाउन बढ़ाये जाने के पक्ष में रहे, लेकिन कुछ ऐसे भी रहे जिनकी चिंतायें अपने लोगों और स्थानीय मुश्किलों को लेकर रही. आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी की भी राय कुछ ऐसी ही रही - जगनमोहन रेड्डी का कहना रहा कि जो रेड जोन हैं वहीं लॉकडाउन बढ़ाया जाये और बाकी सार्वजनिक जगहों पर पाबंदियां जारी रखी जायें.

लॉकडाउन को लेकर जो बातें दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल कह रहे थे, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने उसे आंकड़ों के जरिये समझाने की कोशिश की. स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि अगर देश में लॉकडाउन लागू नहीं किया गया होता तो कोरोना वायरस संक्रमण के मामले 41 फीसदी बढ़े हुए होते - और वैसी स्थिति में 15 तब अप्रैल तक देश में 8.2 लाख से ज्यादा केस होने की आशंका होती.

1. कोरोना से मुकाबले की तैयारी: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक कोरोना से बचाव और इलाज के लिए देश में कोविड 19 के लिए खासतौर पर 586 अस्पताल, एक लाख से अधिक आइसोलेशन बेड और 11,500 आईसीयू बेड तैयार हैं.

2. अच्छी खबर भी है: एक तरफ कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं तो अच्छी खबर ये भी है कि 643 लोगों ने कोरोना से मुकाबले में जंग जीत भी ली है.

सिर्फ पश्चिम बंगाल में सब गड़बड़ क्यों?

देश में संपूर्ण लॉकडाउन लागू तो है, लेकिन जगह जगह से उसके उल्लंघन की भी खबरें आ ही रही हैं. दिल्ली में तब्लीगी जमात के निजामुद्दीन मरकज में जमावड़े के बाद हाल ही में जामा मस्जिद के बाद ड्रोन कैमरे से देखा गया कि वहां लोग क्रिकेट खेल रहे थे - और सोशल डिस्टैंसिंग का माखौल उड़ाने की खबर पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद से भी आयी है.

10 अप्रैल को मुर्शिदाबाद में सैकड़ों की संख्या में लोग मस्जिद पहुंचे और नमाज पढ़ी. लॉकडाउन के दौरान हर जगह सोशल डिस्टैंसिंग को फॉलो करना जरूरी है, लेकिन मुर्शिदाबाद में तो लोगों ने मास्क तक नहीं पहन रखा था.

कर्नाटक के टुमकुर में एक बीजेपी विधायक ने अपने जन्मदिन पर शाही अंदाज में बिरयानी बांटी जिससे भीड़ लग गई - सोशल डिस्टैंसिंग की किसे परवाह. झारखंड के जामताड़ा में एक कांग्रेस विधायक के लोगों के बीच पैसे बांटने की घटना का पता चला है - वहां भी लोग जमा हो गये और वही हाल हुआ.

केंद्र की मोदी सरकार का ऐसे वाकयों पर क्या रिएक्शिन रहा, ऐसी कोई खबर तो नहीं आयी है - लेकिन पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार से ठन गयी लगती है. केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से पश्चिम बंगाल सरकार के मुख्य सचिव और डीजीपी को एक चिट्ठी भेजी गई है जिसमें कहा गया है कि राज्य सरकार को लॉकडाउन के जिन मापदंडों का पालन करने के लिए कहा गया था वो नहीं हो रहा है.

केंद्र को रिपोर्ट मिली है कि कोलकाता के कई हिस्सों में गैर जरूरी सामानों के लिए भी लोगों की भारी भीड़ देखी जा रही है. साथ ही, धार्मिक आयोजनों के लिए भी भीड़ जमा होने दी जा रही है और राशन वितरण भी तय प्रक्रिया के मुताबिक नहीं किया जा रहा है.

केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने ट्वीट कर कहा है कि हावड़ा फूल बाजार को खोलकर मुख्यमंत्री जन सुरक्षा को खतरे में डाल रही हैं और ये दिखा रहा है कि राज्य में स्थिति खतरनाक है.

अब सवाल है कि ऐसा क्या है जो पश्चिम बंगाल को देश के दूसरे राज्यों से अलग कर रहा है - और वहां लॉकडाउन का उल्लंघन हो रहा है. मोदी सरकार और ममता सरकार के आपसी मतभेद तो अपनी जगह हैं लेकिन जो घटनाएं सामने आ रही हैं वे तो सवालिया निशान खड़े कर ही रही हैं.

बाकी कुछ तो नहीं लेकिन एक विशेष बात जरूर है कि पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने हैं - तो क्या यही वजह है कि ममता बनर्जी लॉकडाउन को सख्ती से लागू करने में नरमी बरत रही हैं? रही बात लॉकडाउन के उल्लंघन की तो सबसे बड़ा मामला तो उद्धव ठाकरे के महाराष्ट्र में देखने को मिला है जब वधावन भाइयों के परिवार का 23 लोगों को जत्था 5 लक्जरी गाड़ियों से रफ्तार भरता हुआ खंडाला से महाबलेश्वर पहुंच गया - लेकिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के विभाग की तरफ से चिट्ठी तो सिर्फ ममता बनर्जी सरकार को भी भेजी गयी?

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